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Thursday, 25 April, 2024
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SP-SBSP गठबंधन टूटने की कगार पर, राजभर बोले- अखिलेश की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का है इंतजार

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने यह बयान पिछले दिनों सपा के गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद दिया है.

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नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी और सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच गया है. पिछले केी दिनों से चल रही ही जुबानी जंग के बाद शुक्रवार को सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वो अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि वो गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे.

सुभासपा और एसपी के बीच तल्खी गुरुवार को राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की पत्रकार वार्ता में भी नजर आई थी क्योंकि एसपी ने इस पत्रकार वार्ता में गठबंधन के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत सिंह को तो बुलाया था लेकिन सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर नहीं आएं थे.

मऊ जिले में पार्टी की एक बैठक में शामिल होने जा रहे राजभर ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह एसपी से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे.

उन्होंने एसपी से तल्खी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘उन्हें एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘वह अब भी एसपी के साथ हैं. अखिलेश यादव अगर उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे तो वह एसपी के साथ जबरदस्ती नहीं रहेंगे.’

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उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में आयोजित बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर पूछे जाने पर कहा कि अखिलेश यादव भूल गए होंगे, इसलिए उन्हें बैठक में नहीं बुलाया.

राजभर ने एक सवाल के जबाव में कहा कि वह राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर समर्थन के मसले पर अपने फैसले की घोषणा 12 जुलाई को करेंगे. उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को मऊ और शनिवार को बलिया और गाजीपुर में पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करेंगे साथ ही इसके बाद अपना फैसला सार्वजनिक करेंगे. उन्होंने यशवंत सिन्हा के समर्थन को लेकर पूछे जाने पर कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है.


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‘किसी के सलाह की जरूरत नहीं’

गुरुवार को ओम प्रकाश राजभर के समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को एक साथ 2024 चुनाव लड़ने के सुझाव पर अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देत हुए बुधवार को कहा था कि उन्हें किसी के सलाह की जरूरत नहीं है.

तीन जुलाई को राजभर ने एसपी और बीएसपी पर गरीबों से छल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है इन दोनों पार्टियों को आगे आकर कहना चाहिए कि वे समाज के वंचित वर्ग की लड़ाई नहीं लड़ सकतीं.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सपा का सहयोगी दल है. एसपी और बीएसपी ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. हालांकि, बाद में दोनों की राहें अलग हो गई थीं.

राजभर ने कहा था, ‘आखिर एसपी और बीएसपी गरीबों और वंचितों की शुभचिंतक होने की बात कहकर उनके साथ छल क्यों कर रही है? मेरा मानना है कि अगर दोनों पार्टियां गरीबों की ही लड़ाई लड़ रही हैं तो फिर वे अलग-अलग चुनाव क्यों लड़ रही हैं?’

राजभर ने रविवार को जोर देकर कहा, ‘एसपी और बीएसपी की आपसी लड़ाई की वजह से गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए. यह मेरी तरफ से उनके लिए एक सलाह है.’

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एसपी के साथ गठबंधन कर छह सीटें जीतने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने यह बयान पिछले दिनों सपा के गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद दिया है. खासकर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव की छोड़ी हुई आजमगढ़ सीट पर बीएसपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. माना जा रहा है कि इसकी वजह से एसपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा.

यह भी माना जा रहा है कि सपा नेता आजम खां की छोड़ी हुई रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में बीएसपी ने जानबूझकर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा ताकि बीजेपी को दलित वोट मिलने में आसानी हो.

पिछले दिनों अखिलेश यादव को एससी कमरों से बाहर निकलकर क्षेत्र में काम करने की सलाह देने वाले राजभर से जब पूछा गया कि क्या वह एसपी के साथ गठबंधन जारी रखेंगे तो उन्होंने कहा था कि ‘यह अभी तक तो यह बरकरार है.’

इस सवाल पर कि क्या वह अखिलेश यादव और मायावती को साथ लाने की कोशिश करेंगे, राजभर ने कहा, ‘निश्चित रूप से मेरी तरफ से यह कोशिश की जाएगी और यह मेरा काम भी है.’

गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी और बीएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर बीजेपी को नुकसान हुआ था और उसकी सीटों की संख्या वर्ष 2014 में मिली 71 सीटों से घटकर 62 हो गई थी.

राजभर ने पिछले दिनों कहा था कि अखिलेश को वर्ष 2012 में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कृपा से मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने अपनी टिप्पणी को दोहराने से मना कर दिया.

राजभर ने कहा कि हर किसी को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए और जमीन पर रहकर काम करना चाहिए.

आगामी लोकसभा चुनाव में एसपी को उत्तर प्रदेश की 60 और बाकी सहयोगी दलों को शेष 20 सीटों पर चुनाव लड़ाने की सलाह देने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने एक सवाल पर कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे हैं.

इस सवाल पर कि क्या आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में एसपी की हार के बाद उनकी अखिलेश से कोई मुलाकात हुई, राजभर ने कहा, ‘देखते हैं कि हम कब मिल सकते हैं.’

भाषा के इनपुट से 


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