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Thursday, 25 April, 2024
होमराजनीतिNDA में शामिल हुए ओपी राजभर- BJP को दिला चुके हैं भारी सफलता, UP के 10-12 जिलों में बड़ी पकड़

NDA में शामिल हुए ओपी राजभर- BJP को दिला चुके हैं भारी सफलता, UP के 10-12 जिलों में बड़ी पकड़

अमित शाह ने कहा कि एनडीए में राजभर के आने से उत्तर प्रदेश में मजबूती मिलेगी. वहीं राजभर ने कहा कि वह समाजिक न्याय और देश की रक्षा के लिए एनडीए में आए हैं. यूपी में अब कोई मुकाबले में नहीं है.

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नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए में शामिल होने का फैसला किया है. उन्होंने दिल्ली में रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर यह फैसला लिया. अमित शाह ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. साथ ही ओम प्रकाश राजभर ने भी ट्वीट कर इस मुलाकात की जानकारी दी है और कहा वह सामाजिक न्याय और देश की रक्षा के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं.

अमित शाह ने ट्वीट किया है, “श्री @oprajbhar जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन में आने का निर्णय लिया है. मैं उनका एनडीए परिवार में स्वागत करता हूं.”

शाह ने कहा, “राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा.”


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राजभर 18 जुलाई को एनडीए की बैठक में हिस्सा लेंगे

वहीं सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर सामाजिक न्याय और देश की रक्षा के लिए भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही है.

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उन्होंने लिखा, “भाजपा और सुभासपा आए साथ. सामाजिक न्याय देश की रक्षा- सुरक्षा, सुशासन वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेगी.”

राजभर ने कहा, “मा० गृहमंत्री भारत सरकार आदरणीय श्री अमित शाह जी से दिल्ली में भेंट हुई और माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया. मैं मा०अमित शाह जी, मा० प्रधानमंत्री जी, मा० मुख्यमंत्री जी, मा० जेपी जेपी नड्डा को धन्यवाद देता हूं.”

उन्होंने एनडीए में शामलि होने के फैसले पर बात करते हुए कहा, “हमने 14 जुलाई को केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और कई सारे मुद्दों पर चर्चा की व 2024 का चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है. हमें साथ लाने के लिए मैं पीएम मोदी, एचएम अमित शाह, सीएम योगी अदित्यानाथ को धन्यवाद देता हूं.”

राजभर ने कहा, “हम 18 जुलाई को होने वाली एनडीए की बैठक में हिस्सा लेंगे. मंत्री का पद हमारे लिए अहम नहीं है. अब उत्तर प्रदेश में कोई मुकाबले में नहीं है.”

गौरतलब है कि ओम प्रकाश राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से खटपट के बाद एनडीए ज्वाइन करने का फैसला किया है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर 28 अक्टूबर 2021 को दोनों नेता साथ आए थे.

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अखिलेश-राजभर के बीच आई दरार

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों के बीच खटास आई. इस दौरान सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान से मिले थे, जिसकी खबर के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दोनों दलों के बीच दरार सतह पर आ गई व दोनों पार्टियों के बीच अलगाव तय हो गया.

समाजवादी पार्टी ने सुभासपा को पत्र लिखकर उन पर भाजपा को मजबूत करने का आरोप लगाया था. पार्टी ने पत्र में कहा था, “ओम प्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है, आपका बीजेपी के साथ गठजोड़ है और लगातार बीजेपी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.”

एमएलसी चुनाव में हिस्सेदारी न मिलने से नाराज ओपी राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बगावत कर दी थी. इस दौरान ओम प्रकाश राजभर लगातार अखिलेश यादव को नसीहत देने में लगे हुए थे और उन्हें एसी से निकलकर बाहर राजनीति करने को कह रहे थे.

राजभर के साथ आने से भाजपा को हुआ था बड़ा फायदा

2017 के चुनावों में, सुभासपा के साथ गठबंधन करने वाली भाजपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2012 में मिली 14 सीटों के मुकाबले 72 सीटें बढ़ाने में सफल रही थी. जबकि समाजवादी पार्टी की सीटें घटकर 9 हो गईं. जबकि सपा को 2012 में वहां 52 सीट मिली थीं.

वहीं सुभासपा 2017 में 8 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें 4 सीटों पर सफलता पाई थी और इन सीटों पर 34 फिसदी वोट शेयर हासिल किया था.

यूपी में कितना फीसदी है राजभर जाति

दिप्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में राजभर ओबीसी समूह में एक महत्वपूर्ण समुदाय है. राजभर जाति यूपी की आबादी का लगभग 3 फीसदी हैं, वहीं इस समुदाय के नेता दावा करते हैं कि उनका असल आंकड़ा लगभग 4.5 प्रतिशत है.

वे अपने को श्रावस्ती के महाराजा सुहेलदेव का वंशज मानते हैं, जो पूर्वी यूपी में मध्यकालीन हिंदू नायक थे. ऐसा कहा जाता है कि सुहेलदेव ने 11वीं सदी में महमूद गजनवी के भतीजे गाजी सैय्यद सालार मसूद की हमलावर सेना को परास्त किया था.

प्रयागराज में जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के राजनीतिक टिप्पणीकार और निदेशक बद्री नारायण के मुताबिक, “राजभर ओबीसी समुदाय से हैं और पूर्वी यूपी में 10-12 जिलों पर इनकी बड़ी पकड़ है. यहां इनकी संख्या 20-22 प्रतिशत तक है, जो निर्णायक फैक्टर बन जाता है. वे चुनाव परिणाम तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.”


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