नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया. दो घंटे नौ मिनट तक चले निर्मला सीतारमण के भाषण में मिडिल क्लास से लेकर महिलाओं को शसक्त बढ़ाने को लेकर कई योजनाए पेश की हैं. बता दें कि देश की स्वतंत्रता के बाद यह पहली बार है जब किसी महिला ने सदन में बजट पेश किया है. जिसकी चौतरफा सराहना की जा रही है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने बजट के प्वाइंट्स पर एक-एक कर निशाना साधा है और कहा है कि 45 सालों में उच्चतम बेरोजगारी देने वाली भाजपा को क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत है.
पीएम मोदी बोले- गरीब को बल मिलेगा और युवाओं को बेहतर कल
इस बजट की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए इसे एक बेहतरीन बजट बताया है. पीएम ने कहा कि इस बजट से गरीब को बल मिलेगा और युवाओं को बेहतर कल मिलेगा. इस बजट के माध्यम से मध्यम वर्ग को प्रगति मिलेगी. विकास की रफ्तार को गति मिलेगी.
पीएम ने कहा कि इस बजट से टैक्स व्यवस्था में सरलीकरण होगा, इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण होगा. ये बजट उद्यम और उद्यमों को मजबूत बनाएगा, देश में महिलाओं की भागीदारी को और बढ़ाएगा. ये एक ग्रीन बजट है जिसमें पर्यावरण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सोलर सेक्टर पर विशेष बल दिया गया है.
पिछले 5 साल में देश निराशा के वातावरण को पीछे छोड़ चूका है.
आज देश उम्मीदों और आत्मविश्वास से भरा हुआ है. इस बजट में आर्थिक जगत के रिफॉर्म भी हैं. आम नागरिक के लिए ईज ऑफ लिविंग भी है और साथ ही गांव और गरीब का कल्याण भी है.आज लोगों के जीवन में नई आकांक्षाएं और अपेक्षाएं हैं. ये बजट देश को विश्वास दे रहा है कि इन्हें पूरा किया जा रहा है. ये विश्वास दे रहा है कि दिशा सही है, प्रोसेस ठीक है, गति सही है इसलिए लक्ष्य तक पहुंचना तय है.पिछले 5 वर्षों में हमारी सरकार ने गरीब, शोषित और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए अनेक कदम उठाये हैं. अब अगले 5 वर्षों में यही शक्तिकरण उन्हें देश के विकास का पावर हाउस बनाएगा.
मुझे विश्वास अगले पांच सालों में 5 ट्रिलियन होगी अर्थव्यवस्था-गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बजट पर अपनी बात रखी और कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था पिछले 5 साल में हमारी अर्थव्यवस्था दुगुनी हो चुकी है. मुझे विश्वास है कि जब हम आगामी पांच साल पूरा करेंगे तब हम 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था को प्राप्त कर सकेंगे. वहीं नितिन गडकरी ने कहा कि हम नए भारत के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं. वित्त मंत्री ने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता दी है. गडकरी ने कहा 2018-2019 में 78,626 करोड़ का बजट दिया था जबकि इसबार 83000 करोड़ का बजट दिया गया है.
Union Minister for Road Transport & Highways Nitin Gadkari: In the making of New India, Finance Minister has given utmost priority to infrastructure. The budget of our dept in 2018-19 was Rs. 78,626 crore, now it is over Rs. 83,000 crore. pic.twitter.com/kSrpXzUadF
— ANI (@ANI) July 5, 2019
कांग्रेस बोली- 45 सालों में उच्चतम बेरोजगारी देने वाली भाजपा को क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत
कांग्रेस पार्टी के नेता इसबार बजट पर खुलकर बोलने सामने नहीं आए हैं बल्कि उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया है. कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बजट पर अपनी बात रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा कि बजट के जरिए भारत को एक ऐसे वादे की जरूरत है, जो शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए. शिक्षा के लिए समर्पित संसाधनों में महत्वपूर्ण वृद्धि समाज के सभी नागरिकों के सशक्तिकरण को सुनिश्चित करेगी, जो भारत के विचार का मौलिक सिद्धान्त है.
5 साल में सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट में 13% की कटौती के कारण स्वास्थ्य से जुड़े पेशेवरों की संख्या में भारी कमी आई है. बजट के जरिए भारत को स्वास्थ्य पर खर्च जीडीपी के 3% तक होने की जरूरत है, ताकि बिहार, असम, यूपी में आए स्वास्थ्य संकटों को टाला जा सके.
अब जब अंततः सरकार ने 45 साल की उच्चतम बेरोजगारी की हकीकत को स्वीकार कर लिया है, तो बजट के जरिए देश में रोजगार सृजन के लिए एक विस्तृत योजना की जरूरत है. इससे जीएसटी और नोटबंदी के विपरीत प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी.मात्र दो साल (2017-18 से 2019-2020) में महिलाओं से सम्बंधित योजनाओं के बजट में 2000 करोड़ से ज्यादा की कटौती की गई.
बजट के जरिए भारत को देश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पर्याप्त संसाधनों और सटीक योजना की जरूरत है.भारी जल संकट और सूखे के बीच पिछले 4 साल के दौरान सिंचाई के बजट में 433 करोड़ की कटौती के कारण किसान आत्महत्याओं और कर्जे में वृद्धि हुई है. बजट के जरिए किसानों को कर्जे के जाल से मुक्ति दिलाने के लिए ठोस कृषि नीति की जरूरत है.
कांग्रेस पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि बजट में कुछ तो मिसिंग है. रोजगार सृजन के लिए उच्च प्रत्याशित योजना का कोई संदर्भ नहीं, किसानों को कीमत में गिरावट और सूखे से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं, मैं देख रहा हूं कि लेकिन सामग्री कहां है? यह बजट सत्र केवल एक टेबल थम्पिंग सभा के लिए कम हो गया था.
Aren't we missing something here?
No reference to the highly anticipated plan for job creation, no measures to help farmers combat price collapse & droughts
I can see intent, but where is the content? This budget session was reduced to only a table thumping gathering. #Budget2019— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) July 5, 2019
बजट बड़ा रिफॉर्म लाने वाला
मणिपाल ग्लोबल एजूकेशन के निदेशक मोहनदास पाई ने कहा, ये बजट एक बड़ा रिफार्म लाएगा. इसमें सबसे अच्छी बात है कि भारत बाहर से कर्ज लेगी. जिससे हमारे यहां कि लिक्विडीटी बढ़ेगी. मैं 10 में से 8 नंबर दूंगा. यह बजट इंफ्रास्ट्रचर रिफार्म, पब्लिक रिफार्म, फाइनेंसिएल रिफार्म पर फोकस करता है. निराशा एक चीज से हुई कि इन्होंने स्टार्टअप के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया.’