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Friday, 26 April, 2024
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पीपीई, सूखा खाना, फ्लास्क में ‘काढ़ा’- महाराष्ट्र के विधायक कैसे कर रहे हैं विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने की तैयारी

पिछले सत्र के छह महीने के भीतर एक विधानसभा सत्र आयोजित करना होता है इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद दो दिन का सत्र बुलाने का फैसला किया है.

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मुंबई: महाराष्ट्र में सोमवार और मंगलवार को विधानसभा सत्र ऐसे समय पर आयोजित किया जा रहा है जब पूरे राज्य और खासकर मुंबई के सामने कोविड-19 का प्रसार रोकने की चुनौती मुंह बाये खड़ी है.

महाराष्ट्र में शुक्रवार तक 8,43,844 कोविड पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, जो भारत के कुल केस लोड का पांचवां हिस्सा हैं. राज्य में 2,05,428 सक्रिय केस हैं. मुंबई भी एक कोविड हॉटस्पॉट है जहां कुल मामले 1,50,095 हो चुके हैं. इसमें से 21,442 शुक्रवार तक सक्रिय केस थे.

विधायकों, उनके सचिवों, ड्राइवरों, सिविल सेवकों, सरकारी कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों सहित करीब 1,000 से अधिक लोगों के सत्र के लिए विधान भवन पहुंचने की संभावना को देखते हुए तमाम विधायक अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं.


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अपने लिए सूखा नाश्ता और काढ़ा खुद लाने की तैयारी

कोल्हापुर जिले के छोटे से शहर हटकनंग्ले से कांग्रेस विधायक राजू आवले ने अपने लिए पूरी पीपीई किट खरीदी है. उन्होंने दक्षिण मुंबई के कोलाबा में रहने वाले अपने मित्र को फोन करके कह दिया है कि वह कुछ दिन के लिए उसके यहां ही रहेंगे.

आवले ने दिप्रिंट से कहा, ‘मैं आमतौर पर आमदार निवास (एमएलए हॉस्टल) में रहता हूं. इस बार एहतियाती उपाय के तौर पर मैंने अपने दोस्त के घर पर रहने का फैसला किया है. मैं पूरी पीपीई किट के साथ ही मुंबई में यात्रा करूंगा और सत्र के दौरान भी उसे पहने रहूंगा.’

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हालांकि, जालना जिले के बदनापुर से भाजपा विधायक नारायण कुचे ने एमएलए हॉस्टल में ही रहने का फैसला किया है.

कुचे ने आमतौर पर विधायकों के विधान भवन लॉबी और एमएलए कैंटीन में आते-जाते रहने और अन्य लोगों या मीडियाकर्मियों से मिलने जैसी सामान्य गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘इस बार मैंने आमदर निवास को पहले ही बता दिया है कि मेरे कमरे को अच्छी तरह सैनिटाइज कर दें. अब की मुंबई में अपना आना-जाना केवल विधान भवन तक सीमित रखूंगा. जब विधानसभा में नहीं होऊं तो अपने कमरे में रहना पसंद करूंगा.’

कुचे में मुंबई में रहने के दौरान अपने भोजन के लिए ‘दशमी रोटी’ साथ ले जाने की योजना बनाई है, जो कि गेहूं के आटे और बेसन में मसाले मिलाकर बनाई जाने वाली एक विशेष महाराष्ट्रियन रोटी होती है.

कुचे ने आगे कहा, ‘लेकिन यह सचमुच बढ़े दुख की बात है कि यह पूरा सत्र सिर्फ सांकेतिक होगा. हम किसानों की मुश्किल, बाढ़ से तबाह जिलों की स्थिति और अर्थव्यवस्था के हाल जैसे गंभीर मुद्दों पर इसमें चर्चा नहीं कर पाएंगे.’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरोज अहीर, जिन्हें जून में हल्के लक्षणों के साथ नोवेल कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया था, हर दिन घर में बना काढ़ा इस्तेमाल कर रही हैं और मुंबई में भी इसी दिनचर्या का पालन करना चाहती हैं.

अहीर ने बताया, ‘मैंने इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर और फ्लास्क ले जाने की तैयारी की है ताकि मैं मुंबई में अपना काढ़ा खुद बनाना जारी रख सकूं और सत्र के दौरान भी फ्लास्क में भरकर अपने साथ ले जा सकूं.’

ठाणे जिले में ओवला-मजिवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने बताता कि वह आम तौर पर विधानसभा सत्र के दौरान कम से कम 50 लोगों को भोज देते हैं.

सरनाइक ने आगे कहा, ‘इस बार भोज की मेजबानी और लोगों के साथ मिलने-जुलने के कार्यक्रम का सवाल ही नहीं उठता है. इस बार तो मैं खुद अपना भोजन न ले जाने का मन बना चुका हूं. यह सत्र मुख्यत: प्रक्रियागत कारणों से है. मुझे नहीं लगता कि उपस्थिति 50 प्रतिशत भी रहने वाली है.’


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विधायकों के लिए कोविड टेस्ट, सचिवों के लिए टेंट की व्यवस्था

राज्य विधानसभा का मानसून सत्र वैसे तो 22 जून को शुरू होना था लेकिन कोविड संकट के कारण इसे 3 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. बाद में इसे एक बार फिर 7 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया और सामान्य तौर पर तीन हफ्ते के होने वाले सत्र को दो दिन का कर दिया गया.

सरकार ने कोविड के केस बढ़ने के बावजूद सत्र बुलाने का फैसला प्रक्रियागत कारणों से किया है क्योंकि पिछले सत्र से छह महीने के अंदर विधानसभा का एक सत्र बुलाने का नियम है.

सरकार ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि कार्यमंत्रणा समिति ने फैसला किया है कि सभी विधायकों को 6 सितंबर को आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा और केवल उन्हीं विधायकों को सत्र में हिस्सा लेने की इजाजत होगी जिनका टेस्ट निगेटिव होगा. विधायक मुंबई में या फिर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में टेस्ट करा सकते हैं.

विधान भवन में ज्यादा भीड़ से बचने के लिए विधायकों के सचिवों को इसमें प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी. इसके बजाए राज्य सरकार ड्राइवरों और सचिवों के बैठने के लिए बाहर एक टेंट का इंतजाम करेगी.

पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए कुछ विधायकों के बैठने का इंतजाम सदन के अंदर दर्शक दीर्घा और छात्रों की गैलरी में किया जाएगा.

राज्य सरकार ने सदन में प्रवेश से पहले सभी विधायकों को सुरक्षा किट देने की भी योजना बनाई है.

लेकिन कई विधायक कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहते.

मुंबई की दहिसर सीट से भाजपा विधायक मनीष चौधरी ने कहा, ‘वो जो चाहते हैं उन्हें देने दीजिए लेकिन मैं तो अपने लिए मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर का इंतजाम खुद अपने स्तर पर ही कर रहा हूं. कौन खतरा मोल लेना चाहेगा?’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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