नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को दावा किया है दिल्ली में संसद भवन की नई इमारत ‘पैसे की बर्बादी है’ और बल्कि यह प्रधानमंत्री के ‘निजी गर्व का प्रोजेक्ट’ के सिवा और कुछ नहीं है.
कांग्रेस नेता के मुताबिक पीएम मोदी उस हर ‘तानाशाह’ की तरह हैं जो इस संसद नये भवन के जरिए अपने पीछे आर्किटेक्चर की विरासत छोड़कर जाना चाहता है. जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘निजी गर्व का यह पहला प्रोजेक्ट है. हर तानाशाह अपने पीछे ऑर्किटेक्चर की विरासत छोड़कर जाना चाहता है. पैसे की भारी बर्बादी.’
The first of the personal vanity projects. Every dictator wants to leave behind his architectural legacy. Collosal waste of money. https://t.co/56Zhvtp1fG
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 30, 2023
इससे पहले बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने नये संसद भवन अचानक दौरा किया था.
उन्होंने वहां एक घंटे से ज्यादा बिताया औऱ विभिन्न कार्यों का निरीक्षण किया. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के दोनों सदनों के लिए सुविधाओं का अवलोकन किया और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से बात की.
कांग्रेस पार्टी के नेता संसद के नये भवन का निर्माण और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा के समय से ही आलोचना करते रहे हैं.
इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा था, ‘मिस्टर मोदी, इतिहास में यह भी दर्ज होगा कि जब 16 दिन से किसान सड़कों पर अपने हक के लिए लड़ रहे थे तब आप सेंट्रल विस्टा के नाम पर अपने लिए पैलेस बनवा रहे थे. लोकतंत्र में, सत्ता सनक को पूरा करने के लिए नहीं होती, यह जनसेवा और कल्याण के लिए होती है.’
उन्होंने कहा था कि संसद का यह भवन मोर्टार (चूना-गारा) या पत्थर के लिए नहीं होता, यह लोकतंत्र का खयाल करने और संविधान को अत्मसात करने के लिए होता है.
उन्होंने ट्वीट किया था, ‘डियर पीएम, संसद चूना गारा या पत्थर नहीं. यह लोकतंत्र का खयाल करने के लिए होता है. यह संविधान को आत्मसात करता है. यह आर्थिक-राजनीतिक-सामाजिक बराबरी के लिए है. यह करुणा और भाईचारे के लिए है. यह 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं के लिए होता है.’
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह का भी बहिष्कार किया था.
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