scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमराजनीतिराहुल गांधी बोले- सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही, राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को निशाने पर लिया

राहुल गांधी बोले- सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही, राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को निशाने पर लिया

किसानों के आत्महत्या के मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश भर के किसान कष्ट में हैं. राजनाथ सिंह ने जवाब दिया कि किसानों की आत्महत्या घटी और उनकी दुर्दशा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.

Text Size:

नई दिल्लीः किसानों के मुद्दे के साथ राहुल गांधी एक बार फिर से सक्रिय होते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले गांधी ने गुरुवार को लोकसभा सत्र के शून्यकाल में किसानों का मुद्दा उठाया. कांग्रेस नेता केंद्र सरकार पर ‘दोहरा मानदंड’ अपनाने व इस तरह से फैसले लेने का आरोप लगाया जैसे ‘किसान अमीरों से कमतर हैं.’ किसानों के आत्महत्या के मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश भर के किसान कष्ट में हैं. वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जवाब में किसानों की बदतर हालत के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.

राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट 2019-20 में किसानों को राहत नहीं देने के लिए ‘ठोस कदम’ नहीं उठाए जाने पर नाखुशी जाहिर की. उन्होंने केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया.

राहुल ने केंद्र पर अमीर व्यापारियों की तुलना में किसानों को सिर्फ 4.3 लाख करोड़ रुपये की कर रियायत देने पर किसानों की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया. राहुल ने अमीर व्यापारियों को 5.5 लाख करोड़ रुपये की कर्ज माफी दिए जाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक दोहरा मानदंड क्यों? हमारी सरकार ऐसा बर्ताव क्यों कर रही जैसे हमारे किसान अमीरों से कमतर हैं?’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने पांच साल पहले किसानों के लिए कीमत व कृषि ऋण को लेकर कुछ प्रतिबद्धताएं की थीं. जैसा कि देश में किसानों के लिए भयावह स्थिति है, मैं सरकार से इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह करता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं यह देखकर दुखी हूं कि इस बजट में किसानों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.’

केरल में किसानों की ‘भयावह दुर्दशा’ की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए राहुल ने कहा कि वायनाड के एक किसान ने बुधवार को कर्ज की वजह से आत्महत्या कर ली. राहुल वायनाड से सांसद चुने गए हैं. उन्होंने कहा, ‘वायनाड में करीब 8,000 किसानों को कर्ज नहीं चुकाने पर बैंक नोटिस मिला है. किसान तत्काल रूप से बेदखली का सामना कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘उनकी संपत्तिया बैंक कर्ज को लेकर जब्त की गई हैं. इसके परिणामस्वरूप किसान आत्महत्या कर रहे हैं.’

वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण व प्रतिभूति ब्याज अधिनियम का प्रवर्तन 2002 (इसे एसएआरएफईएसआई एक्ट के नाम से जाना जाता है) बैंकों व दूसरे वित्तीय संस्थानों को कर्ज बकाएदारों की वाणिज्यिक व आवासीय संपत्तियों की नीलामी की अनुमति देता है.

राहुल गांधी ने कहा कि केरल में बैंकों द्वारा डेढ़ साल पहले से रिकवरी प्रक्रिया की शुरुआत करने से 18 किसानों ने आत्महत्या की है. कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ऋण स्थगन पर विचार करने व इसे लागू करने का निर्देश देने से इनकार कर रही है.

राजनाथ सिं बोले- पांच साल में कम हुईं किसानों की आत्महत्याएं  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पिछले पांच वर्षों में किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की संख्या में गिरावट आई है. उन्होंने देश में किसानों की वर्तमान दुर्दशा के लिए कांग्रेस सरकारों को दोषी ठहराया. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र को किसानों की ‘भयानक दुर्दशा’ के लिए दोषी ठहराया था. इसके बाद सिंह ने उनके आरोप का जवाब दिया है.

रक्षामंत्री ने कहा, ‘जहां तक किसानों की स्थिति का सवाल है, यह केवल चार-पांच वर्षो में नहीं हुआ. जो लोग दशकों से सरकार चला रहे थे, वे किसानों की स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं.’

शून्यकाल के दौरान सिंह ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनकी स्थिति में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा, ‘मैं दृढ़ता से कहता हूं कि इस सरकार द्वारा जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया गया है, वह आजाद भारत के इतिहास में किसी भी पिछली सरकारों द्वारा नहीं बढ़ाया गया.’

मंत्री ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी राज में किसानों की आय में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, ‘हम कई काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में कई उपाय भी किए हैं.’ सिंह ने राहुल गांधी के आरोप को नकारते हुए कहा, ‘पहले की सरकारों में अधिक आत्महत्याएं होती थीं.’

share & View comments