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Sunday, 3 November, 2024
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‘आपने गलत आदमी से पंगा ले लिया’, पंजाब के CM मान और मनप्रीत बादल के बीच क्यों चल रही है तीखी नोकझोंक

पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सीएम मान को 'अपनी जुबान पर काबू रखने' की चेतावनी भी दी क्योंकि मान ने उनके बहनोई को इस बहस में घसीटा था.

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के बीच पिछले एक सप्ताह से चल रही तीखी नोकझोंक ने आम आदमी पार्टी (आप) शासित राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ा रखी है.

सोमवार को एक-दूसरे पर हमले करते हुए, सीएम ने सार्वजनिक रूप से संपत्ति सौदे के मामले में बादल और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का वादा किया, जबकि भाजपा नेता ने मान को “अपनी जबान पर नियंत्रण रखने” और उन्हें “मुंह खोलने के लिए मजबूर नहीं करने” की चेतावनी दी.

बादल को उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और भाजपा नेता सरूप चंद सिंगला की शिकायत पर पिछले सप्ताह राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा तलब किए जाने के बाद दोस्त से दुश्मन बने दोनों ने मौखिक द्वंद्व शुरू कर दिया, जिन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने बठिंडा में बेहद कम कीमत पर एक प्लॉट खरीदने के लिए 2021 में वित्त मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया था.

सोमवार को ‘शहीद-ए-आजम’ क्रांतिकारी उधम सिंह की बरसी मनाने के लिए सुनाम पहुंचे मान ने कहा कि “मनप्रीत बादल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर निष्पक्ष होने के लिए उनकी सराहना की जाएगी.”

मान ने कहा, “मैं इस बात से इनकार नहीं करता कि मनप्रीत बादल मुझे राजनीति में लाए, लेकिन जिन सिद्धांतों पर हमने राजनीति करने का फैसला किया था, उन्हें मनप्रीत ने बहुत पहले ही छोड़ दिया था. उनके जैसे लोगों को ‘काकाजी’ कहा जाता है जबकि हम साधारण परिवारों से हैं.”

उन्होंने 2009 में शिरोमणि अकाली दल छोड़ने से लेकर 2016 में कांग्रेस में शामिल होने और फिर इस साल की शुरुआत में भाजपा में शामिल होने तक बादल की राजनीतिक यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, “ये वे लोग हैं जो एक दिन मुगलों के साथ थे और फिर अंग्रेजों के साथ थे. एक समय वे अकालियों के साथ थे, फिर कांग्रेस के साथ और अब भाजपा के साथ.”

बादल ने सोमवार शाम एक वीडियो संदेश में मान की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने सुनाम में मान द्वारा उन्हें दी गई “धमकी” के बारे में सुना है.

उन्होंने मान से कहा, “मैं आपको केवल यह याद दिलाना चाहता हूं कि शक्ति और लोकप्रियता कभी स्थायी नहीं होती. यदि कोई व्यक्ति है जो पीपीपी (पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब) के गठन के समय निर्धारित सिद्धांतों पर कायम रहा है, तो वह मैं हूं. और अगर कोई है जिसने उन सिद्धांतों को त्याग दिया है, तो वह आप हैं.”

पीपीपी की स्थापना बादल ने तब की थी जब उन्होंने 2009 में अकाली दल छोड़ दिया था. उन्होंने मान को, जो उस समय एक लोकप्रिय कॉमेडियन थे, पार्टी के माध्यम से राजनीति में पेश किया और उन्हें इसका उपाध्यक्ष बनाया. 2016 में बादल ने पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया और मान ने 2014 में पीपीपी छोड़ दी थी.

मान को संबोधित करते हुए, बादल ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “आप हेलीकॉप्टरों और हवाई जहाजों में भारत में ऐसे घूम रहे हैं जैसे कि आप एक मुगल राजकुमार हों. अगर आपको अतीत की बातें याद हैं, तो मुझे भी याद है कि आप मेरी कार में कैसे घूम रहे होंगे. मुझे अपना मुंह खोलने के लिए मजबूर मत करो क्योंकि अगर मैं ऐसा करूंगा तो तुम्हें पंजाब में छिपने की जगह नहीं मिलेगी.

