नई दिल्ली: शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, गोपाल कृष्ण गांधी के इनकार के बाद विपक्ष को राष्ट्रपति के उम्मीदवार का कैंडिडेट मिल गया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘हमने (विपक्षी दलों ने) सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे.’
वहीं इससे पहले एक ट्वीट के जरिए सिन्हा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने के संकेत दिए थे.
यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को एक एक ट्वीट किया जिससे उनके राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार होने की अटकलों को बल मिल गया है.
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘मैं ममता जी का आभारी हूं जिन्होंने टीएमसी में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी. अब वह समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना होगा. मुझे यकीन है कि वह इस कदम को स्वीकार करेंगी.’
बता दें कि सिन्हा का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब 17 विपक्षी दल आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.
इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने तीन वरिष्ठ नेताओं के सामने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था जिसे तीनों उम्मीदवारों ने ठुकरा दिया था.
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार बनने के विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया था.
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी इस मुकाबले में उतरने से मना कर दिया है.
नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हो चुकी है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है. जरूरी हुआ तो चुनाव 18 जुलाई और मतगणना 21 जुलाई को होगी.
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