नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पास शनिवार को पटियाला जेल से बाहर आने के बाद कहने के लिए बहुत कुछ था, जिसमें संसद से अयोग्यता विवाद के बीच राहुल गांधी की तारीफ से लेकर उनके “छोटे भाई”, मुख्यमंत्री भगवंत मान की कड़ी आलोचना तक शामिल था.
हालांकि, पंजाब के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी एक्टिविस्ट अमृतपाल सिंह के बारे में पूछे गए सवालों का उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया.
पटियाला की सेंट्रल जेल में लगभग 10 महीने बिताने वाले सिद्धू को 1988 में हुए रोड रेज की एक घटना में 65-वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत के बाद, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन वे अपने “अच्छे व्यवहार” के कारण समय से पहले रिहा हो गए.
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व क्रिकेटर ने कहा, आपका “हिंदुत्व का एजेंडा” पंजाब में कश्मीर की तरह काम नहीं करेगा, क्योंकि ये सिख या मुस्लिमों का राज्य नहीं है, बल्कि “गुरुओं” की धरती है, जिसे बार-बार तोड़ने की कोशिश की जा रही हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश की जा रही है, जहां सत्ता में एक अल्पसंख्यक सरकार है”.
खबरों के मुताबिक, सिद्धू की रिहाई के समय स्वागत के लिए पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख शमशेर सिंह दुल्लो, मोहिंदर सिंह केपी और लाल सिंह, पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा, अमृतसर के सांसद गुरजीत औजला सहित कई कांग्रेसी नेता और समर्थक जेल के बाहर जमा हुए थे.
जेल के बाहर ढोल बजाने वालों को भी तैनात किया गया था, जबकि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख के स्वागत के लिए पटियाला शहर में उनके कई पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए थे.
हालांकि, सिद्धू के शनिवार दोपहर जेल से रिहा होने की उम्मीद थी, लेकिन इस कार्रवाई में आठ घंटे से अधिक की देरी हुई, जिस पर उन्होंने दावा किया कि पंजाब सरकार “डर रही है” और चाहती है कि उनकी रिहाई से पहले मीडिया वहां से चला जाए. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, “वे मीडिया का इम्तेहान ले रहे थे. जब तक वे (मीडिया) नहीं जाते, सिद्धू को रिहा नहीं किया जाएगा.”
सिद्धू के बेटे करण सिद्धू ने भी अपने पिता की रिहाई में “देरी” पर नाखुशी जताई और दावा किया कि इसका कारण “राजनीति” हो सकता है.
‘क्रांति का नाम राहुल गांधी’
भगवंत मान पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों को “झूठे सपने” बेचे हैं. सिंह ने राज्य के वित्तीय बोझ, मुफ्त घरेलू बिजली प्रदान करने के वास्ते लिए गए कर्ज़, बरगाड़ी की बेअदबी, फसलों के लिए एमएसपी का वादा, नौकरियों के प्रावधान और नियमितीकरण और सिद्धू मूसेवाला की मौत के समय कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए.
इस बीच, गांधी परिवार के प्रति अपना समर्थन और सम्मान व्यक्त करते हुए सिद्धू ने मीडिया से कहा, “अब मेरी बात सुनिए. इस देश में जब-जब तानाशाही आई, क्रांति भी आई और आज मैं छाती पीट-पीट कर कह सकता हूं कि क्रांति का नाम राहुल गांधी है और वे इस सरकार की जड़ हिला देंगे.”
#WATCH | Patiala: Whenever a dictatorship came to this country a revolution has also come and this time, the name of that revolution is Rahul Gandhi. He will rattle the govt: Navjot Singh Sidhu soon after his release from Patiala jail pic.twitter.com/wkrBrObxDG
— ANI (@ANI) April 1, 2023
59-वर्षीय नवजोत ने यह भी आशंका व्यक्त की कि कैसे देश का “लोकतंत्र बेड़ियों में है”.
सिद्धू ने दावा किया, “अगर मेरे छोटे भाई भगवंत मान सुन रहे हैं तो यह उनके लिए भी है. पंजाब एक ढाल है, जिसे तोड़ने की कोशिश की गई, राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश की जा रही है. जहां भी अल्पसंख्यकों का शासन है या अल्पसंख्यक सत्ता में हैं, वहां केंद्र सरकार द्वारा लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रची जाती है.”
Patiala | There is no such thing as democracy right now. Conspiracy to bring President’s Rule in Punjab. Minorities being targeted. If you try to weaken Punjab, you will become weak: Navjot Singh Sidhu soon after his release from Patiala jail pic.twitter.com/64UTOaCUJM
— ANI (@ANI) April 1, 2023
उन्होंने कैंसर के कारण अपनी पत्नी के बीमार स्वास्थ्य के बारे में आशंकाओं पर चर्चा की और आंबेडकर बिरादरी का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, “मुझे डर नहीं है. मैं जो कर रहा हूं वह अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए कर रहा हूं. अपने देश के लिए प्यार से बड़ा कुछ भी नहीं है. केंद्र भीम राव आंबेडकर की बिरादरी को तोड़ने की कोशिश कर रहा है, यानी भारत में धर्म और संस्कृति में अंतर के बावजूद हर कोई एक बड़े परिवार का हिस्सा है. उसी पर हमला किया जा रहा है और इसके रक्षक राहुल गांधी हैं.”
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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