नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार देश में स्वास्थ्यसेवा के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपना रही है, जिसके तहत केवल उपचार ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र के बजट प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया बजट अब असाधारण है और यह इस क्षेत्र के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को किफायती बनाने और इसकी सुलभता को अगले स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है, जिसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सरकार चार मोर्चों पर एकसाथ काम कर रही है-बीमारी की रोकथाम एवं स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता एवं मात्रा में बढ़ोतरी और समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड में काम करना.
पीएम ने इन चारों मोर्चों के बारे में कुछ इस तरह बताया. पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार हेल्थ इश्यू को टुकड़ों के बजाय हॉलिस्टिक तरीके से देखती है. इसलिए हमने देश में सिर्फ ट्रीटमेंट ही नहीं वेलनेस पर फोकस करना शुरु किया.’
‘हमने प्रिवेंशन से लेकर क्योर तक एक इंटीग्रेटेट अप्रोच अपनाई है.’
पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने का यानि बीमारी से बचाव और वेलनेस का प्रमोशन .
दूसरा मोर्चा, गरीब से गरीब को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का है.
आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाएं यही काम कर रही हैं.
तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वांटीटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करना.
चौथा मोर्चा है, समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना. मिशन इंद्रधनुष का विस्तार देश के आदिवासी और दूर-दराज के इलाकों तक किया गया है.
मोदी ने कहा कि दुनिया ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की ताकत को देखा है और इस क्षेत्र में भारत का सम्मान बढ़ा है.
मसाले और काढे से दुनिया को दिखाई नई राह
पीएम ने इस दौरान यह भी कहा कि कोरोना काल में आयुष से जुड़े हमारे नेटवर्क ने भी बेहतरीन काम किया है.उन्होंने आगे कहा, ‘न सिर्फ ह्यूमन रिसर्च को लेकर बल्कि इम्यूनिटी और साइंटिफिक रिसर्च को लेकर भी हमारा आयुष का इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बहुत काम आया है.’
‘भारत की दवाओं और वैक्सीन के साथ साथ हमारे मसालों और हमारे काढ़े का भी कितना बड़ा योगदान है, ये दुनिया आज अनुभव कर रही है.’
हमारी ट्रेडिशनल मेडिसीन ने भी विश्व मन पर अपनी एक जगह बनाई है.देश को वेलनेस सेंटर, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, क्रिटिकल केयर यूनिट, हेल्थ सर्विलांस इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक लैब्स और टेली मेडिसीन चाहिए.
कोरोना काल में आयुष से जुड़े हमारे नेटवर्क ने भी बेहतरीन काम किया है।
न सिर्फ human research को लेकर बल्कि immunity और scientific research को लेकर भी हमारा आयुष का इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बहुत काम आया है।
– पीएम @narendramodi
— BJP (@BJP4India) February 23, 2021
हमें हर स्तर पर काम करना है, हर स्तर को बढ़ावा देना है.
उन्होंने कहा कि भविष्य में भारतीय चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मियों की मांग दुनिया भर में बढ़ेगी.
मोदी ने कहा कि देश को भारत निर्मित टीकों की बढ़ती मांग के लिए तैयार रहना चाहिए.
स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में हमें देश के दूर-दराज के क्षेत्र में भी, जहां चाहे सिर्फ एक नागरिक ही हो, वहां हमें तक पहुंचना है, ये हमारा मिजाज होना चाहिए और इस दिशा में हमें पूरी कोशिश करनी है.
हमारी सरकार Health Issues को टुकड़ों के बजाय Holistic तरीके से देखती है।
इसलिए हमने देश में सिर्फ Treatment ही नहीं Wellness पर फोकस करना शुरु किया।
हमने Prevention से लेकर Cure तक एक Integrated अप्रोच अपनाई।
– पीएम @narendramodi
— BJP (@BJP4India) February 23, 2021
इस दौरान पीएम ने टीबी की बीमारी को लेकर भी सरकार की क्या योजनाएं हैं कि जानकारी दी. पीएम ने कहा, ‘देश से टीबी को खत्म करने के लिए हमने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है. टीबी भी संक्रमित इंसान के ड्रॉपलेट्स से ही फैलती है.
टीबी की रोकथाम में भी मास्क पहनना, समय से पहचान और इलाज है और ये तीनों ही अहम हैं.’