नई दिल्ली : कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी सरकार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को नजरंदाज करने का आरोप लगाया. उन्होंने ओबीसी आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाते हुए जाति जनगणना कराने की मांग की और अपनी सरकार के दौरान कराए गए जाति जनगणना के आंकड़े को मोदी सरकार से जारी करने को कहा. उन्होंंने कहा, “हम जो ठान लेते हैं करके मानते हैं. जैसे कर्नाटक में हमारी सरकार आने पर पांच वादे लागू किए गए, वैसे ही केंद्र में हमारी सरकार आने पर जाति जनगणना कराएंगे और ओबीसी भाई, दलित भाई को उनकी आबादी के अनुसार हक देंगे.” गांधी ने महिला आरक्षण भी अभी से ही लागू करने कहा. मोदी सरकार से इस पर लगाई गईं शर्ते हटाने को कहा और इसमें ओबीसी महिलाओं को शामिल करने की मांग की है.
राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले पार्लियामेंट का विशेष सत्र काफी पूरे जश्न के साथ पुरानी से नई संसद भवन में ट्रांसफर किया गया.
महिला आरक्षण लागू भी होगा, पता नहीं : राहुल गांधी
उन्होंने कहा कि पहले तो मालूम नहीं था कि विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है और फिर पता लगा कि इसका मुख्य फोकस महिला आरक्षण है. यह तो अच्छा है लेकिन पता चला कि उसमें दो क्लाजेज जोड़े गए हैं. महिला आरक्षण देने से पहले इसमें जनगणना और परिसीमन की शर्त लगा दी गई है, जिससे इसे लागू करने में कई साल लगेंगे.
राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी को महिला आरक्षण पर जो जाति जनगणना या और परिसीमन की बात है इसकी शर्त हटाई जाए.
उन्होंने कहा, “सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज लागू किया जा सकता है. संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण दिया जा सकता है. लेकिन मोदी सरकार ये नहीं करना चाहती, वो सिर्फ गुमराह कर रही है, वह ओबीसी की जाति जनगणना से गुमराह कर रही है. वास्तिविकता ये है कि ये महिला आरक्षण 10 साल बाद लागू होगा या होगा भी की नहीं, कुछ नहीं पता.”
यह भी पढ़ें: BHU में विरोध का चेहरा, भगत सिंह की कट्टर समर्थक- कौन हैं आकांक्षा आजाद, जो NIA के निशाने पर हैं
ओबीसी को बनाया बड़ा मुद्दा, कहा- हमारी सरकार आने पर देंगे पूरा हक
कांग्रेस नेता गांधी ने ओबीसी को बड़ा मुद्दा बनाते हुए कहा कि, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम करते हैं. अगर वे ओबीसी के लिए काम करते हैं तो उनके 90 सचिवों में से 3 ही ओबीसी सचिव क्यों हैं?”
उन्होंने कहा, “ये ओबीसी ऑफिसर्स देश के बजट का कितना और क्या कंट्रोल कर रहे है? आदिवासी क्या कंट्रोल कर रहे हैं, दलित क्या कंट्रोल कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ओबीसी के सम्मान की बात करते रहते हैं लेकिन उनके लिए करते क्या हैं?”
राहुल ने कहा कि, “मुझे ये पता लगाना है कि हिन्दुस्तान में ओबीसी कितने हैं और जितने हैं उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए.”
उन्होंंने कहा कि मेरी बात पर मोदी सरकार ने जवाब दिया कि लोकसभा में ओबीसी का सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व उनकी पार्टी में है, उनके कैबिनेट में है.
कांग्रेस नेता ने कहा, “लेकिन मेरा सवाल है कि बजट कंट्रोल करने वाले जो ऑफिसर्स हैं केवल उसके 5% बजट पर ही ओबीसी फैसला कर रहे हैं. मेरा सवाल है कि क्या ओबीसी 5 प्रतिशत हैं?”
राहुल गांधी बोले- भाजपा में ओबीसी के नेता मूर्तियों की तरह हैं
राहुल गांधी ने कहा, “मैं एक बार मन बना लेता हूं तो छोड़ता नहीं हूं, मुझे ये पता लगाना है कि ओबीसी हिन्दुस्तान में कितने हैं. और जितने हैं उतनी भागीदारी इनको मिलनी चाहिए. भाजपा ने ओबीसी सांसदों को मंदिर की मूर्तियां बना रखी हैं. ओबीसी वहां मूर्तियां भर हैं, लेकिन पावर बिलकुल नहीं है. देश को चलाने में उनकी कोई भागीदारी नहीं है.”
