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Sunday, 22 December, 2024
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BJP सांसद से नर्सों की माफी की मांग, विवादों से रहा पुराना नाता, आंदोलनकारी किसानों को कहा था ‘आलसी’

नर्स संगठनों ने भाजपा सांसद राम चंद्र जांगड़ा के संसद में ‘महिला विरोधी उपहास’ पर आपत्ति जताई है, हरियाणा राज्य महिला आयोग में इसे लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई है.

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गुरुग्राम: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद राम चंद्र जांगड़ा राज्यसभा में नर्सों पर की गई अपनी अभद्र टिप्पणी को लेकर एक बार फिर से विवादों में हैं. नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने पंचकूला स्थित हरियाणा राज्य महिला आयोग में इस बारे में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है.

एसोसिएशन ने टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे नर्सों की गरिमा का अपमान और लैंगिक असंवेदनशीलता का उदाहरण बताया.

सोमवार को सदन में जांगड़ा ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा, “हरियाणा में एक व्यक्ति बीमार पड़ गए और वो अस्पताल में बिस्तर पर लेटे थे, उन्हें बेचैनी हो रही थी. तभी एक युवा सुंदर नर्स आई उनका हाथ पकड़ा और कहा, ‘ताऊ, आपको क्या परेशानी है?’ मरीज ने जवाब दिया, ‘बस मेरा हाथ पकड़े रहिए, मुझे कोई परेशानी नहीं होगी.’ इसी तरह, मोदी जी, हमारा हाथ पकड़े रहिए, फिर हमें भी कोई परेशानी नहीं होगी.”

हरियाणा नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष विनीता कुमारी ने बुधवार को दिप्रिंट से कहा, जब तक जांगड़ा अपनी टिप्पणियों के लिए स्पष्ट और सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक उनका एसोसिएशन उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लड़ता रहेगा.

आयोग को दी गई शिकायत, जिसे दिप्रिंट ने भी देखा है, में कहा गया है, “राज्यसभा सांसद राम चंद्र जांगड़ा का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे नर्सों पर अभद्र और अश्लील टिप्पणी करते नज़र आ रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा इसकी निंदा करता है, क्योंकि सांसद का बयान नर्सों और उनके पेशे को बदनाम करने वाला है. हम जांगड़ा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं, जिसमें उन्हें राज्यसभा से हटाना भी शामिल है. हम उनसे सार्वजनिक रूप से माफी भी चाहते हैं. अगर आयोग जांगड़ा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है, तो संघ अदालत का सहारा लेगा.”

मंगलवार को फेसबुक पर जांगड़ा द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश का ज़िक्र करते हुए जिसमें उन्होंने अपने शब्दों को स्पष्ट करने की कोशिश की, कुमारी ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी के बारे में कोई खेद नहीं जताया बल्कि उन्होंने अपने अर्थ को अलग कर दिया है.

वीडियो मैसेज में जांगड़ा को कहते हुए देखा जा सकता है, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भगवान देखता हूं और मेरा मानना ​​है कि वे गरीबों का हाथ थामकर खड़े हैं…उसी तरह डॉक्टरों को भगवान का अवतार माना जाता है और नर्सें तो भगवान का उससे भी बड़ा अवतार हैं. मैंने जो कहा, वो इसी संदर्भ में कहा था. जो लोग मेरे बयान में अश्लीलता देख रहे हैं, वो दरअसल इसे छोटी सोच से देख रहे हैं. मैं सांसद हूं और सांसद की गरिमा को समझता हूं. इसके बावजूद भी अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन इसे मुद्दा न बनाएं.”

नर्सिंग ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन की राज्य अध्यक्ष सुनीता ने दिप्रिंट से कहा कि सभी सही सोच वाले लोग भाजपा सांसद के आचरण की निंदा करेंगे, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा हैरानी इस बात से हुई कि संसद में बैठने के लिए चुने गए कुछ लोगों को यह भी एहसास नहीं हुआ कि नर्सों के भी परिवार और बच्चे हैं, जिन्होंने जांगड़ा की टिप्पणी सुनी है.

उन्होंने पूछा, “जब उनकी अपनी बेटी और बहू के बारे में ऐसी ही टिप्पणी की जाएगी, तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी? उनकी बेटी और बहू के बच्चे क्या जवाब देंगे?”

उन्होंने कहा, “मैं जांगड़ा की उम्र के हिसाब से उनका सम्मान करती हूं, लेकिन महिलाओं के प्रति उनके रवैये के कारण वे इस पद के लायक नहीं हैं.”

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) की उपाध्यक्ष जगमती सांगवान ने कहा कि भाजपा के राज्यसभा सांसद की टिप्पणी से पता चलता है कि वे महिलाओं को एक वस्तु की तरह देखते हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, “इससे यही पता चलता है कि भले ही जांगड़ा सांसद बन गए हैं, लेकिन देश की आधी आबादी के प्रति उनका रवैया तिरस्कारपूर्ण है और उनका सेंस ऑफ ह्यूमर महिलाओं के प्रति द्वेषपूर्ण है.”

