नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ भारत के संघर्ष में सिख गुरुओं के योगदान को नमन करते हुए शनिवार को कहा कि उन्होंने (सिख गुरुओं ने) जिन खतरों से देश को आगाह किया था वो आज भी मौजूद हैं। लिहाजा देश की एकता पर आंच ना आए, एकजुटता बहुत अनिवार्य है.
सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के समारोहों के तहत कच्छ स्थित गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित एक समारोह को वीडियो कांफ्रेंस से संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार का मंत्र ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ है और देश की समरसता को बनाए रखने का दायित्व सभी का है.
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव और उनके बाद अलग-अलग सिख गुरुओं ने भारत की चेतना को तो प्रज्वलित रखा ही, भारत को भी सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया.
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उन्होंने कहा, ‘हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं है बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र की चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है.’
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह गुरु तेगबहादुर मानवता के प्रति अपने विचारों के लिए सदैव अडिग रहे, वह हमें भारत की आत्मा के दर्शन कराता है। जिस तरह देश ने उन्हें ‘हिन्द की चादर’ की पदवी दी, वह हमें सिख परंपरा के प्रति हर एक भारतवासी के जुड़ाव को दिखाता है। औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है. इसी तरह, दशम गुरु गुरुगोबिन्द सिंह साहिब का जीवन भी पग-पग पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है कोई देश की एकजुटता पर आंच ना ला सके, इसके लिए हमारे बीच एकजुटता बहुत अनिवार्य है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे गुरुओं ने जिन खतरों से देश को आगाह किया था वह आज भी वैसे ही हैं. इसलिए हमें सतर्क भी रहना है और देश की सुरक्षा भी करनी है.’
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को देश का मंत्र करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नए और समर्थ भारत का पुनरोदय आज देश का लक्ष्य और हर गरीब की सेवा तथा हर वंचित को प्राथमिकता सरकार की नीति है.
उन्होंने कहा, ‘हर प्रयास, हर योजना का लाभ देश के हर हिस्से को समान रूप से मिल रहा है. इन प्रयासों की सिद्धि भारत की समरसता को मजबूत बनाएगी और गुरु नानक देव की शिक्षाओं को चरितार्थ करेगी.’
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