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Tuesday, 23 September, 2025
होमराजनीति‘जनभावनाओं’ की वजह से दिल्ली रामलीला में मंदोदरी के रोल से पूनम पाण्डेय को हटाया गया

‘जनभावनाओं’ की वजह से दिल्ली रामलीला में मंदोदरी के रोल से पूनम पाण्डेय को हटाया गया

दिल्ली बीजेपी मीडिया हेड प्रवीन शंकर कपूर, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया और रामलीला कमिटी को पत्र भी लिखा, आयोजकों का धन्यवाद किया कि उन्होंने ‘जनभावनाओं का सम्मान’ किया.

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नई दिल्ली: लवकुश रामलीला कमिटी ने दिल्ली के प्रसिद्ध वार्षिक रामलीला कार्यक्रम से अभिनेत्री पूनम पाण्डेय को हटा देने का फैसला लिया है. इससे कुछ दिन पहले उन्हें रावण की पत्नी मंदोदरी का किरदार निभाने के लिए चुना गया था, जिससे विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विरोध जताया था.

आयोजक समिति ने मंगलवार को बताया कि उन्हें कार्यक्रम से हटाने का फैसला लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए लिया गया. आयोजकों की एक स्टियरिंग कमिटी की बैठक में यह तय किया गया कि पूनम पाण्डेय को इस साल रामलीला में मंदोदरी की भूमिका से हटा दिया जाए.

लवकुश रामलीला कमिटी (लाल किला) के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने इस फैसले की जानकारी देने के लिए पूनम पाण्डेय को पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि पूरे देश के संत और महात्माओं ने पूनम को यह भूमिका देने का विरोध किया.

अर्जुन कुमार ने कहा, “हर महिला का अतीत होता है, लेकिन हर महिला को सकारात्मक भूमिका निभाने का मौका मिलना चाहिए. जब लोग उन्हें देखेंगे, तो वह सकारात्मक रूप में देखी जाएंगी और औरतें भी आगे आएंगी. हर किसी को मौका मिलना चाहिए, लेकिन हम किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते. लोगों की भावनाएं इसके खिलाफ हैं. सनातन समुदाय इसके खिलाफ है. इसलिए आज हमने बैठक कर उन्हें पत्र लिखा कि उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि पूनम मंदोदरी का किरदार नहीं निभाएंगी.”

लाल किले में आयोजित यह 10 दिवसीय रामलीला वार्षिक कार्यक्रम है और यह यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है. आयोजकों ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि इस साल पूनम पाण्डेय मंदोदरी का किरदार निभाएंगी, जबकि अभिनेता आर्य बब्बर रावण और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी परशुराम का किरदार निभाएंगे.

घोषणा के बाद पूनम पाण्डेय ने वीडियो बयान जारी कर खुशी जताई थी कि उन्हें “विश्व प्रसिद्ध” रामलीला में मंदोदरी निभाने का मौका मिला है. उन्होंने कहा, “यह एक महत्वपूर्ण किरदार है. मैंने फैसला लिया है कि नवरात्रि के दौरान मैं व्रत रखूंगी ताकि मेरा शरीर और मन पूरी तरह से साफ रहे और मैं इस सुंदर भूमिका को निभा सकूं.”

पहले शुक्रवार को वीएचपी ने आयोजकों को पत्र लिखकर पूनम को मंदोदरी की भूमिका देने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी सार्वजनिक छवि और अतीत की विवादास्पद घटनाओं के कारण यह “भक्तों की भावनाओं को आहत कर सकता है.”

उस समय समिति ने कहा था कि वह पूनम को हटाने पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन अब उन्होंने ऐसा करने का फैसला ले लिया है.

दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि उन्होंने भी पूनम पाण्डेय को मंदोदरी की भूमिका में लेने पर आपत्ति जताई थी और रामलीला समिति को पत्र लिखा था. उन्होंने आयोजकों का धन्यवाद किया कि उन्होंने “लोगों की भावनाओं का सम्मान” किया.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “मैं लगातार कहता रहा हूं कि अर्जुन जी और सुभाष गोयल जी (लवकुश रामलीला समिति के महासचिव) समाज की भावनाओं का पालन करेंगे. मैं उनका धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने उपयुक्त फैसला लिया और लोगों की भावनाओं का सम्मान किया.” उन्होंने लोगों से लाल किले में होने वाली रामलीला देखने का भी आग्रह किया.

पत्र में कपूर ने पूनम पाण्डेय को मंदोदरी की भूमिका में लेने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने लिखा, “यह खेदजनक है कि समिति के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मंदोदरी की पवित्र भूमिका एक ऐसी महिला पूनम पाण्डेय को दी, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील प्रदर्शन और विवादित बयान देती रही हैं.”

उन्होंने कहा, “दिल्ली शाखा विश्व हिंदू परिषद, कई धार्मिक नेता और मैं स्वयं, इस पर आपत्ति जता चुके हैं. समिति के एक-दो पदाधिकारी शायद पूनम पाण्डेय की विवादास्पद छवि का लाभ उठाकर रामलीला में प्रचार करना चाहते हैं, जिससे अधिकांश सदस्य सहमत नहीं हैं.” उन्होंने समिति से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.

मंगलवार को जारी बयान में वीएचपी इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) क्षेत्र ने पूनम पाण्डेय को कार्यक्रम से हटाने के फैसले का स्वागत किया. बयान में कहा गया, “धर्म हमेशा गरिमा की रक्षा करता है और यह सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य है कि अश्लीलता गरिमा के सार को चोट पहुंचाती है. इसलिए, ऐसे प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता की अनुमति देना उचित नहीं है जो गरिमा के लिए समर्पित है.”

पूर्व में वीएचपी इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) के महासचिव सुरेंद्र गुप्ता ने गंभीर चिंता जताई थी और लवकुश रामलीला समिति को पत्र लिखकर पूनम पाण्डेय को शामिल करने पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था. उन्होंने पत्र में कहा था कि रामलीला सिर्फ नाट्य प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज और मूल्यों का जीवंत हिस्सा है. उन्होंने रामलीला को यूनेस्को द्वारा दिए गए सांस्कृतिक सम्मान का भी हवाला दिया.

पत्र में कहा गया कि यह सांस्कृतिक और नैतिक संवेदनशीलता का मामला है और पूनम पाण्डेय की सार्वजनिक छवि को लेकर चिंता थी. वीएचपी ने कहा कि रामायण आधारित प्रस्तुतियों में पात्रों का चयन केवल अभिनय कौशल से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उपयुक्तता और भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए किया जाना चाहिए.

वीएचपी ने कहा कि मंदोदरी का पात्र “सदाचार, गरिमा, संयम और समर्पित पत्नी का आदर्श” दर्शाता है. इसलिए, इस भूमिका के लिए कलाकार का चयन इन आदर्शों को दर्शाना चाहिए. पत्र में कहा गया कि पूनम पाण्डेय की सार्वजनिक छवि और अतीत के विवादों के कारण भक्तों में असंतोष हो सकता है. वीएचपी ने सुझाव दिया कि ऐसे अभिनेता का चयन किया जाए जिसकी पारंपरिक नाट्य पृष्ठभूमि या सार्वजनिक रिकॉर्ड सांस्कृतिक अपेक्षाओं के अनुरूप हो.

पूनम पाण्डेय अपने विवादास्पद करतबों के लिए जानी जाती हैं. 2011 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत की जीत पर उन्होंने नग्न होने का वादा किया था. 2017 में उनका ऐप पाण्डेय ऐप ‘अश्लील सामग्री’ के कारण गूगल द्वारा बैन कर दिया गया था. 2024 में उनके टीम ने झूठा दावा किया कि उनका निधन सर्वाइकल कैंसर के कारण हुआ, बाद में यह एक जागरूकता अभियान के लिए किया गया करतब बताया गया, जिससे जनता में भारी गुस्सा उभरा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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