बेंगलुरु: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की एक रैली में एक महिला ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया जिसके बाद ने राजनीति गरमा गई है. पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली महिला को देशद्रोह के चार्ज में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाने वाली लड़की अमूल्या को बेल नहीं दी जाएगी. उसके पिता ने भी कहा है कि उसे सुरक्षा देने की जरूरत नहीं है. येदियुरप्पा ने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि वह नक्सल से संपर्क में है और उसे अच्छे से दंडित किया जाएगा.
मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद के लगे नारे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने नेताओं ने जहां ओवैसी और उनकी पार्टी की निंदा की है वहीं कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर कहा है, ‘दुश्मन देश के बारे में नारा लगाना पूरी तरह से गलत है, सरकार को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.’
वहीं भारतीय जनता पार्टी की स्टूडेंट विंग एबीवीपी बंगलूरू में प्रदर्शन करने जा रहा है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा है, ‘जो पाकिस्तान का सपोर्टर है वह हमेशा के लिए वहां चला जाए.’ भाजपा कर्नाटक ट्वीटर हैंडल से उस वीडियो को शेयर किया है और लिखा है कि सच्चाई यह कि सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान और एंटी नेशनल फोर्सेज के बीच का संयुक्त उद्यम है जिसे कांग्रेस पार्टी चला रही है.
Anti-CAA Activist Amulya Leona shouts PAKISTAN ZINDABAD in the presence of AIMIM Chief @asadowaisi at Bengaluru.
Truth is that protests against #CAA are a joint venture between Pakistan & Anti-National Forces led by @INCIndia.
Those who support Pakistan should go there forever. pic.twitter.com/GpknmmdKHt
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) February 20, 2020
अमूल्या द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाए जाने की निंदा उसके पिता ने भी की है. इंडिया टूडे से की बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अमूल्या ने जो किया वह गलत है.’ पिता ने यह भी कहा कि उसने जो कहा वह उसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने इंडिया टूडे से बातचीत में यह भी कहा कि मैंने उसे कई बार मना किया है कि मुस्लिमों के मामले में मत बोलो, लेकिन उसने मेरी एक बार भी नहीं सुनी है. मैने उसे उकसाने वाले बयान देने से भी मना किया है. बता दें कि अमूल्या के पिता भी जेडीएस होबली से एक स्थानीय नेता हैं.
गुरुवार शाम एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे, उनके मंच पर पहुंचते ही आयोजकों ने एक महिला को उनकी बात रखने के लिए आमंत्रित किया गया. महिला ने मंच पर आते ही ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए. हालांकि महिला के इस कृत्य की निन्दा करते हुए ओवैसी ने कहा है, ‘हम भारत के लिए हैं.’और पार्टी का इस महिला से कोई संबंध नहीं हैं.
अपनी सफाई में ओवैसी ने यह भी कहा कि वह अपनी बात कह कर मंच के पीछे नवाज पढ़ने के लिए जा रहे थे जब लड़की ने यह नारा लगाना शुरू किया…उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं फौरन वापस आया और उसे ऐसे किसी भी नारे लगाने को मना किया. मैंने पूछा यह क्या है? मैनें पूछा यह क्या बेवकूफों वाली बात वह बोल रही है. मैं इस तरह की बेवकूफी को बर्दाश्त नहीं करूंगा. इसके तुरंत बाद पुलिस आ गई थी.
ओवैसी ने यह भी कहा कि यदि मुझे यह पता होता कि यहां ऐसा कुछ होने वाला है तो मैं यहां आता भी नहीं..ओवैसी द्वारा दी जा रही इस सफाई का कोई फर्क पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पाकिस्तान का हितैशी बताया है.
‘संविधान बचाओ’ बैनर के तहत आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों ने ओवैसी के मंच पर पहुंचने के बाद अमुल्या नाम की इस महिला को भीड़ को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया. महिला ने वहां उपस्थित लोगों से अपने साथ ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ का नारा लगाने को कहा.
इस पर ओवैसी उससे माइक छीनने के लिए बढ़े और अन्य लोग भी महिला को हटाने की कोशिश करने लगे. लेकिन महिला अड़ी रही और बार-बार दोहराते हुए ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ कहा.
बाद में, पुलिस आगे बढ़ी और महिला को मंच से हटा दिया.
इसके बाद ओवैसी ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि वह महिला से सहमत नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘न तो मेरा और न ही मेरी पार्टी का इस महिला से कोई संबंध है. आयोजकों को उसे यहां नहीं बुलाना चाहिए था. यदि मुझे यह पता होता तो मैं यहां नहीं आता. हम भारत के लिए हैं और हम किसी भी तरह दुश्मन देश का समर्थन नहीं करते. हमारा पूरा आंदोलन भारत को बचाने के लिए है.’
वहीं, जद (एस) के पार्षद इमरान पाशा ने दावा किया कि महिला को कार्यक्रम में खलल डालने के लिए प्रतिद्वंद्वी समूह ने भेजा था.
उन्होंने कहा कि महिला वक्ताओं की सूची में शामिल नहीं थी और पुलिस को मामले की जांच गंभीरता से करनी चाहिए.
कहने की आवश्यकता नही है कि किसी ने षडयंत्र के तहत इसको प्लांट किया था।वैसे पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए भी कुछ लोग पकड़े गए है।उस विषय में गोदी मीडिया ने अपनी बत्ती गुल कर रखी है।