उन्होंने आगे कहा, “बुद्धिमान लोग अक्सर कहते हैं कि व्यक्ति को अपनी जबान पर नियंत्रण रखना चाहिए, और मैं आपको भी ऐसा ही करने का सुझाव दूंगा. धमकियां कायर लोग देते हैं. तुमने गलत आदमी से पंगा लिया है. मैं आपसे या आपकी धमकियों से नहीं डरता. ईमानदारी की पिच पर खेलोगे तो मैं इससे बेदाग निकलूंगा. और यदि नहीं, तो आप मेरे खिलाफ अपनी पुलिस, सतर्कता या कुछ भी इस्तेमाल करने और किसी भी तरह का मामला दर्ज कराने के लिए स्वतंत्र हैं और मैं इसका सामना करूंगा.”


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सतर्कता जांच के मद्देनजर, बादल ने पिछले मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि बठिंडा प्लॉट एक मानक ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया गया था, और उनके पास कीमत को प्रभावित करने का कोई साधन नहीं था.

उन्होंने कहा, “मैं हमेशा सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही का प्रबल समर्थक रहा हूं और मैं इस भूखंड की खरीद के बारे में मुझसे पूछने वाले सतर्कता ब्यूरो का स्वागत करता हूं. लेकिन मेरे खिलाफ शिकायत पूरी तरह से निराधार है. वास्तव में, मैं पंजाब सरकार के खजाने का एक-एक पैसा बचाने की कोशिश में सबसे आगे रहा हूं.”

इसके बाद बादल ने मान को चुनौती दी कि वह उनके खिलाफ वित्तीय हेराफेरी का कोई सबूत ढूंढकर दिखाएं. बादल ने कहा, “मैं आपको बता दूं भगवंत,” बादल ने कहा, “मैं न तो आपसे डरता हूं और न ही आपके सतर्कता ब्यूरो से. मेरे विरुद्ध कुछ भी खोजने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाओ, लेकिन तुम ऐसा नहीं कर पाओगे.”

बादल ने आगे दावा किया कि वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने “उदाहरण के साथ नेतृत्व किया”. उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी अपनी आधिकारिक कारों में ईंधन के लिए या यहां तक कि अपनी हवाई और रेल यात्रा के लिए भी सरकार से शुल्क नहीं लिया है.”

प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मान ने ट्वीट किया कि वह बादल के बारे में सब कुछ जानते हैं और खजाने का एक-एक पैसा बचाने के उनके दावे ”नाटक” के अलावा कुछ नहीं थे.

एक दिन बाद बादल ने ट्वीट किया कि नाटक करना मान का पेशा है, उनका नहीं. उन्होंने पीपीपी में रहने के दौरान मान के भाषण का एक छोटा वीडियो भी संलग्न किया, जिसमें उन्होंने “पंजाब की राजनीति में मनप्रीत बादल द्वारा निभाई गई भूमिका” की सराहना की थी.

रविवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने न सिर्फ बादल बल्कि उनके बहनोई जयजीत सिंह उर्फ जोजो पर भी हमला बोला और दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी. मान ने कहा, “मनप्रीत ने जोजो तो जो जो कराया है, उसका हिसाब देना पाएगा.”

“जब उन्होंने मुझे अपनी पार्टी (पीपीपी) का उपाध्यक्ष बनाया, तब भी मैं वही काम कर रहा था. क्या कलाकार होना ग़लत है? मैंने क्या नाटक किया है? जब मैंने अपना करियर (राजनीति में शामिल होने के लिए) छोड़ा, तब मनप्रीत बादल इसकी सराहना करते थे.”

सीएम ने बताया, “वह (बादल) टोल प्लाजा पर टोल का भुगतान कर रहे होंगे, लेकिन क्या उन्होंने कभी अवैध टोल प्लाजा को बंद करने की जहमत उठाई, जो मैं अब कर रहा हूं? टोल प्लाजा पर भुगतान करना या अपना वाहन खुद चलाना कितनी बड़ी उपलब्धि है? ये बातें लोग तय करते हैं. वह बठिंडा से 64,000 वोटों से हार गए.”

मंगलवार को बादल ने कहा कि उनके जीजा के खिलाफ मान के आरोपों के संबंध में उन्हें कुछ नहीं कहना है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “सीएम मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं ढूंढ पाए हैं और इसलिए वह दूसरों को इसमें घसीटने की कोशिश कर रहे हैं.”

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(संपादन: अलमिना खातून)


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