लखनऊ: केंद्र सरकार द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को घर खाली करने के नोटिस के बाद प्रियंका गांधी के लखनऊ शिफ्ट होने को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई हैं. हालांकि, गांधी परिवार की ओर से फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है. लेकिन यूपी कांग्रेस के तमाम नेता यूपी वेलकम्स प्रियंका, प्रदेश की बेटी उत्तर प्रदेश में स्वागत जैसे तमाम हैशटैग लगाकर इस बारे में लिख रहे हैं.
यूपी कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रियंका का परिवार यूपी आएगा या नहीं ये तो तय नहीं है लेकिन उनका पॉलिटिकल बेस यहां शिफ्ट होना तय माना जा रहा है. अभी तक यूपी से जुड़ी रणनीति ‘ऑफिस ऑफ पीजीवी’ द्वारा दिल्ली में तय की जाती थीं. अब ये ऑफिस लखनऊ स्थित घर से चल सकता है. प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह की देखरेख में अभी ये ऑफिस दिल्ली से चलता रहा है.
इस बीच गुरुवार को गांधी परिवार की रिश्तेदार व लखनऊ की पूर्व सांसद रहीं शीला कौल के लखनऊ स्थित घर में साफ-सफाई का काम शुरू हो गया है, जहां प्रियंका के रहने की संभावना है.
दिप्रिंट की टीम गोखले मार्ग स्थित इस घर में पहुंची तो देखा कि यहां साफ-सफाई का काम शुरू हो गया है और जल्द ही प्रियंका गांधी के ऑफिस का सामान भी यहां शिफ्ट किया जा सकता है. बंगले की मेंटेंनेंस की जिम्मेदारी गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले एमएलसी दीपक सिंह को दी गई है.
दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, ये घर दो हिस्सों में बना हुआ है. एक तरफ स्टाफ व सेक्योरिटी के रहने की व्यवस्था है, तो दूसरी तरफ प्रियंका गांधी के रहने का इंतजाम किया गया है. घर में एक रूम ऑफिस के लिए भी तैयार किया जा रहा है.
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दिप्रिंट से बातचीत में दीपक सिंह ने कहा कि हम सभी कांग्रेस वर्कर काफी लंबे समय से चाहते थे कि प्रियंका गांधी यहीं रहकर यूपी की रणनीति तय करें, अब वह समय जल्द ही आने वाला है. उसी को ध्यान में रखते हुए यहां साफ-सफाई का काम आज से शुरू हो गया है. इससे पहले मेंटेनेंस से जुड़ा काम पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में यहां करवा लिया गया था. प्रियंका 2 बार यहां रुक भी चुकी हैं. उन्हें ये जगह पसंद आई थी. सेक्योरिटी कंसर्न के हिसाब से भी ये घर बेहतर है. शहर के बीचो-बीच बड़े स्पेस में ये घर है और यहां से कांग्रेस यूपी हेड ऑफिस भी लगभग 4 किमी दूर है.
घर में महात्मा गांधी और नेहरू द्वारा लगवाया गया पेड़
गोखले मार्ग स्थित इस घर में कांग्रेस की पूर्व सांसद और गांधी परिवार की रिश्तेदार शीला कौल का परिवार रहता था. लेकिन अब वह यहां से शिफ्ट हो गया है. ऐसे में ये घर खाली पड़ा था. दीपक के मुताबिक, ‘घर में 1936 में महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लगाए गए दो अलग-अलग पेड़ हैं. उन पर दोनों के नाम के पत्थर लगे हैं जिस पर पेड़ लगाने की तारीख का भी जिक्र है. यहां पर आजादी के आंदोलन की रणनीति भी तैयार की गई थी.’
एसपीजी सिक्योरिटी मिलने की वजह से उनको लोधी एस्टेट स्थित बंगला अलॉट किया गया था
आपको बता दें कि दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित प्रियंका गांधी के सरकारी बंगले को वापस लेने का पत्र केंद्र सरकार ने भेज दिया है. इस पत्र के मुताबिक, एसपीजी सिक्योरिटी मिलने की वजह से ही उनको यह बंगला अलॉट किया गया था लेकिन अब एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है. लिहाजा, उनको यह बंगला एक महीने के भीतर खाली करना होगा.
दूसरी ओर इस फैसले ने प्रियंका गांधी को यूपी में अधिक सक्रिय होने का मौका भी दे दिया है. यूपी के कांग्रेस कार्यकर्ता इसे दुख के भेष में सुख के तौर पर भी देख रहे हैं क्योकिं गांधी परिवार का कोई भी सदस्य आमतौर पर जब यूपी आता है तो गेस्ट हाउस में ही रुकता रहा है. लेकिन अगर प्रियंका यहां रहती हैं तो पार्टी मेंबर्स को उम्मीद है कि उनका इससे कनेक्ट और बढ़ेगा.
कांग्रेस के यूपी चीफ अजय लल्लू का कहना है कि यूपी गांधी परिवार का घर है. केंद्र सरकार घर भले ही प्रियंका गांधी से छीन लेगी लेकिन लोगों के दिल से कैसे निकाल पाएगी. यूपी स्वागत के लिए तैयार है. हम 2022 में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. वह परिवार सहित यहां शिफ्ट होंगी ऐसा कुछ अभी तय नहीं हुआ है. लेकिन यूपी की रणनीति वह यहां रहकर बनाएंगी और हम सब उसी तैयारी में जुटे हैं.