scorecardresearch
Friday, 26 April, 2024
होमराजनीतिपीएम बोले- सभी के लिए आवास के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे

पीएम बोले- सभी के लिए आवास के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे

मोदी ने शहरी गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शुरू की थी.

Text Size:

नई दिल्लीः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार शहरी बुनियादी ढांचे में और सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है और आवास के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

ट्विटर पर मोदी ने कहा, ‘चार साल पहले, आज हमने भारत में #TransformingUrbanLandscape के उद्देश्य से पीएम आवास योजना (U), AMRUT, स्मार्ट सिटीज़ की महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. इन पहलों ने न केवल शहरी विकास के नए प्रतिमान की शुरूआत की है बल्कि करोड़ों लोगों का जीवन बदल दिया है.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘इन पहलों में रिकॉर्ड निवेश, गति, प्रौद्योगिकी का उपयोग और सार्वजनिक भागीदारी देखी गई है. हम शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं. हाउसिंग फॉर ऑल के सपने को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी, करोड़ों आकांक्षाओं को पंख देंगे.’

बता दें कि मोदी ने शहरी गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शुरू की थी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (एएमआरयूटी) का उद्देश्य मूल नागरिक सुविधाएं जैसे कि पानी की आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है.

पीएमएवाई के तहत मात्र 39 फीसदी घर बने: रिपोर्ट

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत मंजूर सस्ते घरों में सिर्फ 39 फीसदी घर अब तक बन पाए हैं. इस बात की जानकारी रविवार को जारी एक रिपोर्ट से मिली. रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएवाई के तहत सस्ते आवासीय परियोजना की रफ्तार सुस्त है. रियल एस्टेट परामर्श दात्री कंपनी एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘पीएमएवाई के तहत सस्ती आवासीय परियोजना की प्रगति की रफ्तार सुस्त है. आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, पीएमएवाई के तहत मंजूर 79 लाख घरों में से अब तक सिर्फ 39 फीसदी घरों का निर्माण पूरा हो चुका है.’

रिपोर्ट के अनुसार, देश के सात बड़े शहरों में नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति में पिछले पांच सालों में 64 फीसदी की कमी आई है. वर्ष 2014 में जहां 5.45 लाख आवासीय इकाइयां थीं, वहीं 2018 में 1.95 लाख रह गई हैं.
घरों की बिक्री पिछले पांच साल में 28 फीसदी घट गई है. वर्ष 2014 में जहां 3.43 लाख घरों की बिक्री हुई, वहीं पिछले साल 2.48 लाख घर बिके.

share & View comments