नई दिल्ली: राजनीतिक रणनीतिकार और पूर्व जद (यू) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के लिए एक कार्गो से उड़ान भरने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है.
प्रशांत किशोर ने दिप्रिंट से हुई बात चीत में इस बात से साफ इनकार किया है उन्होंने कार्गो द्वारा कोलकाता के लिए हवाई यात्रा की है.
उन्होंने कहा, ‘ मैनें कोई कार्गो जहाज का सहारा नहीं लिया है. यहां तक कि मैं आखिरी बार हवाई यात्रा 19 मार्च को की थी. जब उनसे पूछा कि क्या वह कोलकाता कार से गए हैं तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.
खबरें आईं कि प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंटर मिनिस्टेरियल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) को जवाब देने केलिए कोलकाता बुलाया था.
केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के जमीनी आकलन के लिए आईएमसीटी की एक टीम कोलकाता, हावड़ा, मेदिनीपुर पूर्व, 24 परगना उत्तर, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी के लिए भेजा है.
प्रशांत किशोर ने कहा,’ सार्वजनिक क्षेत्र में क्या है उसी पर कायम रहते हैं और केंद्र ने इसके बारे में एक रिपोर्ट मांगी है. यदि किसी के पास कोई अन्य सबूत है, तो उन्हें पहले बाहर आना चाहिए, तभी मैं इसपर कुछ जवाब दूंगा.’
शीर्ष विमानन स्रोतों का हवाला देते हुए, समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है, ‘सरकार के निर्देश पर, विमानन सुरक्षा अधिकारियों ने पिछले 72 घंटों में तीन हवाई अड्डों – दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी – के सीसीटीवी फुटेज की जांच की है ताकि पता लगाया जा सके कि किशोर ने हाल ही में यात्रा की थी या नहीं.’
चूंकि 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था, इसके साथ ही देशभर में बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सभी उड़ानों और ट्रेनों के परिचालन को भी रद्द कर दिया गया है. इस बीमारी के फैलने से भारत में अब तक 23,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं.
क्या कहना है सिविल एविएशन ऑथरिटी का
विमानन नियामक संस्था के डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि किशोर ने दिल्ली से कोलकाता के लिए कार्गो उड़ान से यात्रा नहीं की है.
सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने कोलकाता में संचालित तीन कार्गो ऑपरेटरों के साथ जांच की है, जिन्होंने इन सभी प्रस्थानों और संबंधित हवाईअड्डों पर सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया और हवाई अड्डे पर संचालित अन्य एजेंसियों के साथ भी जांच की है.’
य़हां तक कि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने भी किशोर के कोलकाता तक हवाई यात्रा करने की किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है.
एक सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने हवाई यात्रा नहीं की है. हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है.’
एएनआई ने प्रशांत के हवाले से कहा है कि जो लोग दावा कर रहे हैं कि उन्होंने कार्गो का किसी भी मामले में कोलकाता पहुंचने के लिए सहारा लिया है उन्हें कम से कम बुनियादी जानकारी जैसे फ्लाइट नंबर,मफ्लाइट ऑपरेटर, तारीख, समय, आदि की जानकारी सार्वजनिक डोमेन में दें या फिर उन्हें इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए.
हालांकि किशोर ने अपनी वर्तमान स्थिति और अपनी यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.
कहां से उठा प्रशांत का यह मामला
बिहार भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने प्रशांत किशोर पर मालवाहक विमान में छिपकर अवैध तरीके से दिल्ली से कोलकाता जाने का आरोप लगाया है.
निखिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रशांत की यात्रा का विवरण सार्वजनिक किया जाय नहीं तो जांच की मांग करूंगा. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस कोरोना के कहर के दौर में लॉकडाउन के बीच मालवाहक विमान से यात्रा करने अनुमति उन्हें किसने दी? क्या प्रशांत किशोर ने सामान के साथ छिपकर दिल्ली से कोलकाता की अवैध यात्रा की?
निखिल ने कहा कि जब प्रशांत किशोर मालवाहक विमान के कर्मचारी नहीं हैं और न ही केंद्र, दिल्ली सरकार या फिर पश्चिम बंगाल सरकार के पुलिस- प्रशासन के अधिकारी हैं, कोरोना की त्रासदी के दौर में वे मेडिकल कर्मी, डॉक्टर, किसी प्रकार के विशेषज्ञ या मालवाहक विमान के पायलट,सह- पायलट या सामान ढोने वाले पोर्टर भी नहीं हैं तो किस अधिकार से सामान ले जाने वाले विमान में चुपचाप दिल्ली से कोलकाता गए.
उन्होंने मांग की कि प्रशांत किशोर को, पश्चिम बंगाल सरकार को एवं प्रशांत की मेहमान नवाजी कर रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस यात्रा से अनुमति से संबंधित कागजात सार्वजनिक करना चाहिए और बताना चाहिए कि मालवाहक विमान में की गई इस यात्रा को कैसे अवैध नहीं माना जाय? निखिल ने कहा कि इस यात्रा से जुड़े कागजात सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं तो भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण से और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से लॉकडाउन में प्रशांत किशोर की इस चोरी छिपे की गई यात्रा की जांच की मांग करूंगा.
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कोरोना की इस चुनौती के दौर में जब चिकित्सा विशेषज्ञ सहित शासन- प्रशासन से जुड़े विशेषज्ञ लोगों को कमान देना चाहिए तो ममता बनर्जी ने एक राजनीतिक बिचौलिये प्रशांत किशोर को लॉकडाउन में चोरी छुपे अवैध ढंग से दिल्ली से कोलकाता बुलाया है ताकि अपने झूठे प्रोपगेंडा के जरिये छवि चमका सकें.’
(भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)