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Wednesday, 18 December, 2024
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विपक्ष ने अंबेडकर पर शाह की टिप्पणी को लेकर इस्तीफा मांगा, मोदी बोले: ‘कांग्रेस का काला इतिहास उजागर’

कांग्रेस चाहती है कि शाह अपने 'अंबेडकर का नाम लेना अब फैशन बन गया है' वाले बयान पर इस्तीफा दें. भाजपा ने कांग्रेस पर शाह के भाषण का क्लिप्ड वर्जन प्रसारित करके सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया.

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मंगलवार को राज्यसभा में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. और एक दिन बाद जब संसद में संविधान पर बहस समाप्त हुई, विपक्ष ने बुधवार को शाह से दलित प्रतीक को कथित रूप से अपमानित करने के लिए माफी की मांग की, जबकि कांग्रेस ने उनकी इस्तीफे की मांग की.

‘जय भीम’ और ‘अमित शाह माफी मांगो’ के नारे लगाते हुए कांग्रेस सांसदों और अन्य विपक्षी नेताओं ने संसद में अंबेडकर की तस्वीरें पकड़ी. हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस पर शाह के भाषण का एडिट हिस्सा वायरल कर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया. भाजपा ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर का जीवनकाल में अपमान किया और अब वह एडिट वीडियो का इस्तेमाल प्रचार के लिए कर रही है.

संविधान बहस के दौरान मंगलवार को शाह ने राज्यसभा में कहा, “अब यह फैशन बन गया है, ‘अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.’ अगर लोग भगवान का नाम इतनी बार लेते तो सात जनमों तक स्वर्ग में रहते.”

“उनका नाम और लो, लेकिन मुझे यह समझना है कि आप उनके बारे में सच में क्या सोचते हो. अंबेडकर ने पहली कैबिनेट से क्यों इस्तीफा दिया था? अंबेडकर ने कई बार कहा था कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ हो रहे बर्ताव से असंतुष्ट थे, और सरकार की नीतियों, खासकर अनुच्छेद 370 पर, उन्हें कोई संतोष नहीं था,” शाह ने कहा.

मंगलवार रात को, कांग्रेस के जयराम रमेश ने शाह के भाषण का एक वीडियो क्लिप X पर शेयर किया.

रमेश ने लिखा, “अमित शाह ने कुछ बहुत ही घिनौना कहा है. यह दिखाता है कि भाजपा और आरएसएस के नेताओं को बाबा साहेब अंबेडकर से बहुत नफरत है.”

“नफरत इतनी है कि उन्हें उनका नाम भी बुरा लगता है. ये वही लोग हैं जिनके पूर्वज बाबा साहेब की मूर्तियां जलाते थे, जो खुद उस संविधान को बदलने की बात करते थे जो बाबा साहेब ने दिया था,” कांग्रेस नेता ने आगे लिखा.

शाह के बयान का बचाव करते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी प्रभारी अमित मालवीय ने X पर एक पोस्ट में कहा, “यह कांग्रेस का रोज़ का ड्रामा है—सुबह उठो, बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करो, झूठ फैलाओ, और इस घिनौने चक्र को बार-बार दोहराओ. दलित समुदाय के भगवान जैसे व्यक्ति का अपमान कांग्रेस की गहरी नफरत को उजागर करता है. कांग्रेस, जिसने दलितों की उपेक्षा की है, ने नेहरू के समय से अंबेडकरजी का अपमान किया है.”

“कांग्रेस की विश्वसनीयता अब शून्य हो चुकी है. यही कारण है कि अब उन्हें भ्रम फैलाने की राजनीति करनी पड़ रही है. गृह मंत्री अमित शाह का पूरा बयान कांग्रेस के बाबा साहेब अंबेडकर और दलित समुदाय के प्रति नफरत को उजागर करता है. पूरी स्पीच सुनिए.”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शाह से इस्तीफा देने की मांग की.

खड़गे ने संसद के बाहर रिपोर्टर्स से कहा, “जब अमित शाह डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में बात कर रहे थे, तो उन्होंने कहा ‘आप लोग अंबेडकर का नाम 100 बार लेते हो, अगर आप भगवान का नाम इतने बार लेते, तो सात जन्मों तक स्वर्ग में चले जाते.’ इसका मतलब यह है कि बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेना एक अपराध है और उनका उद्देश्य बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का विरोध करना था. मैंने इसका विरोध हाथ उठाकर किया, लेकिन मुझे मौके नहीं दिए गए क्योंकि सदन में बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर कार्यवाही चल रही थी, इसलिए हमने चुप रहने का फैसला किया. शाह का बाबा साहेब का अपमान गलत है और मैं उनकी इस्तीफे की मांग करता हूं.” 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शाह का बचाव किया. उन्होंने कहा कि देश ने देखा है कि “एक पार्टी” ने डॉ. अंबेडकर की धरोहर को मिटाने के लिए किस तरह की गंदी राजनीति की है.

