scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमराजनीतिशरद पवार बोले नहीं जाएंगे शिवसेना के साथ, लोगों को सत्ता का गुरूर पसंद नहीं

शरद पवार बोले नहीं जाएंगे शिवसेना के साथ, लोगों को सत्ता का गुरूर पसंद नहीं

एनसीपी प्रमुख ने सत्तारूढ़ दलों के नेताओं का नाम लिए बिना पवार ने यह भी कहा कि 'कुछ लोगों ने बेहद कट्टर नजरिया रखने की सीमा पार की.'

Text Size:

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के 220 सीट जीतने के लक्ष्य से काफी पीछे रहने का संकेत मिलने के साथ ही राकांपा प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि संदेश यह है कि लोगों को ‘सत्ता का गुरूर’ पसंद नहीं. पवार ने कहा कि लोगों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को विपक्ष में ही रखना चाहा है और पार्टी सरकार बनाने का प्रयास नहीं करेगी.

शरद पवार ने कहा कि जल्द ही अपने समर्थकों के साथ चुनाव को लेकर बैठक करेंगे. भविष्य के फैसले पर बात करेंगे. कांग्रेस और एनसीपी और अन्य सहयोगी मिलकर तय करेंगे भविष्य में क्या करना है. हम शिवसेना के साथ नहीं जाएगे.

एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि ‘लोगों को 220 सीट (288 में से) की बात नहीं भाई. राकांपा जनादेश को विनम्रता पूर्वक स्वीकार करती है. कांग्रेस, राकांपा, पीडब्ल्यूपी, स्वाभिमानी शेतकरी संघटना और अन्य सहयोगियों ने पूरे दिल से एक-दूसरे का सहयोग किया. चुनाव परिणाम दिखाते हैं कि लोगों को सत्ता का गुरूर पसंद नहीं.’

सत्तारूढ़ दलों के नेताओं का नाम लिए बिना पवार ने यह भी कहा कि ‘कुछ लोगों ने बेहद कट्टर नजरिया रखने की सीमा पार की.’

उन्होंने कहा, ‘लोगों ने हमसे विपक्ष में रहने को कहा है. किसी तरह सत्ता में आने का विचार हमारे जहन में आता नहीं. हम अपना जनाधार बढ़ाने पर काम करेंगे.’

साथ ही पवार ने यह भी ध्यान दिलाया कि सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के लिए विपक्षी खेमे का साथ छोड़ने वालों को लोगों ने स्वीकार नहीं किया.

शरद पवार ने कहा कि सत्ता आती है और जाती है लेकिन प्रतिबद्धता जरूरी होती है. उन्होंने कहा कि एक और जरूरी बात कि जो हमें छोड़कर गए, उन्हें स्वीकार नहीं किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ में)

share & View comments