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Friday, 20 December, 2024
होमराजनीतिप्रियंका गांधी ने जंतर-मंतर पर पहलवानों से की मुलाकात, कहा- बृजभूषण को बचाने की इतनी कोशिश क्यों?

प्रियंका गांधी ने जंतर-मंतर पर पहलवानों से की मुलाकात, कहा- बृजभूषण को बचाने की इतनी कोशिश क्यों?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की. डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे जांच पैनल के बारे में वह कहती हैं कि समितियां बातचीत को भटकाने का एक तरीका हैं.

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नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे पहलवानों से मिलने के बाद शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन पर यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाया गया है.

कर्नाटक में चुनाव प्रचार के बीच प्रियंका गांधी शनिवार सुबह जंतर मंतर पहुंची. उनके साथ कांग्रेस नेता और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी थे.

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे कुछ शीर्ष नामों सहित पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर इस सप्ताह के शुरू से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

सिंह पर कम से कम सात महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न करने का आरोप है.

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, प्रियंका ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि सिंह उन्हीं की पार्टी से कैसरगंज से सांसद हैं.

प्रियंका ने आरोपों की जांच के लिए गठित जांच समिति पर सवाल उठाते हुए कहा,“अगर वह (पीएम) थोड़ी भी परवाह करते, तो वे कम से कम उनसे बात करते, उन्हें बुलाते. जब वे मेडल लेकर आए, तो उन्हें बुलाया गया, है न? उन्हें चाय पिलाई गई. तो उन्हें अब भी बुलाएं. उनसे बात करें. वे बेटियां हैं. वे सभी हमारी बेटियां हैं.”

जनवरी में पहलवानों के कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच पैनल की घोषणा की थी, जिन्होंने कई दिनों की टालमटोल के बाद आखिरकार घोषणा की थी कि वह अस्थायी रूप से अपने पद से हट रहे हैं.

पैनल, जिसका नेतृत्व भारत के शीर्ष मुक्केबाज एम.सी. मैरीकॉम ने किया, ने अप्रैल में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी लेकिन उसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.

डब्ल्यूएफआई के पद से बर्खास्त किए जाने की मांग के साथ प्रियंका गांधी ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि इन समितियों का क्या मतलब है. यह पूरी बातचीत को दूसरी दिशा में मोड़ने का एक तरीका है. वे कहेंगे कि हम एक समिति बना रहे हैं, आप कृपया समिति से बात करें. और वहीं बात खत्म हो जाती है. सरकार यही चाहती है.”

‘उनके साथ खड़े रहें’

शनिवार को प्रेस से बात करते हुए, प्रियंका गांधी ने कहा कि यह असामान्य नहीं है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए भाजपा द्वारा सजा नहीं दी जाती है.

उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश या देश में कहीं भी गांवों का उदाहरण लें. जब महिलाओं पर अत्याचार होता है तो सरकार चुप हो जाती है. महिलाएं प्राथमिकी दर्ज नहीं करा सकतीं. अगर एफआईआर दर्ज की जाती है, तो उन्हें कॉपी नहीं दी जाती है. यह कोई नई कहानी नहीं है.”

“जब इतनी सारी लड़कियां, जिन्होंने देश, अपने परिवार, अपने राज्य के लिए इतना कुछ किया है… जब वे इतनी व्यक्तिगत कठिनाइयों से गुज़री हैं… उन्होंने इतना कुछ किया है और आप उन्हें (बृजभूषण शरण सिंह) बचा रहे हैं? उन्हें (लड़कियों को) बचाओ. अगर हम उन्हें नहीं बचा सकते तो यह हमारे देश के बारे में क्या बताता है?”

बाद में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में हुड्डा ने कहा कि प्रियंका ने पहलवानों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी उनकी लड़ाई में उनके साथ खड़ी है.

“उसने बड़ी बहन की तरह पहलवानों की दुर्दशा सुनी. उन्होंने उनकी हर बात बड़े ध्यान से सुनी. उन्होंने हमारी बहनों को भरोसा दिलाया कि पूरी कांग्रेस पार्टी उनके संघर्ष में उनके साथ है.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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