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शुक्रवार, 18 अप्रैल, 2025
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मजदूर दिवस पर सौगात, तेलंगाना में फंसे प्रवासियों को लेकर विशेष ट्रेन हुई झारखंड रवाना, योगी बोले-सुरक्षित वापसी की है पूरी तैयारी

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता इस दिन पर अपनी तरह से कोरोनासंकट काल में विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों को सांत्वना दे रहे हैं और उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर उनसे वादा भी कर रहे हैं.

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लखनऊ/ नई दिल्ली: मजदूर दिवस देश के कई राज्यों में फंसे श्रमिकों के लिए खुशखबरी लेकर आया है. एक ओर जहां केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वह वापस ला सकते हैं. इसी कड़ी में रेलवे ने तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए शुकव्रार को विशेष ट्रेन चलाई है. आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, ‘24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई.’उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है.

बता दें कि आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता इस दिन पर अपनी तरह से कोरोनासंकट काल में विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों को सांत्वना दे रहे हैं और उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर उनसे वादा भी कर रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मौके पर मजदूरों और देशवासियों को संदेश देते हुए कहा है, मजदूर दिवस पर देश के मेहनतकश मज़दूरों को मेरी शुभकामनाएं व आभार. आज कोरोना महामारी के समय हर मज़दूर व उसके परिवार के साथ मज़बूती से मदद में खड़े होना पूरे देश का कर्तव्य है.

सुरक्षित वापसी की पूरी तैयारी

वहीं इस मौके पर एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के श्रमिकों से धैर्य बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि जल्द ही उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जायेगी.

योगी ने शुक्रवार को किये एक ट्वीट में कहा, ‘मेरे प्रवासी कामगार/श्रमिक बहनों-भाइयों, सृष्टि की सभी आपदाएं आपके धैर्य के समक्ष नतमस्तक हुई हैं. आज पुनः कोरोना वायरस की हार आपके धैर्य पर निर्भर है. आप सभी से अपील है कि कतई व्यथित मत होइए. जहां हैं, वहीं रहिए. अतिशीघ्र, आप सभी की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाएगी.’

मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘विश्व का समस्त वैभव श्रमिकों/कामगारों के अकथनीय श्रम का सुफल है. विकास की प्रक्रिया में ‘श्रमेव जयते’ का उद्घोष करता ‘मई दिवस’ हमारे कामगार एवं श्रमिक वर्ग के सम्मान का दिवस है. आइए, इस अवसर पर हम सब स्वतःस्फूर्त भाव से अपने कामगारों/श्रमिकों के हितों के संरक्षण का संकल्प लें.’

उन्होंने बृहस्पतिवार को एक ट्वीट में कहा था, ‘सभी प्रवासी कामगार एवं श्रमिक बहनों-भाइयों से अपील है कि जिस धैर्य का परिचय आप सभी ने अभी तक दिया है उस धैर्य को बनाए रखें, पैदल न चलें, जिस राज्य में है वहां की सरकार से संपर्क में रहें. आप सभी की सुरक्षित वापसी के लिए संबंधित राज्य सरकार से वार्ता कर कार्ययोजना बनाई जा रही है.’

मायावती बोलीं- गहरा संकट

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने श्रमिक दिवस के मौके पर शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की रोजी-रोटी पर गहरा संकट छाया हुआ है. उन्होंने कहा कि ऐसे में केन्द्र और राज्यों की कल्याणकारी सरकार के रूप में भूमिका बहुत ही जरूरी है.

मायावती ने एक ट्वीट में कहा, ‘मजदूर तथा मेहनतकश वर्ग अन्तरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस को मई दिवस के रूप में हर वर्ष धूमधाम से मनाते हैं परन्तु वर्तमान कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण उनकी रोजी-रोटी पर अभूतपूर्व गहरा संकट छाया हुआ है. ऐसे में केन्द्र तथा राज्यों की कल्याणकारी सरकार के रूप में भूमिका बहुत ही जरूरी है.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘इसलिए केन्द्र और राज्य सरकारों से अपील है कि वे करोड़ों गरीब मजदूरों तथा मेहनतकश परिवार वालों के जीवनदायी हितों की रक्षा में सार्थक कदम उठाएं और उन बड़ी निजी कम्पनियों का भी संज्ञान लें जो केवल अपना मुनाफा बरकरार रखने के लिए कर्मचारियों के वेतन में मनमानी कटौती कर रही हैं.

अलग तरह का श्रमिक दिवस

विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों की बार-बार आवाज उठा रहे अखिलेश ने मजदूर दिवस के मौके पर ट्वीट में कहा, ‘इस साल कोरोनाकाल में एक अलग तरह का ‘श्रमिक दिवस’ है. देश के कई राज्यों में मज़दूर घरों से दूर बिना काम और पैसे के परेशान हैं, इस वजह से इस साल, इस दिन किसी शुभकामना या बधाई देने का अवसर नहीं है परंतु श्रमिक अपनों के पास घर सुरक्षित पहुंच पाएं, ये कामना तो हम कर ही सकते हैं’

बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से हजारों की संख्या में मजदूर देश के अलग अलग राज्यों में फंसे हुए हैं.  उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से  मजदूरों के सड़क पर उतरने और प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं. मजदूरों की बढ़ती परेशानी देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश दिया है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान  में रखते हुए अपने अपने राज्य के लोगों को दूसरे राज्यों से वापस ला सकते हैं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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