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Wednesday, 17 September, 2025
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प्रियंका का नया घर: कांग्रेस सांसद ने वायनाड में ज़मीनी स्तर पर जुड़ाव बढ़ाने की ठानी

पहली बार सांसद बनी प्रियंका कई बार क्षेत्र का दौरा कर चुकी हैं, लेकिन यह दौरा अब तक का सबसे लंबा है. वे करीब 10 दिन वायनाड में रुक सकती हैं.

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तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्होंने केरल की वायनाड सीट से अपना पहला चुनाव जीता था, अब वायनाड में एक घर खरीदने की तैयारी कर रही हैं ताकि वे अपने क्षेत्र में ज़्यादा समय बिता सकें.

वायनाड के कई कांग्रेस पदाधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि प्रियंका ज़िले में संपत्ति खरीदकर यहां शिफ्ट होना चाहती हैं. हालांकि, सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां इसमें बड़ी अड़चन हैं.

एक पदाधिकारी ने कहा, “टीम ऐसी जगह देख रही है जो आसानी से पहुंच में हो और चारों तरफ से सड़क कनेक्टिविटी हो.” उन्होंने कहा कि ज़िले में कभी माओवादियों की गतिविधियां रही हैं, जो सुरक्षा के लिहाज़ से चिंता का कारण हैं. टीम अब तक तीन मकान देख चुकी है.

पहली बार सांसद बनीं प्रियंका इन दिनों अपने क्षेत्र के दौरे पर हैं. पदाधिकारी ने बताया कि प्रियंका भाषा प्रशिक्षकों की मदद से मलयालम सीखने की भी कोशिश कर रही हैं.

यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा रहा है जब आलोचक उन्हें वायनाड से अनुपस्थित रहने को लेकर निशाना बनाते रहे हैं, वैसी ही आलोचना जो उनके भाई राहुल गांधी को भी झेलनी पड़ी थी.

गांधी परिवार वायनाड को अक्सर अपना “घर” कहता रहा है, खासकर राहुल की 2019 की जीत के बाद से. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राहुल ने कहा था कि उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी से यहां एक महीने रुकने का आग्रह किया था, लेकिन उमस की वजह से वह नहीं रुक सकीं.

एक अन्य पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा, “पहले उन्होंने कहा था कि वे यहां घर लेंगी और रहेंगी. हमें लगता है कि यह होगा. कुछ कार्रवाइयां इस दिशा में हो रही हैं. जानकारी मिल रही है कि वे जगह देख रहे हैं.”

प्रियंका ने नवंबर 2024 के उपचुनाव में वायनाड से जीत दर्ज की थी, जब उनके भाई राहुल ने यह सीट छोड़ दी थी. राहुल ने वायनाड और रायबरेली दोनों से चुनाव जीता था. प्रियंका ने अपने पहले ही चुनाव में सीपीआई के उम्मीदवार सथ्यान मोकेरी को 4,10,931 वोटों से हराया था, यह राहुल की पिछली जीत से 46,509 वोट अधिक थे.

उत्तरी केरल में स्थित वायनाड में मणंतवाडी, सुल्तान बथेरी और कलपेट्टा विधानसभा क्षेत्र आते हैं. पश्चिमी घाट में बसा यह ज़िला कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा से जुड़ा है और हिल स्टेशनों की वजह से एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है.

हालांकि, सीमित सड़क संपर्क के कारण यह ज़िला पिछड़ा माना जाता है. यहां का नज़दीकी मेडिकल कॉलेज कोझिकोड (कैलिकट) में है, जहां तक पहुंचने में पश्चिमी घाट से होकर करीब तीन घंटे लगते हैं. इसमें 14 किलोमीटर का थमरास्सेरी घाट मार्ग शामिल है, जहां अक्सर ट्रैफिक जाम लगता है. इसके अलावा वायनाड तक कन्नूर एयरपोर्ट और बेंगलुरु से भी सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है.

इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष लियोनेल मैथ्यू ने दिप्रिंट से कहा, “उन्हें रुचि है, लेकिन क्लियरेंस लेने में दिक्कतें हैं. यहां कुछ समय पहले तक माओवादी समस्या थी. अब ज़्यादातर खत्म हो चुकी है, लेकिन पूरी तरह से नहीं. प्रियंका जब भी क्षेत्र में आती हैं तो वायनाड में ही रहती हैं.”

सबसे लंबा दौरा

चुनाव जीतने के बाद से प्रियंका कई बार वायनाड का दौरा कर चुकी हैं, लेकिन मौजूदा दौरा अब तक का सबसे लंबा है. इस बार वह सीधे मतदाताओं और लोगों से जुड़ रही हैं, जबकि पहले के दौरों में ज़्यादातर पार्टी कार्यक्रम और रैलियां शामिल होती थीं.

पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक, प्रियंका 11 सितंबर को वायनाड पहुंची थीं और वे यहां लगभग 10 दिन रुक सकती हैं.

पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस सांसद ने मतदाताओं और प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की है, जिनमें शामिल हैं, डॉ. अरुण ज़कारियाह (वन एवं वन्यजीव विभाग के मुख्य पशु चिकित्सा शल्य चिकित्सक), लेखक एम.एन. करस्सेरी, थमरास्सेरी और मणंतवाडी के बिशप, इस्लामिक विद्वान अब्दुल हकीम अज़हरी, और पद्मश्री विजेता चेर्वयाल रामन, जो दुर्लभ बीजों के संरक्षण के लिए मशहूर आदिवासी किसान हैं.

उनके कार्यक्रम में पदंजरत्थारा, पूझिथोडे का दौरा भी शामिल है, जहां 31 साल से एक सड़क परियोजना अटकी हुई है. इसके अलावा वह पेयजल परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगी और प्रियदर्शिनी टी फैक्ट्री के आदिवासी श्रमिकों से संवाद भी करेंगी.

कांग्रेस की ज़िला इकाई को उम्मीद है कि प्रियंका की मौजूदगी से पार्टी संगठन को मजबूती मिलेगी, खासकर स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनाव से पहले.

इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष लियोनेल मैथ्यू ने कहा, “चुनाव आने वाले हैं, ऐसे में प्रियंका गांधी की मौजूदगी बड़ा हौसला देती है. राजनीति से परे यह उनके क्षेत्र से अनुपस्थिति को लेकर हो रही आलोचना का भी जवाब है.” उन्होंने कहा कि ऐसे दौरे विधानसभा चुनाव तक लगातार होते रहेंगे.

गौरतलब है कि प्रियंका का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब कांग्रेस आंतरिक गुटबाज़ी से जूझ रही है. पार्टी के पालक्काड विधायक राहुल मामकूटाथिल को यौन शोषण के आरोप में निलंबित करने को लेकर विवाद जारी है. वहीं, वायनाड इकाई भी हाल ही में अपने दो कार्यकर्ताओं की आत्महत्या से घिरी हुई है, जिनमें से एक की मौत पिछले हफ्ते गुटबाज़ी से जुड़ी बताई गई.

वायनाड, जहां कांग्रेस का मजबूत जनाधार है, उन्होंने पहली बार 2019 में गांधी परिवार को तब चुना जब राहुल गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा. पिछले साल राहुल ने वायनाड सीट से इस्तीफा देकर प्रियंका को यहां उतारा था. एक जनसभा में उन्होंने कहा था कि वह अपनी बहन के साथ मिलकर क्षेत्र के ‘अनौपचारिक सांसद’ बने रहेंगे.

अपने भाषण में प्रियंका ने कहा था कि वायनाड उनके परिवार का हिस्सा है और वह यहां घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं समझेंगी. उन्होंने कहा था, “जब पूरी दुनिया मेरे भाई के खिलाफ थी, तब आपने उनके साथ खड़े रहकर उन्हें प्यार दिया, उन्हें लड़ने का साहस दिया. मेरा पूरा परिवार हमेशा आपका ऋणी रहेगा.” उन्होंने वायनाड और गांधी परिवार के रिश्ते को और मजबूत करने का वादा किया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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