scorecardresearch
Friday, 1 November, 2024
होमराजनीतितमिलनाडु में गरीबी रेखा नहीं बल्कि संपन्नता रेखा पर मेरा ध्यान होगा: कमल हासन

तमिलनाडु में गरीबी रेखा नहीं बल्कि संपन्नता रेखा पर मेरा ध्यान होगा: कमल हासन

अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में अपनी पार्टी की आर्थिक विचारधारा को समझाया और बताया कि तमिलनाडु में क्यों भाजपा की ब्रांड की राजनीति नहीं चलेगी.

Text Size:

चेन्नई: अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने तमिलनाडु में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में कोयंबटूर दक्षिण सीट से लड़ने का फैसला कई कारणों से किया है, इसमें मुख्यत: ‘लोकतांत्रिक पकड़ मजबूत करना’ और क्षेत्र का ‘आर्थिक स्तर फिर उठाना’ शामिल है.

चेन्नई में दिप्रिंट से बातचीत में हासन ने कहा, ‘लोकतांत्रिक पकड़ मजबूत करने के लिए यह एक अच्छा निर्वाचन क्षेत्र है क्योंकि मैं भाजपा और कांग्रेस के साथ सीधे मुकाबले में रहूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘कोयंबटूर दक्षिण क्षेत्र कई बार साजिशन सांप्रदायिक तनाव का गवाह बना है. इसका मुकाबला करने के लिए मेरी जैसी किसी आवाज की ही जरूरत है.’

हासन ने फरवरी 2018 में मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) पार्टी का गठन किया था, उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि ‘लोगों के लिए राजनीति’, ‘सभी की प्रगति’ सुनिश्चित कर सकें और किसी भी मुद्दे को वामपंथी या दक्षिणपंथी दृष्टिकोण के साथ न देखा जाए. उन्होंने सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के भ्रष्टाचार को उजागर करने की मंशा भी जताई थी.

अभिनेता से नेता बने हासन ने कहा, ‘मैंने केवल भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने और सांप्रदायिक असंगति को दूर करने के लिए कोयंबटूर दक्षिण सीट को नहीं चुना, बल्कि अन्नाद्रमुक के गढ़ कोयंबटूर दक्षिण, जहां से माननीय मुख्यमंत्री इलापड्डी पलानीस्वामी आते हैं, में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए यह क्षेत्र चुना है.

उन्होंने आगे कहा कि वह इस क्षेत्र में इकोनॉमिक रिवाइवल भी शुरू करेंगे. उन्होंने कहा, ‘कोयंबटूर कभी भारत के मैनचेस्टर के तौर पर जाना जाता था, लेकिन यहां की सरकारों के कारण इसकी सारी चमक और धमक कहीं खो गई. डीएमके के शासनकाल में 16 घंटे बिजली कटौती ने उद्योगों का कोई भला नहीं किया, उनमें से ज्यादातर यहां से चले गए और जाकर दूसरों राज्यों में खुद को स्थापित किया. और फिर नोटबंदी और जीएसटी की बारी आ गई.’

आर्थिक स्थिति में सुधार की अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए हासन ने कहा कि एमएनएम की आर्थिक विचारधारा लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार पर केंद्रित है.

उन्होंने कहा, ‘यह केवल तभी हासिल किया जा सकता है जब फोकस गरीबी रेखा पर कम और ‘समृद्धि रेखा’ पर अधिक केंद्रित हो.’

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘हर सरकार, चाहे वह केंद्र हो या राज्य पॉवर्टी लाइन को ही देखती है. हालांकि, मैं प्रॉस्पैरिटी लाइन पर ध्यान देना चाहता हूं. मैं तमिलनाडु को समृद्धि की उस रेखा से ऊपर लाना चाहता हूं ताकि कोविड जैसी स्थिति, नोटबंदी आदि जैसी आपदाओं के समय भी लोग इस समृद्धि रेखा से नीचे न खिसकें और ऐसे हालात में भी खुद को संभाल पाएं.’


