लखनऊ : बीते लोकसभा चुनाव और राज्यसभा में लगे झटके के बाद समाजवादी पार्टी सड़क पर संघर्ष कर संगठन में जान फूंकने के प्रयास करने में जुट गई है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा नेता व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में जिला मुख्यालय पर अगस्त क्रांति दिवस के दिन विरोध प्रदर्शन किया.
राज्य की कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर हुए इस प्रदर्शन के दौरान लखनऊ के कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस लाठीचार्ज में कई सपाई घायल हुए हैं. शुक्रवार दोपहर सपा नेता व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट के मुख्य भवन गेट पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. इस बीच सपाइयों ने बैरिकेडिंग को तोड़कर परिसर में घुसने का प्रयास किया. जिसके बाद पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां भांजी.
अखिलेश नहीं दिखे, कार्यकर्ताओं ने किया संघर्ष
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस विरोध प्रदर्शन में नहीं दिखे. लेकिन उनका निर्देश था कि धरना कार्यक्रम में पार्टी के सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं सहित समाजवादी पार्टी के सभी युवा संगठन, महिला सभा तथा अन्य प्रकोष्ठों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता ने हिस्सा लिया. इस दौरान सपाइयों ने 25 सूत्रीय मांगें भी रखी.
इन मांगों में उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ न्याय और इस प्रकरण में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने, सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में पिछले महीने सामूहिक कत्लेआम का कारण बनी जमीन को आदिवासियों को आवंटित कर राजस्व अभिलेख में उनका नाम स्थायी रूप से दर्ज करने और सोनभद्र के उम्भा गांव के नरसंहार की घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने, अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रेक अदालत के जरिए अविलंब सजा दिलाने की मांगें प्रमुख हैं.
इसके अलावा रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय में राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा ‘अत्याचार’ तत्काल बन्द करने, सांसद आजम खां के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे समाप्त करने, विधायक अब्दुल्ला आजम खां पर ‘उत्पीड़न एवं अवैध कार्रवाई’ पर रोक लगाने, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के बजाय मतपत्रों से चुनाव की व्यवस्था कराने की मांगें भी शामिल हैं.
अलीगढ़ में फूंका सीएम का पुतला
अलीगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका, तो पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. इस दौरान करीब एक दर्जन कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी. सभी को पुलिस लाइन स्थित सम्मेलन कक्ष में रखा गया. इस बीच कार्यकर्ताओं ने लगातार पुलिस प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.