मुजफ्फरनगर (उप्र): कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना पुरानी कहानियों के ‘अहंकारी राजा’ से करते हुए शनिवार को कहा कि वह (प्रधानमंत्री) यह समझने में असमर्थ हैं कि देश को सुरक्षित रखने वाले ‘जवान’ भी किसान के बेटे हैं.
आज मुजफ़्फरनगर के बघरा में किसान पंचायत में हिस्सा लिया।किसान देश का हृदय हैं। वे देश को जीवित रखते हैं। किसान खुद्दार हैं, इस लड़ाई में किसानों के साथ रहूँगी, ग़द्दारी नहीं करूँगी। pic.twitter.com/nR5y9BZEdO
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 20, 2021
कांग्रेस नेता ने यहां एक ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित करते हुए डीजल की बढ़ती कीमतों समेत कई मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने कभी किसानों की बात नहीं सुनी और उनकी राजनीति सिर्फ उनके खरबपति पूंजीपति मित्रों के लिए है.
उन्होंने कहा, ‘पुरानी कहानियों में अहंकारी राजा होते थे, जैसे जैसे उनकी सत्ता बढ़ती जाती थी, वह अपने महल में सिमटते जाते थे. लोग उनके सामने सच्चाई कहने से डरने लगते, उनके सामने गिड़गिड़ाने लगता… ऐसा लगता है कि हमारे प्रधानमंत्री भी एक तरह से उन्ही अहंकारी राजाओं की तरह बन गये है.’’
प्रियंका ने कहा, ‘उन्हें यह नहीं समझ नहीं आ रहा है कि जो जवान देश की सीमा को सुरक्षित रखता है वह (भी) किसान का बेटा है.’
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए, प्रियंका ने दावा किया कि नये कृषि कानूनों से सरकारी ‘मंडियों’ और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली खत्म हो जायेगी.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘आपके अधिकार भी समाप्त हो जाएंगे. जिस तरह से उन्होंने पूरे देश को अपने दो-तीन मित्रों को बेच दिया है, उसी तरह से वह आपको (किसानों), आपकी जमीन को अपने खरबपति दोस्तों की कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘2018 में आपको डीजल 60 रुपये में मिलता था लेकिन आज 80 से 90 रुपये में मिल रहा है, बिजली का बिल बढ़ गया है और गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ती जा रही है लेकिन आपको अपने गन्ने का दाम नहीं मिल रहा है, इसकी कीमत वही है.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार ने पिछले साल डीजल पर कर लगाकर 3.5 लाख करोड़ रुपये कमाए, मैं पूछना चाहती हूं कि पैसा कहां गया.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि परेशान किसान की बात सुनने वाला कोई नहीं है. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की सीमा प्रधानमंत्री मोदी के घर से पांच-छह किलोमीटर दूर होगी और जो प्रधानमंत्री अमेरिका जा सकते हैं, चीन और पाकिस्तान जा सकते हैं, वह लाखों किसानों के पास नहीं जा सके, न उनके (किसानों) आंसू पोछ पाये और न ही उनकी बात सुन पाये, क्योंकि उनकी राजनीति अपने खरबपति पूंजीपति मित्रों के लिए है.’
प्रियंका ने कहा, ‘इस समय जब किसान परेशान हैं तो आप देखेंगे कि उनके खरबपति मित्रों ने कितना पैसा कमाया तो आप चौंक जायेंगे. हजारों करोड़ रुपये कमाये है और आप अपने हक के लिये सड़क पर बैठे संघर्ष कर रहे हैं, आंदोलन कर रहे हैं और आपको कोई सुनने को तैयार नहीं है.’
कृषि कानूनों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए कानून बनाये हैं तो क्या वे बता सकते हैं कि किस किसान ने इसे बनाया और किस किसान से इसमें सलाह ली गई और अगर पूरे देश के किसान कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी, हमें इन कानूनों की जरूरत नहीं है तो फिर इन कानूनों को वापस क्यों नहीं लिया जाता.’
तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 28 नवंबर से ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली के टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं.
सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है कि वह एमएसपी और मंडी प्रणाली को समाप्त करने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी किसानों को आश्वासन दिया है कि एमएसपी जारी रहेगी.