लखनऊ: सपा-बसपा महागठबंधन का बुरा हश्र होने के बाद अब यूपी में एक नया गठबंधन तैयार होने की खिचड़ी पक रही है. दरअसल बीते शुक्रवार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. ये मुलाकात लगभग 40 मिनट तक चली. यूपी में नवंबर में 13 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इस कारण इस मुलाकात को नए सियासी समीकरणों का संकेत माना जा रहा है.
सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव दोनों दल मिलकर लड़ सकते हैं. सुभासपा की ओर से 3 सीटें मांगी गई हैं. हालांकि 27 अगस्त के बाद ही गठबंधन का ऐलान होने की संभावना है.सुभासपा ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा से गठबंधन करके लड़ा था लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी दोस्ती टूट गई. वहीं सपा ने लोकसभा चुनाव से पहले बसपा के साथ महागठबंधन तैयार किया था जो चुनावी परिणाम आने के बाद टूट गया.
सपा- सुभासपा के मिलते जुलते हालात
सूत्रों की मानें तो गठबंधन की संभावना की अहम वजह दोनों दलों के मौजूदा हालात है. योगी सरकार में मंत्री रहते हुए राजभर भाजपा सरकार की लगातार आलोचना करते रहे.उनका रुठने-मनाने का सिलसिला भी चलता रहा चुनाव परिणाम आने से बाद ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा गया. अब उन पर भाजपा की मदद के बिना पार्टी को खड़ा करने की चुनौती है. वहीं मायावती द्वारा गठबंधन तोड़ने के ऐलान और पार्टी के कुछ अहम नेताओं के छोड़कर जाने के बाद अखिलेश के सामने भी सपा को दोबारा से खड़ा करने का बड़ा चैलेंज है. ऐसे में उपचुनाव की रणनीति में वह तमाम प्रयास कर रहे हैं. वहीं सपा व सुभासपा का ये पिछड़े वर्ग को साधने का प्रयास भी बताया जा रहा है.
राजभर लेना चाहते हैं बदला
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से गठबंधन तोड़ अकेले मैदान में उतरने वाले ओमप्रकाश राजभर सूबे की 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में 2-3 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे हैं. लिहाजा वह गठबंधन की तलाश में हैं. राजभर मीडिया से बाततीत में बीते दिनों यह कह चुके हैं कि वह अम्बेडकरनगर की जलालपुर और बहराइच की बलहा सीट से प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे.योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से निकाले जाने के बाद राजभर बदला लेने के मूड में हैं. ऐसे में वो सपा के साथ गठबंधन कर उपचुनाव लड़ने की कोशिश में हैं 2017 के विधानसभा चुनाव में राजभर ने बीजेपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. पहली बार पार्टी के चार विधायक जीते थे.
इन सीटों पर होंगे उपचुनाव
कई विधायकों के सांसद बनने के कारण यूपी में कई सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ये सीटें- जलालपुर, बलहा (सुरक्षित), जैदपुर (सुरक्षित),रामपुर सदर, मानिकपुर, गंगोह, प्रतापगढ़, गोविंद नगर, लखनऊ कैंट, टुडला (सुरक्षित), इगलास, हमीरपुर हैं.
सपा की प्रदेश की सारी इकाइयां कीं भंग
अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर, समाजवादी पार्टी की राज्य एवं ज़िला कार्यकारिणी सभी प्रकोष्ठ सहित भंग कर दी है. लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से तीन महीने बाद और विधानसभा उप चुनाव की आहट के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी की सभी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है.
अब नए सिरे से पार्टी नए लोगों को जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है. फिलहाल यह बदलाव अभी प्रदेश स्तर पर किया गया है.लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही अखिलेश यादव ने सबसे पहले प्रवक्ता का पैनल भंग कर दिया था. प्रवक्ताओं को निर्देश जारी किए गए थे कि कोई भी मीडिया में पार्टी की तरफ से कोई भी अधिकृत बयान जारी नहीं करेगा.