मोदी ने X पर एक थ्रेड में पोस्ट करते हुए कहा, “संसद में अमित शाह जी ने कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया, जिसमें डॉ. अंबेडकर का अपमान और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी की गई. वे स्पष्ट रूप से बताए गए तथ्यों से हैरान और चौंके हुए हैं, इसलिए अब वे ड्रामा कर रहे हैं.”

“अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ इकोसिस्टम यह सोचते हैं कि उनके झूठ उनके कई सालों के गुनाहों, खासकर डॉ. अंबेडकर के प्रति अपमान, को छिपा सकते हैं, तो वे गंभीर रूप से गलत हैं!”

 

“कांग्रेस के पापों की सूची में डॉ. अंबेडकर को चुनावों में एक बार नहीं बल्कि दो बार हराना शामिल है. पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना दिया. उन्हें भारत रत्न से वंचित किया गया. संसद के केंद्रीय हॉल में उनका चित्र लगाने से भी इंकार किया गया,” उन्होंने लिखा. 

“कांग्रेस जितना भी प्रयास करे, वे यह नहीं नकार सकते कि SC/ST समुदायों के खिलाफ सबसे बड़े नरसंहार उनके शासनकाल में हुए हैं. सालों तक वे सत्ता में रहे लेकिन SC और ST समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाए,” पीएम ने लिखा.

राज्यसभा में, सभापति जगदीप धनखड़ ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को इस मुद्दे पर बोलने का अवसर दिया.

रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस ने वर्षों तक डॉ. अंबेडकर का अपमान किया है. उन्होंने 1952 के चुनावों में और बाद में विदर्भ से हुए उपचुनाव में उन्हें हराया. ऐसे प्रभावशाली नेता को हराकर उन्होंने देश की गरिमा को धूमिल किया है. यही वह बिंदु था जिसे गृह मंत्री ने उठाया था, उन्होंने लिखा.

“गृह मंत्री ने कभी बाबा साहेब का अपमान नहीं किया, बल्कि उन्हें उचित सम्मान दिया. कांग्रेस ने उन्हें ही अपमानित किया… बाबा साहेब ने 1951 में कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था. पीएम मोदी ने मुझे, जो एक बौद्ध हूं, देश का कानून मंत्री बनाया. कांग्रेस बस अंबेडकर के नाम पर ड्रामा कर रही है,” रिजिजू ने कहा.

‘मनुस्मृति के समर्थक अंबेडकर से नफरत करेंगे’

एक्स पर, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लिखा कि जो लोग ‘मनुस्मृति’ पर विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से अंबेडकर के खिलाफ होंगे.

दो अलग-अलग पोस्ट्स में, खड़गे ने शाह पर हमला करते हुए लिखा कि शाह ने ‘एक बार फिर साबित किया कि बीजेपी-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ हैं, उनके पूर्वज अशोक चक्र के विरोधी थे और संघ परिवार के लोग शुरू से ही भारत के संविधान की जगह मनुस्मृति लागू करना चाहते थे.’

‘मोदी सरकार के मंत्रियों को यह अच्छी तरह से समझना चाहिए कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबासाहेब अंबेडकर भगवान से कम नहीं हैं… वह और हमेशा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के मसीहा रहेंगे,’ खड़गे ने एक्स पर हिंदी में पोस्ट किया.

कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी इस भावना को दोहराते हुए कहा, “अगर आपको नहीं पता, तो बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर भगवान के समान हैं और उन्होंने जो संविधान तैयार किया है, वह करोड़ों लोगों के लिए एक पवित्र पुस्तक है. आप किस प्रकार से डॉ. अंबेडकर के बारे में इस तरह की घृणा से बात कर सकते हैं?”

“बीजेपी का डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के प्रति घृणा हमेशा से स्पष्ट थी, और गृह मंत्री के आज के राजसभा में दिए गए दुर्भाग्यपूर्ण बयान इस बात को और भी पुख्ता करते हैं कि वे डॉ. अंबेडकर से कितनी नफरत करते हैं,” वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया. “मनुस्मृति के पूजक हमेशा अंबेडकर का तिरस्कार करेंगे, जिन्होंने जातिवादी आरएसएस और उनकी मनुस्मृति द्वारा प्रक्षिप्त भयानक विचारों को नकारा.”

टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एक्स पर पोस्ट किया, बीजेपी के “जातिवादी” मानसिकता पर हमला करते हुए लिखा:

“यह बीजेपी की जातिवादी और एंटी-दलित मानसिकता का प्रदर्शन है. अगर यह उनकी स्थिति है जब वे 240 सीटों तक सीमित हैं, तो सोचिए अगर उनका 400 सीटों का सपना पूरा हुआ होता तो उन्होंने क्या नुकसान किया होता. वे डॉ. अंबेडकर के योगदान को पूरी तरह से मिटाने के लिए इतिहास को फिर से लिख डालते.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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