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Thursday, 21 November, 2024
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UP की सियासत में बड़ी हलचल बनी ओवैसी और राजभर की मुलाकात, अपने मोर्चे में शिवपाल को भी जोड़ने की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक, भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर तले ओपी राजभर, ओवैसी, शिवपाल यादव व बाबू सिंह कुशवाहा समेत कई छोटे दलों के नेताओं को एकजुट करके एक बड़ा गठबंधन बनाने की तैयारी है.

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लखनऊ: बिहार में कामयाबी से उत्साहित ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओपी राजभर से मुलाकात की. लखनऊ के एक होटल में लगभग डेढ़ घंटा चली इस मीटिंग से तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. ओपी राजभर के नेतृत्व वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा ओवैसी की एआईएमआईएम भी होगी.

दिप्रिंट से बातचीत में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने भी इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘पंचायत चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई है लेकिन पंचायत चुनाव साथ में लड़ेंगे या नहीं इसका औपचारिक ऐलान अभी नहीं किया जा सकता. जनवरी में एक बार फिर से दोनों की मुलाकात होगी.’

शौकत अली ने ये भी बताया कि ओवैसी अपने अगले लखनऊ दौरे के दौरान प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव से भी मिल सकते हैं और उन्हें भी इस मोर्चे में शामिल करने का प्रयास रहेगा.

ओवैसी ने मीडिया से बातचीत में वोट कटवा होने जैसे आरोपों पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि प्रदेश में अगली सरकार भागीदारी मोर्चा की बनेगी. उनका कहना था कि ऐसे आरोप डरे हुए लोग ही लगा रहे हैं और आने वाले दिनों में हमारा कारवां और आगे बढ़ेगा.

ममता बनर्जी के आरोप पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो ओवैसी को दौलत से खरीद सकें.


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क्या हो सकते हैं समीकरण

सूत्रों के मुताबिक, भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर तले ओपी राजभर, ओवैसी, शिवपाल यादव व बाबू सिंह कुशवाहा समेत कई छोटे दलों के नेताओं को एकजुट करके एक बड़ा गठबंधन बनाने की तैयारी है. ये गठबंधन बिहार के तीसरे मोर्चे की तर्ज पर हो सकता है जहां उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट बना था जिसमें बसपा भी शामिल थी. हालांकि यूपी में बसपा भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होगी या नहीं इस पर अभी कोई सहमति नहीं बनी है.

दिप्रिंट से बातचीत में ओपी राजभर के पुत्र व सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा, ‘हम एक बड़ा मोर्चा बनाने के प्रयास में हैं जिसमें पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों के नेताओं को जोड़ा जाएगा. हमने अखिलेश यादव से भी मुलाकात की, अजय लल्लू से भी मुलाकात की, हम मायावती से भी मुलाकात करने को तैयार हैं बशर्ते ये नेता भी आज के समय की जरूरत समझें और भाजपा के खिलाफ एकजुट हों.’

उन्होंने कहा, ‘जो नेता एकजुट होने को तैयार हैं हम उनसे मिल रहे हैं. पंचायत चुनाव को लेकर अगल महीने एक और मीटिंग होगी जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि कितने सीटों पर संयुक्त मोर्चा अपने कैंडिडेट्स उतारेगा.’


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