नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को आगामी लोकसभा चुनाव में वायनाड से नहीं बल्कि हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती दी.
एआईएमआईएम सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र हैदराबाद में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करता हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद को सबसे पुरानी पार्टी के शासन में ध्वस्त कर दिया गया था.
ओवैसी ने कहा, “मैं आपके नेता (राहुल गांधी) को वायनाड से नहीं बल्कि हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहा हूं. आप बड़े-बड़े बयान देते रहो, मैदान में आओ और मेरे खिलाफ लड़ो. कांग्रेस के लोग बहुत कुछ कहेंगे, लेकिन मैं तैयार हूं. बाबरी मस्जिद और सचिवालय की मस्जिद को कांग्रेस शासन के तहत ध्वस्त कर दिया गया था.”
उन्होंने कहा, तेलंगाना में कांग्रेस और एआईएमआईएम आमने-सामने हैं क्योंकि दोनों पार्टियां इस साल के अंत में होने वाले राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों में शीर्ष पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं.
इस महीने की शुरुआत में, राहुल गांधी ने तेलंगाना के तुक्कुगुडा में विजयभेरी सभा में बोलते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी, भारत राष्ट्र समिति और एआईएमआईएम तेलंगाना में एकजुट होकर काम कर रहे हैं और उनकी पार्टी इस तिकड़ी के खिलाफ लड़ रही है.
राहुल गांधी ने कहा था, “तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी बीआरएस के खिलाफ नहीं बल्कि बीआरएस, बीजेपी और एआईएमआईएम के साथ मिलकर लड़ रही है. वे खुद को अलग-अलग पार्टियां कहते हैं लेकिन एकजुट होकर काम कर रहे हैं.”
वायनाड सांसद ने यह भी दावा किया था कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव या एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कोई सीबीआई-ईडी मामले नहीं हैं क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें अपने “अपने लोग” मानते हैं.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में विजयी होने के लिए मैदान में उतरे सभी राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
सत्तारूढ़ बीआरएस ने पहले ही अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर दी है, जबकि कांग्रेस ने अपनी “छह गारंटी” की घोषणा की है, जिसके बारे में पार्टी का कहना है कि अगर वे सत्ता में आए तो उन्हें पूरा किया जाएगा.
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‘अल्लाह मेरे साथ है’
अपने संबोधन के दौरान महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए एआईएमआईएम सांसद ने कहा, “भाजपा नेता कहते रहे कि हमारे दो सांसदों ने महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मतदान किया. लेकिन, हमने संसद को चौंका दिया.”
“कुल 450 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया और केवल 2 ने बिल के खिलाफ वोट किया. स्पीकर साहब ने कहा कि ओवैसी साहब, कोई आपके साथ नहीं है, मैंने जवाब दिया, अल्लाह मेरे साथ है.”
एआईएमआईएम नेता ने कहा कि उन्होंने पूरे देश को दिखाया कि भाजपा और कांग्रेस एक साथ हैं और वह अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, “जब सभी ने कहा कि 450 सांसद मेरे खिलाफ हैं, तो मैंने पूरे देश को बताया कि कांग्रेस और बीजेपी एक साथ हैं, और समाजवादी (पार्टी) और कांग्रेस भी एक साथ हैं. मैं अकेले पीएम मोदी के खिलाफ लड़ रहा हूं और आप सभी एक साथ हैं.”
एआईएमआईएम सांसद ने मसौदा कानून पर अपने विरोध का बचाव करते हुए कहा कि यह मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए उप-कोटा प्रदान नहीं करता है.
हालांकि कुछ विपक्षी सदस्यों ने विधेयक के कार्यान्वयन में देरी पर चिंता व्यक्त की, केंद्र ने कहा कि इसे उचित प्रक्रिया के बाद लागू किया जाएगा.
राज्यसभा ने इससे पहले 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित किया था, लेकिन इसे लोकसभा में नहीं लाया गया और बाद में यह निचले सदन में यह रद्द हो गयाृ था.
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