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Wednesday, 25 December, 2024
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नूंह हिंसा का आरोपी बिट्टू बजरंगी हरियाणा में CM योगी के साथ एक मंच पर, भाजपा के लिए मांगे वोट

फरीदाबाद एनआईटी से भाजपा उम्मीदवार ने यूपी सीएम, केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में भाजपा के मंच से जनता को संबोधित करते हुए बजरंगी की तस्वीरें साझा कीं. बिट्टू बजरंगी ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया था.

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गुरुग्राम: 2023 नूंह हिंसा मामले में आरोपी राजकुमार उर्फ ​​बिट्टू बजरंगी ने चुनावी राज्य हरियाणा के फरीदाबाद में एक जनसभा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंच साझा किया. बजरंगी ने फरीदाबाद एनआईटी निर्वाचन क्षेत्र से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया. उसने शनिवार को पार्टी द्वारा आयोजित जनसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार सतीश कुमार फागना को अपना समर्थन देने की घोषणा की.

इस दौरान मंच पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के साथ-साथ धनेश अदलखा, सतीश कुमार फागना और टेक चंद शर्मा भी मौजूद थे, जो क्रमशः बड़खल, फरीदाबाद एनआईटी और पृथला सीटों से भाजपा उम्मीदवार हैं.

फागना द्वारा अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा की गई जनसभा की एक तस्वीर में बिट्टू बजरंगी को उनके (फागना), योगी आदित्यनाथ और कृष्णपाल गुर्जर के साथ विजय चिन्ह दिखाते हुए देखा जा सकता है. दूसरी तस्वीर में बजरंगी को जनसभा को संबोधित करते देखा जा सकता है और तीसरी तस्वीर में उसे फागना का हाथ पकड़कर भाजपा उम्मीदवार को अपना समर्थन देते देखा जा सकता है.

फागना ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “राष्ट्रवादी विचारधारा, सुशासन और सबका साथ, सबका विकास की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नीतियों से प्रभावित श्री बिट्टू बजरंगी जी (गौ रक्षा बजरंग फोर्स के अध्यक्ष) ने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी की विशाल जनसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेताओ व कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति में अपना पूर्ण समर्थन प्रदान दिया. मैं उनका और उनके सभी तमाम समर्थकों का हार्दिक स्वागत व धन्यवाद करता हूं.”

बजरंगी ने भी अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि वो “सनातन धर्म के लिए और योगी जी के सम्मान और आदर में” फागना को अपना समर्थन दे रहा है.


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‘लव जिहाद’ के खिलाफ उठाएंगे आवाज़: बजरंगी

अपने भाषण में बिट्टू बजरंगी ने ‘सनातन धर्म’ के सभी अनुयायियों से हरियाणा में भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया, नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका से मौजूदा कांग्रेस विधायक मम्मन खान की आलोचना की और ‘लव जिहाद’ के खिलाफ अपना संकल्प दोहराया.

बजरंगी ने दावा किया कि खान, जो फिर से चुनाव लड़ेगा, उसने समर्थकों से कहा कि अगर वो फिर से निर्वाचित हुआ तो कई लोगों को मेवात छोड़ना पड़ेगा. बजरंगी ने आगे कहा कि सरकार सभी की है, किसी एक समूह की नहीं.

खान भी 2023 नूंह हिंसा मामले में आरोपी है और पिछले सितंबर में उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन एक महीने बाद ज़मानत दे दी गई.

खान पर निशाना साधने के बाद बजरंगी ने यह भी कहा कि हरियाणा के लोग कांग्रेस और उसके नेताओं से नाखुश हैं, जिन्होंने उन्हें धोखा दिया, खासकर फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता. यह कहते हुए कि उसके पास चुनाव प्रचार पर खर्च करने के लिए कोई पैसा नहीं है, बजरंगी ने ‘लव जिहाद’ और गोहत्या के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाना जारी रखने की कसम खाई.

कौन है बिट्टू बजरंगी

राजकुमार उर्फ ​​बिट्टू बजरंगी फरीदाबाद की पर्वतीय कॉलोनी का रहने वाला है.

वो हिंदू देवता हनुमान का भक्त होने का दावा करता है और गौरक्षा बजरंग फोर्स का संस्थापक है — जो गौरक्षकों का एक संगठन है.

उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और वो पहले भी भाजपा द्वारा आयोजित जनसभाओं में हिस्सा ले चुका है, लेकिन उसका पार्टी से कोई आधिकारिक संबंध नहीं है.

उस पर 31 जुलाई, 2023 को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित जुलूस के दौरान हरियाणा के नूंह जिले में सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने का भी आरोप है. हिंसा में कम से कम सात लोग मारे गए थे.

बजरंगी को बाद में हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया और सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) उषा कुंडू की शिकायत पर फरीदाबाद की जेल भेज दिया गया.

कुंडू ने अपनी शिकायत में कहा, “मैं अपनी टीम के साथ नलहर मंदिर से करीब 300 मीटर की दूरी पर ड्यूटी पर थी, तभी हमने तलवारों और त्रिशूलों से लैस करीब 20 लोगों की भीड़ को मंदिर की ओर बढ़ते देखा. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेरी टीम ने उनके हथियार जब्त कर लिए.”

उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने (आरोपियों) पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए और टीम पर शारीरिक हमला किया. हमने उनके हथियार अपने वाहनों में सुरक्षित कर लिए लेकिन वो वाहनों के सामने बैठ गए. इसके तुरंत बाद, उन्होंने हमारे वाहनों के पीछे के गेट खोले और हथियार लेकर भाग गए. बिट्टू और अन्य लोगों ने हमें जान से मारने की धमकी दी और दुर्व्यवहार किया, जिनकी बाद में फुटेज में पहचान की गई.”

शिकायत के आधार पर, बजरंगी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 148 (दंगा), 149 (अवैध रूप से एकत्र होना), 323 (चोट पहुंचाना), 332 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर आपराधिक बल का प्रयोग), 186 (सरकारी कर्मचारी के कर्तव्य में बाधा डालना) और 506 (आपराधिक धमकी) के अलावा शस्त्र अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

बाद में उसे जान से मारने की धमकियों के कारण फरीदाबाद की नीमका जेल में स्थानांतरित कर दिया गया.

उसकी गिरफ्तारी के बाद, विहिप ने बजरंगी से खुद को अलग कर लिया और कहा कि वो कभी भी विहिप की युवा शाखा बजरंग दल से नहीं जुड़ा था और विहिप हिंसा से पहले उसके द्वारा जारी किए गए वीडियो का भी समर्थन नहीं करता है जिसमें उसे मुसलमानों को धमकाते हुए देखा जा सकता है. ज़मानत मिलने से पहले बजरंगी दो सप्ताह तक जेल में रहा था.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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