यह भी पढ़ें: भारत ने की सीरिया पर प्रतिबंधों में ढील देने की हिमायत, कहा- कोरोना से मानवीय संकट गहराया


हिंदुत्व और द्रविड़ विचारधारा

अभिनय से राजनीति के क्षेत्र में आए हासन ने कुछ नेताओं— द्रमुक के दयानिधि मारन और सीपीएम से जुड़े कुछ नेता—के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी मक्काल निधि मय्यम भाजपा की बी-टीम है.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा कि उन्हें इसमें ‘कोई संदेह नहीं है’ कि भाजपा विघटन की राजनीति की वकालत करती है. उन्होंने कहा, ‘जरूरी यह है कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म के बीच अंतर को समझा जाए. इसमें एक राजनीतिक हथियार है और दूसरा एक आध्यात्मिक मार्ग.’

अभिनेता ने आगे कहा कि भाजपा की ‘हिंदू धर्म को हथियार बनाने की राजनीति’ भारतीय संविधान के एकदम उलट है और उन्हें पूरा भरोसा है कि पार्टी की ब्रांड की राजनीति तमिलनाडु में बहुत असर नहीं डाल पाएगी.

उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु एक बेहद मिलनसार किस्म का राज्य है और भाजपा की राजनीति के विपरीत हमेशा एकजुट रहेगा.’

हालांकि, हासन ने अपनी पार्टी एमएनएम को द्रविड़ विचारधारा वाली पार्टी के रूप में संदर्भित करने में हिचकिचाहट दिखाई. उन्होंने कहा, ‘द्रविड़ियन शब्द केवल राजनीतिक नहीं है. कुछ दलों ने इसका राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल किया है लेकिन वे द्रविड़वाद जैसी मानवशास्त्रीय स्थिति का दावा नहीं कर सकते.’ साथ ही जोड़ा कि द्रविड़ियन शब्द उनके लिए केवल दक्षिण भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कुछ ऐसा है जो पैन-नेशनल है.

अपनी पार्टी के सिद्धांतों के बारे में हासन का कहना है, ‘हमारा ‘वाद’ केंद्रवाद है.’

उन्होंने कहा, ‘दुनिया दक्षिण और वाम के बीच बहस करके अपनी ऊर्जा को बर्बाद कर रही है, जिससे कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है.’

उनके अनुसार, केंद्रवाद की विचारधारा केंद्र की विचारधारा नहीं है, बल्कि लोगों को प्रभावी ढंग से चीजों में शामिल करना है.


यह भी पढ़ें: चोट से हो सकता है ‘ममता को फायदा’- BJP ने बंगाल में नेताओं को नंदीग्राम घटना का ज़िक्र करने से भी मना किया


क्या बात एमएनएम को अलग करती है

एमएनएम की तरफ से दिसंबर में पेश आर्थिक पुनरुद्धार योजना के तहत हासन ने तमिलनाडु को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का विजन डॉक्यूमेंट जारी किया था.

विजन डॉक्यूमेंट का एक हिस्सा गृहिणियों को वित्तीय क्षतिपूर्ति पर केंद्रित था. इसके बाद दोनों प्रमुख दलों द्रमुक और अन्नाद्रमुक ने परिवार की मुखिया महिलाओं के लिए क्रमशः 1,000 रुपये और 1,500 रुपये मासिक भत्ते की घोषणा की थी.

हालांकि, हासन इस सबसे अप्रभावित हैं. उन्होंने कहा, ‘अन्नाद्रमुक और द्रमुक इसे अपने विचारों के तौर पर आगे बढ़ाएंगे. हालांकि, ऐसे कई विचार हैं, जिस पर उन्होंने कभी भी अमल नहीं किया है. उनके लिए निष्क्रियता एक प्रमुख गुण है और भ्रष्टाचार कोई बड़ा मुद्दा ही नहीं है.’

हासन ये कहकर एमएनएम को अन्य दलों से अलग बताते हैं कि दूसरों के लिए राजनीति आजीविका का एक साधन है जिसके लिए वह अपराधियों को विधायक बनाते हैं और जीत के लिए काफी पैसा खर्च करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह एक पेशा नहीं है, बल्कि एक प्रतिबद्धता है. अन्य दल सामाजिक न्याय की आड़ में अपने अपराधों को छिपाते हैं. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और जो है वो सबके सामने है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: सरकारी बैंकों में दूसरे दिन भी हड़ताल जारी, राहुल गांधी ने कहा- बैंकों को बेचना वित्तीय सुरक्षा से खिलवाड़


 

share & View comments