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Monday, 23 December, 2024
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राहुल गांधी का बड़ा एलान, बोले- असम में सत्ता में आने पर कांग्रेस कभी भी सीएए लागू नहीं करेगी

विधानसभा चुनावों से पहले असम में पहली रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि राज्य को ‘अपने मुख्यमंत्री’ की जरूरत है जो लोगों की आवाज सुने, न कि जो नागपुर और दिल्ली की आवाज सुने.

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शिवसागर (असम): भाजपा और आरएसएस पर असम को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी असम समझौते के हर सिद्धांत की रक्षा करेगी और अगर राज्य में सत्ता में आती है तो कभी भी संशोधित नागरिकता कानून लागू नहीं करेगी.

विधानसभा चुनावों से पहले असम में पहली रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि राज्य को ‘अपने मुख्यमंत्री’ की जरूरत है जो लोगों की आवाज सुने, न कि जो नागपुर और दिल्ली की आवाज सुने. असम में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

उन्होंने कहा, ‘असम समझौते से शांति आई है और यह राज्य के लिए रक्षक की तरह है. मैं और मेरी पार्टी के कार्यकर्ता समझौते के हर सिद्धांत की रक्षा करेंगे. इससे बिल्कुल नहीं भटकेंगे.’

गांधी ने कहा कि असम में अवैध आव्रजन एक मुद्दा है और विश्वास जताया कि राज्य के लोगों में वार्ता के माध्यम से मुद्दे के समाधान की क्षमता है.

असम समझौते के मुद्दे पर भाजपा और आरएसएस पर राज्य को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर असम बंटता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि असम के लोग और शेष भारत प्रभावित होंगे.’


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सीएए कानून लागू नहीं करेगी कांग्रेस

सीएए के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो किसी भी स्थिति में यह कानून लागू नहीं किया जाएगा.

गांधी सहित पार्टी के सभी नेता ‘गमछा’ पहने हुए थे, जिसपर सांकेतिक रूप से ‘सीएए’ शब्द को काटते हुए दिखाया गया, जो विवादास्पद कानून के खिलाफ एक संदेश था.

गांधी ने कहा कि असम को उनके ‘अपने लोगों’ में से एक मुख्यमंत्री की जरूरत है, जो उनके मुद्दों को सुने और उन्हें हल करने की कोशिश करे.

उन्होंने कहा, ‘रिमोट कंट्रोल एक टीवी चला सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री को नहीं. वर्तमान मुख्यमंत्री नागपुर और दिल्ली की बात सुनते हैं. अगर असम को फिर से इस तरह का मुख्यमंत्री मिलता है, तो इससे लोगों को कोई फायदा नहीं होगा. युवाओं को एक ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत है, जो उन्हें नौकरी दे.’

प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और ‘उनके करीबी व्यापारियों’ पर कटाक्ष करते हुए गांधी ने कहा, ‘मैंने असम के लिए एक नया नारा तैयार किया है – हम दो, हमारे दो; असम के लिये हमारे और दो, और सबकुछ लूट लो.’

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में प्राकृतिक संसाधनों और पीएसयू को देश के दो बड़े व्यवसायियों को ‘बेचा’ जा रहा है.

गांधी ने मोदी सरकार पर कोविड-19 महामारी के दौरान सार्वजनिक धन की ‘‘लूट’’ करने और ‘‘दो बड़े व्यवसायी दोस्तों’’ के ऋण माफ करने का भी आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के नेतृत्व में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने असम में हिंसा समाप्त कर शांति लाई थी.


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