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Wednesday, 20 November, 2024
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वेंकैया नायडू की विदाई, मोदी ने राज्यसभा में कहा- आपने हमेशा युवाओं के लिए काम किया

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू का कार्यकाल अब खत्म होने जा रहा है. नायडू 10 अगस्त को उनका कार्यकाल समाप्त हो जायगा.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को युवाओं व सांसदों के लिए प्रेरणास्रोत करार दिया और कहा कि वे समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं.

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू का कार्यकाल अब खत्म होने जा रहा है. नायडू 10 अगस्त को उनका कार्यकाल समाप्त हो जायगा. जिसके बाद नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पदभार संभालेंगे.

सोमवार को संसद के उच्च सदन में नायडू को विदाई दी गई और प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को सम्बोधित करते हुए वेंकैया नायडू के कार्यकाल को लेकर कई बड़ी बातें कहीं.

किसी काम को बोझ नहीं माना

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘आज हम राज्यसभा के सभापति महोदय वेंकैया नायडू जी को उनके कार्यकाल की समाप्ति पर, उन्हें धन्यवाद देने के लिए एकत्र हुए हैं. इस सदन के लिए ये बहुत भावुक पल है. सदन के कितने ही ऐतिहासिक पल आपकी गरिमामयी उपस्थिति से जुड़े हैं.’

वह आगे बोले, ‘आदरणीय सभापति महोदय आप तो देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिसने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया है. आपने सदन में भी हमेशा युवा सांसदो को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया.’

उन्होंने नायडू के बारे में कहा, ‘इस सदन को नेतृत्व देने की जिम्मेदारी भले ही पूरी हो रही हो लेकिन आपके अनुभव का लाभ भविष्य में देश को और साथ ही हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना. आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है.’

भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई

नायडू की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘आपकी किताबों में आपकी वो शब्द प्रतिभा झलकती है, जिसके लिए आप जाने जाते है. आपके वन लाइनर्स, विट लाइनर्स होते हैं. उनके बाद कुछ कहने की जरूरत ही नहीं रह जाती. कैसे कोई अपनी भाषा की ताकत के रूप में सहजता से इस सामर्थ्य के लिए जाना जाए और उस कौशल से स्थितियों को बदलने की सामर्थ्य रखे, ऐसे आपके सामर्थ्य को मैं बधाई देता हूं.

 

मोदी ने आगे कहा कि, ‘आपने दक्षिण में छात्र राजनीति करते हुए अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. तब लोग कहते थे कि जिस विचारधारा से आप जुड़े थे, उसका और उस पार्टी का निकट भविष्य में तो दक्षिण में कोई सामर्थ्य नजर नहीं आता है. लेकिन आप उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के शीर्ष पद तक पहुंचे.’

उन्होंने आगे बोला, वेंकैया जी की मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई है. आपने सदन में सभी भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ने के लिए काम किया. सदन में हमारी सभी 22 शिड्यूल्ड लैंग्वेज में कोई भी सदस्य बोल सकता है, उसका इंतजाम आपने किया.

उन्होंने आगे कहा कि, ‘किसी भी सदस्य ने आपके किसी भी शब्द को कभी अन्यथा नहीं लिया. आपने हमेशा इस बात पर बल दिया कि एक सीमा के बाद संसद में व्यवधान, सदन की अवमानना के समान होता है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंत में कहा, ‘आपकी ये प्रतिभा और निष्ठा आगे भी सदन के लिए एक गाइड के रूप में हमेशा काम करेगी’ कैसे संसदीय और शिष्ट तरीके से भाषा की मर्यादा में कोई भी अपनी बात प्रभावी ढंग से कह सकता है. इसके लिए आप प्रेरणा पुंज बने रहेंगे.’


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