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Wednesday, 24 April, 2024
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प्रधानमंत्री का 467 करोड़ रुपये वाला नया आवास परिसर सुरंग के जरिये PMO और संसद से जुड़ा होगा

प्रधानमंत्री आवास परिसर को सितंबर 2024 तक पूरा करने और सौंप देने की समयसीमा निर्धारित, प्रस्ताव जल्द ही वित्त मंत्रालय की एक शीर्ष समिति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने साउथ ब्लॉक के पास दारा शिकोह रोड पर ब्लॉक ए और बी में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास के सबसे महत्वपूर्ण और हाई-प्रोफाइल हिस्सों में से एक प्रधानमंत्री आवास परिसर के निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी है. दिप्रिंट को मिली जानकारी में यह बात सामने आई है.

इस परिसर का कुल निर्मित क्षेत्र 2,26,203 वर्ग फुट होगा और इसकी अनुमानित लागत 467 करोड़ रुपये होगी. कुल निर्मित क्षेत्र में से पीएम आवास 36,328 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला होगा. एक बार तैयार हो जाने के बाद, 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री का मौजूदा आवास नए परिसर में स्थानांतरित हो जाएगा.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री का मुख्य निवास भूतल और पहली मंजिल पर होने के साथ, साउथ ब्लॉक के दक्षिण में स्थित परिसर में पीएम का आवास कार्यालय, एक इनडोर खेल क्षेत्र, सहायक स्टाफ क्वार्टर, एसपीजी कार्यालय, एक सेवा सदन और सुरक्षा कार्यालय सहित अन्य सुविधाएं होंगी.

प्रधानमंत्री आवास परिसर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भूमिगत वीआईपी सुरंग होगी जिसमें पीएम के आवास कार्यालय से आने-जाने की व्यवस्था होगी. यह प्रधानमंत्री आवास को सीधे एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव से जोड़ेगी, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), नई संसद और उपराष्ट्रपति का निवास होगा.

उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री और उनके गणमान्य अतिथियों की आवाजाही के दौरान प्रतिबंधों और बैरिकेडिंग के कारण सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में यातायात संबंधी बाधाओं को कम करने के उद्देश्य से ही भूमिगत सुरंग का प्रस्ताव किया गया था.

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केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, जो सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का सूत्रधार है, ने प्रधानमंत्री आवास परिसर को पूरा करने और उसे सौंपने के लिए सितंबर 2024 की समयसीमा निर्धारित की है. सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि जल्द ही यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय की व्यय और वित्त समिति (ईएफसी) की मंजूरी के लिए भेजे जाने की संभावना है. सभी सार्वजनिक वित्त पोषित योजनाओं और परियोजनाओं का मूल्यांकन और अनुमोदन ईएफसी ही करती है.

प्रधानमंत्री आवास परिसर के निर्माण का खर्च केंद्रीय आवास मंत्रालय के बजट अनुदान से पूरा किया जाएगा. 2022-23 के बजट में परियोजना के लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

आवास मंत्रालय को पहले ही परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है और अन्य स्वीकृतियां भी हासिल होने की प्रक्रिया में हैं. सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीएम आवास परिसर के निर्माण का टेंडर दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि नए प्रधानमंत्री आवास परिसर की जगह को न केवल यह बात ध्यान में रखकर चुना गया है कि ये पीएमओ, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के करीब हो, बल्कि इस पर भी जोर दिया गया कि उच्च सुरक्षा व्यवस्था के कारण सार्वजनिक मार्गों पर सामान्य यातायात में कोई बाधा न आए.

सूत्रों ने कहा कि 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित पीएम का मौजूदा आवास पीएमओ से लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित है. सूत्रों में से एक ने कहा, ‘प्रधानमंत्री और उनके सुरक्षा काफिले के किसी भी आवागमन के परिणामस्वरूप सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में शहर के यातायात में बड़ा व्यवधान होता है और जनता को असुविधा होती है, नया परिसर प्रधानमंत्री की आवाजाही के रास्ते को अलग करेगा और यातायात व्यवधानों से बचाएगा.’


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सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास में क्या-क्या शामिल है

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट दिल्ली के पावर कॉरिडोर को पूरी तरह बदल देने वाली नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. इसमें एक नया संसद भवन, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों का एक साझा केंद्रीय सचिवालय, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव का निर्माण शामिल है.

त्रिभुज के आकार वाली एक नई संसद के निर्माण के लिए पहले से ही काम जारी है, जिसके नवंबर तक संसद के शीतकालीन सत्र के लिए तैयार हो जाने की उम्मीद है.

इसके अलावा, सचिवालय पर भी काम शुरू हो चुका है जिसमें शास्त्री भवन, निर्माण भवन, उद्योग भवन, कृषि भवन और वायु भवन स्थित तमाम सहित सरकारी कार्यालयों को समायोजित करने के लिए 10 नए बिल्डिंग ब्लॉक होंगे.

पीएमओ साउथ ब्लॉक के पास एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव में स्थित होगा और इसकी अनुमानित लागत लगभग 1,200 करोड़ रुपये है. एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और कैबिनेट सचिवालय भी होगा. साउथ ब्लॉक में मौजूदा पीएमओ को अंततः एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाएगा.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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