नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक में कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से संवाद किया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में डबल इंजन की सरकार होगी तो राज्य का भला होगा. उन्होंने विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि रेवड़ी कल्चर (मुफ्त में चीजों के देने के वादे) से मुक्त होना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा कि, ‘आने वाले 25 वर्षों में कर्नाटक की विकास यात्रा को नेतृत्व देने के लिए भाजपा एक युवा टीम का निर्माण कर रही है. बीते 9 वर्षों में देश का अनुभव रहा है कि जहां-जहां भाजपा की डबल इंजन सरकार है वहां-वहां गरीब कल्याण योजनाएं तेजी से जमीन पर उतरी हैं.’
पीएम ने कहा, ‘मुफ्त की रेवड़ी की राजनीति की वजह से कई राज्य बेतहाशा खर्च अपनी दलगत भलाई के लिए कर रहे हैं. राज्य डूबते चले जा रहे हैं और आने वाली पीढ़ियों का भी ये खा जा रहे हैं. देश ऐसे नहीं चलता, सरकार ऐसे नहीं चलती. कुछ तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए देश के गरीब परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है और ये सरकार का दायित्व है. कोरोना के समय हमें जरूरत लगी तो हमने मुफ्त वैक्सीन दिया देश को… क्योंकि जान बचानी थी.’
‘मुफ्त राशन देने की जरूरत पड़ी तो दिया गया क्योंकि देश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए. लेकिन देश को आगे बढ़ाना है तो हमें इस रेवड़ी कल्चर से मुक्त होना ही पड़ेगा.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा और दूसरी पार्टियों में सबसे बड़ा फर्क अप्रोच का है. भाजपा आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत के रोडमैप पर काम कर रही है. हमारे विरोधियों का एजेंडा है सत्ता हथियाना और हमारा एजेंडा है 25 वर्षों में देश को विकसित बनाना, गरीबी से मुक्त बनाना और युवाओं के सामर्थ्य को सबसे आगे बढ़ाना.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘कर्नाटक में लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है. भाजपा ने तो हमेशा चुनावों को लोकतंत्र के महोत्सव की तरह सेलिब्रेट किया है.’
‘लोकतंत्र का सूत्र समझाने वाले भगवान बसवेश्वर की धरती से, कनार्टक की समृद्ध परंपरा के प्रतिनिधि और राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत भाजपा के कार्यकर्ता होने का डबल गौरव आप सभी को प्राप्त है.’
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि, ‘बूथ जीतने की शुरुआत तब होती है जब कार्यकर्ता बूथ से जुड़े परिवारों को जीत लेता है, उनके दिल को जीत लेता है.’
कोरोना से भारत के निपटने की बात करते हुए पीएम ने कहा कि दुनिया के अनेक देश कोरोना से लड़ने में पस्त हो गए लेकिन भारत ने सफलता से कोरोना से लड़ाई लड़ी है.
मोदी ने कहा कि आज देश गरीबी से लड़ रहा है. आज देश इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड निवेश कर रहा है.
आज देश किसानों को लाखों-करोड़ों रुपए की किसान सम्मान निधि के माध्यम से उन्हें ब्याजखोरों से बचा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है वहां वह कोशिश करते हैं कि केंद्र सरकार की कोई भी योजना सफल न हो. कुछ लोग तो योजना से जुड़ते ही नहीं है और कुछ राज्य ऐसे हैं जो योजना का नाम बदल देते हैं.
जब भाजपा को सेवा को मौका मिलता है तो विकास की स्पीड और स्केल दोनों बढ़ जाती है.
गिनाई अपनी सरकार की उपलब्धियां
अपनी सरकार के काम की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा, ‘2014 से पहले की योजनाओं में एक घर बनने में 300 दिन लगते थे, हमारी योजना में 100 दिन से भी कम समय में घर बन रहे हैं. पहले घर का आकार 20 वर्ग मीटर होता था, अब घर का आकार 25 वर्ग मीटर होता है. पहले की योजना में एक घर को 70-75 हजार रुपये की मदद दी जाती थी, आज ये मदद 1 लाख 30 हजार रुपये कर दी गई है.’
इससे भी बड़ी बात ये है कि अब पैसे सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में भेजे जाते हैं, कोई बिचौलिया नहीं होता है.
उन्होंने कहा, ’60 सालों में AIIMS की संख्या 1 से बढ़कर 7 हुई लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद सिर्फ 9 वर्षों में हमने देश में AIIMS की संख्या को तीन गुना बढ़ा दिया. ये ताकत है डबल इंजन सरकार की. अब देश में 20 AIIMS हैं और 3 AIIMS पर काम चल रहा है.’
‘हमने गवर्नेंस के हर क्षेत्र में स्केल, स्पीड, सोच और अप्रोच में अमूल-चूल बदलाव किया है.’
कर्नाटक की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि भाषा, संस्कृति, साहित्य और इतिहास की गौरवशाली धरोहरों में कर्नाटक बहुत समृद्ध है. कर्नाटक की दो बातें हमेशा मुझे अपनी ओर खींचती है. आध्यात्मिकता में कर्नाटक का कोई मुकाबला नहीं और यहां पर आध्यात्मिकता लोगों को एक साथ लाकर सामाजिक जागरूकता की ओर जाने के लिए प्रेरित करती है.
हमारे देश में कुछ राजनीतिक दलों ने राजनीति को सिर्फ सत्ता और भ्रष्टाचार का साधन बना दिया. इसको हासिल करने के लिए वो शाम, दाम, दंड, भेद हर तरह का तरीका अपना रहे हैं. इन राजनीतिक दलों को देश के भविष्य की, आने वाले पीढ़ियों की, कनार्टक के भविष्य की कोई चिंता नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आने वाले 24-25 साल देश के लिए अमृतकाल है. इनकी शुरूआत इन्हीं 5 वर्षों से होने वाली है. इन 5 वर्षों की प्रगति हमारे अमृतकाल की नींव होने वाली है. ऐसे में मतदाताओं को उन्हें चुनना चाहिए जिनके पास अमृतकाल के लिए कुछ ब्लू प्रिंट हो.
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