सांगवान ने मांग की कि राज्यसभा के सभापति को जांगड़ा की टिप्पणियों का संज्ञान लेना चाहिए और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि महिलाओं में यह धारणा न जाए कि संसद इसमें शामिल है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि एआईडीडब्ल्यूए इस संबंध में बहुत जल्द ही राज्यसभा के सभापति को ज्ञापन सौंपेगी.

हरियाणा की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने भी जांगड़ा की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा सांसद ने संसद में खड़े होकर सभी नर्सों, महिलाओं और पूरे हरियाणा राज्य का अपमान किया है. भुक्कल ने झज्जर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “उन्हें अपनी महिला विरोधी और हरियाणा विरोधी मानसिकता के लिए माफी मांगनी चाहिए और भाजपा को ऐसे नेता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.”

उन्होंने कहा कि नर्सिंग एक पवित्र पेशा है.

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सांसद बिप्लब देब ने पहले हरियाणवी लोगों को “मंदबुद्धि” कहा था और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के लोगों को “कंधे से ऊपर कमज़ोर” बताया था. भुक्कल ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भाजपा नेताओं की हरियाणा के लोगों के प्रति ऐसी ही मानसिकता है.

बुधवार को दिप्रिंट द्वारा संपर्क किए जाने पर जांगड़ा ने कहा कि उन्हें अभी तक नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा उनके खिलाफ शिकायत की कोई सूचना नहीं मिली है. नर्सों पर उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह एक कार्यक्रम में व्यस्त हैं.


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हरियाणवी लोगों पर व्यंग्य के लिए प्रसिद्ध

74-वर्षीय जांगड़ा रोहतक जिले के महम गांव के रहने वाले हैं और मार्च 2020 में निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए थे.

चुनाव से पहले उन्होंने 2014 में गोहाना से हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें 24.23 प्रतिशत वोट शेयर के साथ वे तीसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें खट्टर का करीबी माना जाता है.

हरियाणा में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि जांगड़ा की पृष्ठभूमि अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं की तरह आरएसएस से नहीं है.

नेता ने कहा, “जब भाजपा ने 1996 में पूर्व सीएम बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, तब वे उसमें शामिल थे. बाद में, जब बंसीलाल की सरकार गिर गई, तो जांगड़ा भाजपा में शामिल हो गए. तब से वे भाजपा में ही हैं.”

जांगड़ा आदतन हरियाणवी लोगों पर व्यंग्य करते रहते हैं. मौजूदा संसद सत्र में एक अन्य भाषण में उन्होंने कहा था कि हरियाणा के लोगों में सामान्य ज्ञान की कमी है.

उन्होंने बताया, “एक बार हरियाणा में एक घर में चोर घुस आया और घर का मालिक पुलिस के पास गया और बोला, ‘मैंने चोर के पैर बांध दिए हैं, कृपया जल्दी आकर उसे गिरफ्तार कर लें’. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आप अजीब आदमी हैं, अगर आपने उसके पैर बांध दिए हैं तो क्या वह अपने हाथों से उन्हें नहीं खोल सकता?’ उस व्यक्ति ने जवाब दिया, ‘चोर भी हरियाणा का है, उसके मन में भी ऐसा विचार नहीं आएगा’.”

विवादित बयान

इस साल लोकसभा चुनाव से पहले जांगड़ा ने कांग्रेस के घोषणापत्र का हवाला देते हुए मुसलमानों को लेकर विवादित बयान दिया था. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस ने हथियार बनाने में मुस्लिम कारीगरों के हुनर ​​का इस्तेमाल किया होता तो भारत एके-47 गन का निर्माता बन सकता था.

2022 में जांगड़ा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें उन्हें झज्जर में एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करने और तीर्थ स्थलों पर न जाने के बारे में बोलते हुए सुना गया था.

इसी कार्यक्रम में उन्होंने महिलाओं के जींस पहनने पर भी आपत्ति जताई थी.

उन्होंने कहा, “आजकल लड़कियां सलवार की जगह जींस पहनना पसंद करती हैं. यह हमारा पारंपरिक पहनावा नहीं है. फटी जींस यूरोप का कचरा है. यह फैशन नहीं, बल्कि गरीबी का प्रतीक है. यूरोप ने भारत को जींस भेजी. उनके पास इस तरह का बहुत सारा कचरा था. यूरोप को लगा कि भारत में बहुत से नकलची हैं जो इसे खरीद लेंगे.”

2021 में तीन कृषि कानूनों (अब निरस्त) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान जांगड़ा ने मीडिया से बात करते हुए आंदोलनकारी किसानों को ‘आलसी, बेकार और शराबी’ करार दिया था. उस साल नवंबर में हिसार जिले में किसानों के एक समूह ने कथित तौर पर उनकी कार को निशाना बनाया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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