नई दिल्ली: कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ विरोध को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की चुप्पी के बीच, हिसार से बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह ने पहलवानों को दोबारा अपना समर्थन दिया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “यह बिल्कुल दिल दहला देने वाला है कि उन्हें उनकी जीवन भर की मेहनत को बर्बाद करने के लिए मजबूर होना पड़ा.”
I feel the pain and helplessness of our wrestlers forcing them to the brink of throwing away their lifetime of hardwork- the medals from Olympics, CWGs, Asian Games in the holy Ganga.
Absolutely heartbreaking.
— Brijendra Singh (@BrijendraSpeaks) May 30, 2023
सिंह ने पिछले महीने भी ट्वीट कर पहलवानों को अपना समर्थन दिया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ”सड़कों पर हमारे पहलवानों को प्रदर्शन करते देखना निराशाजनक है.”
मंगलवार को, इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट ने हरिद्वार में गंगा में प्रतीकात्मक रूप से अपने पदक “विसर्जित” करने की घोषणा की थी.
शाम को पहलवान हरिद्वार पहुंच भी गए जहां अंततः किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें मना लिया. किसान नेता टिकैत ने सरकार को “पांच दिन का अल्टीमेटम” दिया और आंदोलनकारी पहलवानों के समूह से पदक ले लिए.
बीजेपी सांसद ने मीडिया से यह भी कहा कि इस मामले को तब सुलझाया जाना चाहिए था जब पहलवान कुछ महीने पहले ही आखिरी बार विरोध में बैठे थे.
दिप्रिंट ने बृजेंद्र सिंह और हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओ.पी. धनखड़ से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन इस खबर के छपने तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
बृजेंद्र सिंह, अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के साथ, 2014 के हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. पहले भी वे तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन करते रहे हैं और विरोध से निपटने के तरीके को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं.
सिंह जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भी खुले तौर पर चुनौती दे रहे हैं, जो वर्तमान में उचाना विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. 2024 के चुनाव में जींद की उचाना सीट पर दोनों पार्टियों की नजरें हैं, जबकि राज्य में बीजेपी जेजेपी के साथ गठबंधन में है.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज पहलवानों का समर्थन करने वाले उत्तरी राज्य से पहली प्रमुख आवाज थे. इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने सार्वजनिक रूप से उन एथलीटों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, जो रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. विज ने शांतिपूर्ण समाधान के लिए हस्तक्षेप करने और मामले को उच्च अधिकारियों के पास ले जाने की पेशकश की थी.
बीजेपी अध्यक्ष ओ.पी. धनखड़ ने भी यह मामला उठाया था. उन्होंने कहा था कि आंदोलनकारी पहलवान हरियाणा की “बेटियां” हैं और उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ उनकी मांगों को उठाया है. जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि यह मुद्दा हरियाणा से संबंधित नहीं था. उनके डिप्टी दुष्यंत चौटाला ने पहले ही “कड़ी से कड़ी कार्रवाई” की मांग कर चुके हैं.
विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ विरोध में पहलवानों के समर्थन में उतर आए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने 25 अप्रैल को दिल्ली के जंतर मंतर में पहलवानों से मुलाकात की थी.
(संपादन: ऋषभ राज)
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