नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जर्मनी यात्रा के दौरान जी7 नेताओं और साझेदार देशों के साथ बैठक में पर्यावरण और ऊर्जा से लेकर आतंकवाद से निपटने तक के मुद्दों पर चर्चा होगी.
पीएम मोदी जर्मनी के दो दिवसीय दौरे पर रविवार को म्यूनिख पहुंचे हैं.
प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, म्यूनिख के श्लॉस एलमौ में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज द्वारा पीएम मोदी के लिए दोपहर 12:00 बजे (स्थानीय समयानुसार) स्वागत समारोह होगा. स्कोल्ज के साथ बैठक के बाद, दोपहर 12:30 बजे ‘बेहतर भविष्य में निवेश: जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य’ विषय पर एक सेशन होगा.
इसके बाद पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ बैठक करेंगे.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति, जर्मन चांसलर और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के साथ बैठकें दो से तीन बजे के बीच निर्धारित की गई हैं. बैठकों के बाद, 15:30 बजे ‘एक साथ मजबूत: खाद्य सुरक्षा को संबोधित करना और लैंगिक समानता को आगे बढ़ाना’ के विषय पर एक सेशन होगा.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ बैठक होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को म्यूनिख में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज से मुलाकात की. इन नेताओं ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की.
वहीं, रविवार को म्यूनिख में भारतीय प्रवासी समुदाय के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी सरकार द्वारा घोषित ‘आपातकाल’ का जिक्र करते हुए भारतीय लोकतंत्र की सराहना की.
मोदी ने बताया कि कैसे भारतीयों में लोकतंत्र का डीएनए है. ‘आज 26 जून है जिसे उस दिन के रूप में भी जाना जाता है जब भारत का लोकतंत्र – जो कि हर भारतीय के डीएनए में है – को 47 साल पहले कुचला और दबा दिया गया था. आपातकाल भारत के लोकतंत्र के जीवंत इतिहास पर एक काला धब्बा था.’
उन्होंने कहा कि 47 साल पहले उस लोकतंत्र को बंधक बनाने और कुचलने की कोशिश की गई थी. हालांकि, भारतीयों ने लोकतंत्र को कुचलने की सभी साजिशों का जवाब दिया था.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सभी साजिशों का जवाब दिया और यह लोकतांत्रिक तरीके से किया. हम भारतीय अपने लोकतंत्र पर गर्व करते हैं कि आप कहीं भी हों. हर भारतीय गर्व से कहता है कि भारत लोकतंत्र की जननी है.
यह जर्मनी में महामारी के बाद भारतीय प्रवासियों का सबसे बड़ा जमावड़ा है.
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