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Sunday, 24 November, 2024
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विपक्ष मणिपुर, मणिपुर कहता रहा, Modi ‘INDIA’ पर हमले करते रहे- वॉकआउट के बाद राज्य में हिंसा पर बोले

पीएम ने विपक्ष के सदन से वॉकआउट करने के बाद मणिपुर पर बोलना शुरू किया. इस दौरान वह कांग्रेस को जमकर निशाने पर लिए और राज्य में समस्या के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया.

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नई दिल्ली : पीएम मोदी ने गुरुवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए पहुंचे. इस दौरान सत्तापक्ष के साथ राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत विपक्ष के नेता मौजूद थे. पीएम ने इस दौरान विपक्ष के साथ कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रहे थे. दूसरी तरफ विपक्ष के सदस्य मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए नारे लगा रहे थे. लेकिन पीएम विपक्ष के नये गठबंधन ‘इंडिया’ पर हमला बोलते रहे. इसके विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए. विपक्षी सदस्यों के जाने के बाद पीएम ने मणिपुर के मुद्दे पर बोलने की शुरुआत की.

प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के सदन से वाकआउट करने पर बोले कि, “यह देश इनसे ज्यादा अपेक्षा नहीं कर सकता. ये लोग झूठ फैला सकते हैं. ऐसे-ऐसे पाप करके गए हैं. इन्हें देश के विश्वास को प्रकट करना चाहिए.”

पीएम मोदी ने कहा कि कल मणिपुर पर गृहमंत्री ने 2 घंटे तक बोला. बिना राजनीति किए. इसमें मणिपुर को विश्वास देने का प्रयास था, लेकिन विपक्ष सिवाय राजनीति के कुछ नहीं किया.

‘मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा’

उन्होंने कहा, “मणिपुर में अदालत के एक फैसला आया. अदालतों में क्या हो रहा है हम नहीं जनाते हैं. इसके बाद हिंसा का दौर शुरू हो गया. इस दौरान अनेक परिवारों ने अपनों को खोए. महिलाओं के खिलाफ अपराध हुए. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कोशिश की गई है. मैं देश के सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा.”

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं मणिपुर के लोगों से आग्रह करना चाहता हूं कि देश आपके साथ है. हम सब मिलकर कर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे. मैं विश्वास दिलाता हूं कि मणिपुर फिर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा. इस प्रयास में कोई कोर कसर नही रहेगी.”

एक दिन पहले राहुल गांधी के मणिपुर में भारत माता की हत्या किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि, “यहां सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उससे हर भारतीय को ठेस पहुंची है. भला सत्ता के बिना ऐसा भी किसी का हाल हो जाता है? सत्ता के बिन ये लोग जी नहीं सकते.”

पीएम ने कहा कि ये लोग इसी तरह कभी संविधान की हत्या के बात करते हैं. दरअसल जो इनके मन में है, वही सामने आ जाता है.

उन्होंने भारत से पाकिस्तान, बांग्लादेश बन जाने को भारत माता के तीन टुकड़े करने की बात कहते हुए कहा कि, “जिन्होंने मां भारतीय के तीन-तीन टुकड़े कर दिए. जब मां भारतीय को गुलामी से निकाला जा रहा था तब मां भारतीय की भुजाएं काट दी गईं. ये लोग किस मुंह से इस तरह से बोलने की हिम्मत करते हैं.”


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पीएम ने नॉर्थ-ईस्ट को लेकर नेहरू पर लगाए आरोप  

मोदी ने इस दौरान भारत की राजनीतक इतिहास की तीन घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पहली घटना 5 मार्च 1966 की है. जब कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर वायुसेना से हमला कराया. क्या कांग्रेस इसका जवाब दे पाएगी कि ऐसा क्यों कराया. आज भी 5 मार्च को पूरा मिजोरम शोक मनाता है. घाव भरने का हमने प्रयास किया है. कांग्रेस ने इस सच को देश से छुपाया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान इंदिरा गांधी की सरकार थी.

दूसरी घटना की जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने 1962 में नेहरू द्वारा रेडियो पर भाषण के प्रसारण का जिक्र किया और इसे खौफनाक बताया. उन्होंने कहा कि नेहरू ने 1962 में जब चीन हमला कर रहा था तो ऐसी विकट घड़ी में नेहरू ने रेडियो ने नेहरू ने कहा था. “इस समय मेरी संवेदनाएं असम के लोगों के साथ हैं.” पीएम ने इसे असम को चीनियों की दया पर ‘छोड़’ देने की बात कही. उन्होंने कहा यह भाषण आज भी असम को नश्तर की तरह चुभता है. नेहरू ने उन्हें अपने भाग्य पर जीने पर मजबूर कर दिया.”

उन्होंने इस दौरान लोहिया के आरोपों का सहारा लेते हुए कहा कि, “लोहिया ने नेहरू पर इस दौरान गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा लोहिया ने कहा था कि नेहरू जानबूझकर नॉर्थ-ईस्ट का विकास नहीं कर रहे हैं. यह कितनी लापरवाही और खतरनाका बात है. मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र 30 हजार स्वक्वायर मील जिसे विकास से वंचित कर दिया है. लेकिन हमने नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के भावनाओं को समझने की कोशिश की है.”