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये बात अब हर ओबीसी युवा को समझना है कि क्या आपको इस देश को चलाने में भागीदारी मिलनी चाहिए या नहीं. अगर मिलनी चाहिए तो क्या आपकी आबादी 5 प्रतिशत हैं? जाति जनगणना हमने जो कराई थी सरकार बस उसे जारी कर दे. ताकि सारे ओबीसी युवाओं को पता चल जाए कि वे कितने हैं.
‘कर्नाटक में जैसे वादा पूरा किया, वैसे ओबीसी के लिए पूरा करूंगा’
गांधी ने कहा, “मैं हिन्दुस्तान की जनता को सशक्त करना चाहता हूं. ऐसा कहा जाता है कि ओबीसी 50 प्रतिशत तक हो सकते हैं. जबकि 90 में से 3 सेक्रेट्रीज ओबीसी हैं जो केवल 5 प्रतिशत बजट को कंट्रोल करते हैं. इस पर मुझे गुस्सा आता है और परेशानी होती है. इस देश में हो क्या रहा है.”
उन्होंने इस दौरान अडानी का भी मुद्दा उठाया और कहा, “एक तरफ अडानी को देश के सारे इंस्टीट्यूंस पकड़ा रहे हैं, और दूसरी तरफ जो हिन्दुस्तान की रीढ़ की हड्डी हैं, जो हिन्दुस्तान को चलाते हैं, उनको हम सरकार को चलाने में कोई जगह नहीं देते हैं.”
राहुल ने कहा कि, “हम जो ठान लेते हैं उसके करके मानते हैं, जैसे ही हमारी सरकार आएगी हमें इसे करेंगे. कर्नाटक में भी हमने कहा था कि जिस दिन वहां हमारी सरकार आएगी, पांच गारंटीज लागू हो जाएंगी. इस पर भी मैं कह रहा हूं कि हमारी सरकार आगी तो जाति जनगणना होगी, ताकि देश को पता लगे कि हमारे ओबीसी भाई कितने हैं, दलित भाई कितने हैं और उनको देश को चलाने में भागीदारी मिलेगी.”
उन्होंने कहा, “और प्रधानमंत्री को अपने अगले भाषण में हिन्दुस्तान को ये समझाना है कि 90 अफसर में से 3 ओबीसी क्यों है. यह मुख्य सवाल है. मैंने तो अभी दलितों, आदिवासियों की बात ही नहीं की.”
उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से जो आंकड़े आएंगे उससे लोगों को और पॉवर ट्रांसफर हो सकेगा. हिन्दुस्तान की ओबीसी, दलित, ट्राइबल महिलाएं उन्हें हमें पावर ट्रांसफर करना है. उनके हाथों में पावर देनी है. इसलिए जाति जनगणना जारूरी है. और जाति जनगणना किए बिना हम ये कर ही नहीं सकते.
संसद के विशेष सत्र में की थी कोटे के अंदर कोटे की मांग
गौरतलब है कि कांग्रेस के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान इसमें ओबीसी महिलाओं के कोटे के मांग की थी. साथ ही वह इस बिल को लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की शर्त हटाने को कहा था, ताकि ये बिल अभी लागू किया जा सके.
वहीं एक दिन पहले यह बिल राज्यसभा में 215 वोटों से पास हुआ था और एक भी वोट विरोध में नहीं पड़ा था, जबकि लोकसभा में इसके पक्ष में 454 वोट पड़े थे और दो वोट इसके विरोध में पड़े थे.
संसद का विशेष सत्र 18 सितम्बर से 22 सितम्बर तक के लिए बुलाया गया था और एक दिन पहले यानि 21 सितम्बर को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पास होने पर यह समाप्त हो गया.
यह भी पढ़ें : ‘अभी दिखाने के लिए बहुत कुछ बाकी है’, ‘प्राचीन राम मंदिर के अवशेष’ की फोटो शेयर करने के बाद बोले चंपत राय