जम्मू: जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस पर ‘मुस्लिम पार्टी’ होने का आरोप खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने जम्मू से एक हिंदू उपमुख्यमंत्री बनाया है.
उन्होंने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कश्मीर की पार्टी है और केवल कश्मीरियों के लिए काम करेगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों की सेवा करेगी. सीएम बनने के बाद पहली बार जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमने सीएम के रूप में उसी पार्टी से डिप्टी सीएम भी बनाया. पिछले चुनावों में, सभी ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस मुसलमानों की पार्टी है, यह कश्मीरियों का संगठन है और जम्मू का कोई स्थान नहीं है. लेकिन हमने एक डिप्टी सीएम बनाया जो जम्मू से है और हिंदू है. अब वे लोग क्या कहेंगे?”
उमर ने जोर दिया, “जैसे ही चुनाव परिणाम सामने आए, हमारे कुछ शुभचिंतकों ने अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि अब जम्मू की अनदेखी की जाएगी क्योंकि उन्होंने एनसी या कांग्रेस के उम्मीदवारों को नहीं चुना. मैंने पहले दिन से ही कहा था कि यह सरकार सभी के लिए होगी. अगर हम सेवा करेंगे, तो हम जम्मू और कश्मीर के सभी लोगों की सेवा करेंगे.”
जम्मू-कश्मीर में 10 साल के अंतराल के बाद हुए विधानसभा चुनावों में एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की है. यह चुनाव अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार हुआ है. जेकेएनसी ने 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस छह सीटें जीतने में सफल रही. भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 29 सीटें जीतीं, जो सभी जम्मू क्षेत्र में हैं.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने तीन सीटें जीतीं और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, सीपीआई-एम और आप ने एक-एक सीट जीती. सात सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीतीं.
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नौशेरा विधानसभा सीट से जीतने वाले सुरिंदर कुमार चौधरी ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पिछले 8-10 सालों में इस पार्टी को न केवल कमजोर करने की कोशिश की गई बल्कि इसे “पूरी तरह से नष्ट” करने की कोशिश की गई.
उन्होंने कहा, “हमारे खिलाफ हर संभव तरीका अपनाया गया. हमारे साथियों को धमकाया गया, डराया गया और कुछ को लालच दिया गया, लेकिन पार्टी के नेता अडिग रहे और इन साजिशों को सफल नहीं होने दिया. सभी ने साबित कर दिया है कि यह संगठन नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं का नहीं, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं का है.”
सीएम अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि उन्हें अपनी ताकत शीर्ष नेतृत्व से नहीं मिलती, बल्कि सबसे पहले अल्लाह, भगवान और वाहेगुरु से मिलती है और फिर जम्मू-कश्मीर के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलती है.
उन्होंने कहा, “इस संगठन ने हर तरह के तूफान का सामना किया है. कोई भी कल्पना नहीं कर सकता था कि चुनाव के बाद यह नतीजा निकलेगा. मैं लोगों को सलाम करता हूं कि उन्होंने अपने वोट का किस तरह इस्तेमाल किया.”
जम्मू-कश्मीर के सीएम ने उन निर्दलीय उम्मीदवारों की भी प्रशंसा की जो बिना किसी शर्त के उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हुए.
सीएम अब्दुल्ला ने जम्मू में कहा, “निर्दलीय विधायक जो जीते, वे बिना किसी शर्त के हमारे साथ शामिल हुए. उन्होंने केवल इतना कहा कि लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए. 2018 में निर्वाचित सरकार के भंग होने के बाद से लोगों को केवल कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ा है. आज मैं यहां के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अब आपकी बात सुनी जाएगी. आपकी आवाज अब अंधेरे में नहीं खोएगी.”
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