नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू की गिरफ्तारी पर पार्टी की राज्य प्रमुख प्रियंका गांधी ने कहा है कि हमारे अध्यक्ष गिरफ्तार हुए हैं लेकिन हिम्मत नहीं हारे. फेसबुक लाइव के दौरान प्रियंका ने कहा, ‘मुझे पता है कि वह वहां भी लड़ रहे होंगे, आप सब उनके साथ खड़े हुए हैं, आपने बार-बार आवाज उठाई है. हम लड़ रहे हैं, लड़ते रहेंगे’.
उन्होंने कहा, ‘यह हमारा कर्तव्य है कि हम सबके लिए आवाज़ उठाएं और न्याय मांगे.’
बता दें कि 20 मई को अजय लल्लू की गिरफ्तारी हुई थी. 30 मई को उनके मामले की सुनवाई होनी है.
गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देश पर यूपी में 52 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता 11 बजे से 2 बजे के बीच में फेसबुक लाइव हुए. कांग्रेस वर्कर्स ने 60 से अधिक कांग्रेस नेताओं के ऊपर किए गए मुकदमे और प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी के खिलाफ काली पट्टी बांध कर अपना रोष जताया.
इसके अलावा स्पीक-अप कार्यक्रम के तहत सरकार से मांग रखी की सबसे गरीब लोगों की मदद के लिए न्याय योजना की तरह 10,000 रुपए का अग्रिम भुगतान तुरंत करे और अगले 6 महीनों तक 7500 रूपए देना सुनिश्चित करें.
इस दौरान प्रियंका गांधी ने भी लाइव आकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘आज देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ता, कांग्रेस के नेता उन लोगों के पक्ष में अपनी आवाज उठा रहे हैं जो लोग लॉकडाउन और कोरोना महामारी के प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. हम यह काम इसलिए कर रहे हैं ताकि सरकार उनकी बात सुने. 10 हज़ार रुपये हर जरूरतमंद के अकाउंट में डाला जाए यह मांग है. हमारी दूसरी मांग है कि अगले 6 महीने तक प्रतिमाह 7500 रुपये जरूरतमंद लोगों के खाते में डाला जाए.’
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प्रियंका ने कहा, ‘जो प्रवासी मजदूर अपने गांव पहुंच चुके हैं उनके लिए मनरेगा के कार्य दिवस 100 से 200 दिन तक बढ़ाया जाए. जो लोग लॉकडाउन से जूझ रहे हैं, जिनके पास कोई बिजनेस नहीं है, जो छोटे उद्योग वाले हैं, छोटे दुकानदार हैं, बुनकर हैं, उनकी मदद के लिए सरकार कुछ करें और उनको एक आर्थिक पैकेज दे. उनके ऊपर कर्ज ना हो, उनके हाथ में पैसा आए ताकि इस मुश्किल वक्त में उनका गुजारा चल सके.’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘देखिए, मैं आपसे एक खास आग्रह करना चाहती हूं. सभी राजनैतिक पार्टियों से खास करके भाजपा से कि यह वक्त राजनीति का नहीं है. यह वक्त पूरे देश को इकट्ठा होने का है. सभी पार्टी के राजनेताओं को वैचारिक मतभेदों को भुलाकर हम सबको सबकी मदद करना है. जब यूपी में आपने हमारी 1000 बसों को नकार दिया, हमने आपसे कहा था कि आप अपने बैनर पोस्टर लगा लीजिए. हमें उससे कोई परहेज नहीं है. आपने ऐलान किया था कि 12 हज़ार बसें यूपी परिवहन की आप चलाएंगे लेकिन आज तक वह कागज पर चल रही हैं. उन्हें सड़कों पर नहीं उतारा गया.’
प्रियंका के मुताबिक, ‘हम कोई राजनीतिक मांग नहीं उठा रहे हैं. यह मानवीयता के आधार पर मांग है. आप से आग्रह कर रहे हैं कि राजनीति छोड़िए. जिस जनता ने हम सब को बनाया है, उसका साथ दिया जाए. अब समय है कि हम सब लोग और आप भी जनता का साथ दें.’
(प्रशांत श्रीवास्तव के इनपुट्स के साथ)