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Sunday, 22 December, 2024
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मोदी कैबिनेट: सभी किसानों को मिलेंगे सालाना छह हजार रुपये, 5 जुलाई को पेश होगा बजट

पीएम मोदी ने नेशनल डिफेंस फंड के तहत पीएम स्कॉलरशिप योजना में बड़ा बदलाव करते हुए आतंकी और माओवादी हमलों में मारे गए शहीद जवानों के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ाई है.

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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी की नई सरकार के मंत्रिमंडल ने अपना कार्यभार संभाल लिया है. कार्यभार संभालते ही मोदी कैबिनेट ने बैठक की और कई बड़े फैसले लिए. मोदी सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि का दायरा बढ़ा दिया है. नए फैसले के तहत अब 3 करोड़ और किसानों को हर महीने 2 हजार रुपये मिलेंगे. यानी अब इस योजना का लाभ देश के करीब 15 करोड़ किसानों को मिलेगा. साथ ही योजना से 5 हेक्टेयर वाली शर्त भी हटा दी गई है.

बता दें, कि पहले इसके दायरे में सिर्फ 12 करोड़ किसान ही थे. इस योजना के तहत लाभार्थी किसान को साल में तीन बार कुल 6000 रुपये सीधे खाते में मिलते हैं. इससे पहले पीएम ने नेशनल डिफेंस फंड के तहत पीएम स्कॉलरशिप योजना में बड़ा बदलाव किया और आतंकी, माओवादी हमलों में मारे गए शहीद जवानों के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ाई है. लड़कियों के लिए स्कॉलरशिप 2250 से बढ़ाकर 3000 रुपये की गई. यह स्कॉलरशिप छात्रों हर महीने दी जाएगी.

14.5 करोड़ किसानों को मिलेगा लाभ

कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और जितेंद्र सिंह ने मीडिया को संबोधिक किया. जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट देश के सभी किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ मिलेगा इस फैसले से देश भर के 14.5 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचेगा. पहले इस योजना में छोटे किसानों को लाया गया था, जिनके पास पांच हेक्टेयर भूमि थी. अब इस योजना से इस नियम को हटा लिया गया है. इस फैसले से 12 हजार का अतिरिक्त भार सरकार पर आएगा. सरकार कुल 10 हजार करोड़ रुपये इस पर खर्च करेगी.

किसान सम्मान योजना के तहत 60 साल से ऊपर के किसानों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की पेंशन दी जाएगी.

कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि संसद का बजट सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलेगा. 19 जून को स्पीकर का चयन होगा. तारीखों के लिहाज से देखा जाए तो इस बार पहला सत्र की काफी लंबा एक महीने 9 दिन का रखा गया है. वहीं, स्पीकर के चयन से पहले मोदी सरकार को प्रोटेम स्पीकर पर भी मुहर लगानी होगी. अभी तक इसे लेकर मेनका गांधी का नाम चर्चा में है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को बजट पेश करेंगी.

ये है महत्वपूर्ण तारीख- कब क्या होगा

पार्लियामेंट सेशन 17 जून से
स्पीकर का चुनाव 19 जून को
राष्ट्रपति कोविंद 20 जून को दोनों सदनों को संबोधित करेंगे
आर्थिक सर्वे-4 जुलाई को पेश किया जाएगा
बजट 2019- 5 जुलाई को पेश किया जाएगा.

कौन-कौन था मीटिंग में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्रियों के बीच विभागों और मंत्रालयों के बाद शुक्रवार शाम मोदी कैबिनेट की पहली बैठक हुई है. कैबिनेट बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नक़वी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, गिरिराज सिंह और रमेश पोखरियाल सहित मोदी कैबिनेट-2 के सभी मंत्री मौजूद थे. अपनी पहली बैठक में ही मोदी कैबिनेट ने सरकार का बड़ा फैसला लिया है. जिसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया- हमारी सरकार का पहला फैसला भारत की रक्षा करने वालों को समर्पित है!

शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप राशि बढ़ाई

पीएम मोदी ने नेशनल डिफेंस फंड के तहत पीएम स्कॉलरशिप योजना में बड़ा बदलाव करते हुए आतंकी और माओवादी हमलों में मारे गए शहीद जवानों के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ाई है. लड़कियों के लिए स्कॉलरशिप 2250 से बढ़ाकर 3000 रुपये की गई. यह स्कॉलरशिप छात्रों हर महीने दी जाएगी. नक्सली हमलों में मारे गए राज्य पुलिस कर्मियों के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ाई जाएगी। एक साल में ऐसी 500 छात्रवृत्तियां दी जाएंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर बाद पीएमओ ऑफिस पहुंचे तब उनका स्वागत अजित डोवाल , निपेंद्र मिश्रा और पीके मिश्रा ने किया. पीएम ने सबसे पहले अपने कमरे में रखी महात्मा गांधी और सरदार पटेल की मूर्तियों पर फूल चढाया.

मोदी सरकार में मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे के बाद मोदी कैबिनेट की पहली बैठक चल रही है. आज ही सभी 57 मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया गया है. गुरुवार को पीएम मोदी ने 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. आज इनके विभागों का बंटवारा कर दिया गया. अमित शाह को गृह मंत्रालय जबकि राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय दिया गया. पिछली सरकार में राजनाथ गृह मंत्री थे. इसके अलावा पूर्व विदेश मंत्री एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया गया है.

बता दें कि राष्ट्रीय रक्षा कोष (एनडीएफ) की स्थापना 1962 में की गई थी ताकि राष्ट्रीय रक्षा प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सके. इस फंड में स्वेच्छा से राशि दान की जा सकती है. फिलहाल इस फंड का उपयोग सशस्त्र बलों, पैरा सैन्य बलों और रेलवे सुरक्षा बल के सदस्यों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए किया जा रहा है. एएनआई के मुताबिक कोष को एक कार्यकारी समिति के जरिए चलाया जा रहा है. जिसमें प्रधानमंत्री अध्यक्ष के तौर पर और रक्षा, वित्त और गृह मंत्री सदस्य के तौर पर काम करते है.

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