प्रधानमंत्री ने आज की मणिपुर की समस्या के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ा. उन्होंने कहा कि, “प्राकृतिक संसाधनों से मणिपुर भरा है. कांग्रेस के शासन में यह भू-भाग अलगाव के कारण में जल रहा था. उस समय मणिपुर में हर व्यवस्था उग्रवादी संगठनों की मर्जी से चलती थी. जब सरकारी दफ्तरों में महात्मा गांधी की फोटो नहीं लगाने दी जाती थी. इस दौरान मणिपुर के स्कूलों में राष्ट्रगान नहीं गाने दिया जाता तब कांग्रेस की सरकार थी.”

पीएम ने कहा कि जब 4 मणिपुर में मंदिर की घंटी बंद हो जाती थी, उसके सामने सेना का प्रहरा लगाना पड़ता था. जब अफसर को उग्रवादी को अपनी तनख्वाह से पैसा देना पड़ता था. तब कांग्रेस की सरकार थी.

उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी पीड़ा सेलेक्टिव है. इनकी संवेदानाएं सेलेक्विट हैं. ये राजनीति के दायरे से बाहर नहीं सोच सकते. मणिपुर में जो सरकार है वह पिछले सरकार के इन सब चीजों से दूर करने की पूरी कोशिश कर रही है.

मोदी ने कहा कि आज मणिपुर में शांति लाने के लिए सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की गई है. साउथ एशिया का जिस तरह से विकास हो रहा है. उससे नॉर्थ-ईस्ट वैश्विक तौर से केंद्र बन जाएगा.

उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट के लिए पिछले 9 साल में अपनी सरकार के काम की बात करते हुए कहा कि हमने लाखों, करोड़ों नार्थ- ईस्ट के लिए निवेश किए हैंं. आधुरनिक, रेलवे, एयरपोर्ट बनाए हैं. पहली बार नार्थ-ईस्ट में बंदे भारत जैसी ट्रेन चली है.

पीएम ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि, जब आप 2023 की तरह 2028 में, अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं तो तयैारी के साथ आएं. देश को कम से कम इतना दो विश्वास दें कि आप विपक्ष में रहेंगे.

उन्होंने संसद विपक्ष के जारी विरोध की बात करते हुए कहा कि संसद का पल-पल देश के लिए होना चाहिए. संसद घूमने के लिए नहीं होनी चाहिए कि ‘चलो संसद टहल आते हैं.’ इससे रजानीति चल कसकी है लेकिन देश नहीं चल सकता है.

पीएम ने कहा कि, “मेरा देश की जनता पर अटूट विश्वास है. देश के लोग अखंड विश्वासी लोग हैं. अखंड चैतन्य हैं. ये देश संकल्प के लिए समर्पण को लेकर चलता है.”

उन्होंने कहा कि 9 सालों में देश के सामान्य आदमी का विश्वास नये अरमानों को छू रहा है. आज का भारत दबाव में नही आता. न रुकता है. जब देश पर सामान्य आदमी का विश्वास है तो दुनयिा भी उस पर विश्वास करने लगती है. क्योंकि भारत के लोगों का खुद परर विश्वास बढ़ा है. विपक्ष देश के इस विश्वास को तोड़ने की कोशिश न करे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश आजादी का 100वां साल मनाएगा, तब भारत 2047 में विकसित भारत होगा. यह देशवासियोंं की सामूहिक शक्ति से होगा. उन्होंने कहा कि, “मैं 140 करोड़ लोगों के संकल्प को लेकर चल रहा हूं. इस देश में मणिपुर से बड़ी समस्याएं पहले भी आई हैं. आओ मिलकर चलें, मणिपुर को विश्वास में लेकर चलें. दर्द की दवाई बनकर काम करें.

इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई. इस दौरान विपक्ष सदस्य सदन से वाकआउट कर गए थे. बाकी सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हाथ उठाए और मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

पीएम ‘इंडिया’ गठबंधन पर हमला करते रहे, विपक्ष कर गया वॉकआउट

पीएम ने विपक्ष के इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि, “इनकी दाल गलने वाली नहीं है. ये नई-नई दुकान खोल के बैठ जाते हैं. वह इस घमंडिया गठबंधन से देश के लोगों को सावधान करना चाहते हैं. इनसे सुधरने की हमें अपेक्षा नहीं है, जनता इन्हें सुधार देगी.”

प्रधानमंत्री ने कहा, घमंडिया गठबंधन भारत के दिवालिया होने की गारंटी है, ये गठबंधन इकोनॉमी को डुबाने की, डबल डिजिट की महंगाई की, करप्शन की, तुष्टिकरण की, परिवारवाद की, ये भारी बेरेजगारी की, आतंक और हिंसा की गारंटी है.

“यह भारत को कभी भी चौथी अर्थव्यवस्था बनाने की गारंटी नहीं दे सकते.”

इस बीच विपक्ष के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए.


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