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Saturday, 21 December, 2024
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बीजेपी का मणिपुर संकट टला, अमित शाह और नड्डा से मिलने के बाद एनपीपी गठबंधन में बने रहने को तैयार

एनपीपी मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की 'वन-मैन स्टाइल ऑफ़ वर्किंग' से नाराज चल रही थी और उसने सरकार का साथ छोड़ दिया था.

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नई दिल्ली: मणिपुर में नेशनल पीपुल्स पार्टी एक सहयोगी के रूप में बने रहने को लेकर सहमत होने के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली एन बीरेन सिंह सरकार के लिए राजनीतिक संकट अब खत्म होता लग रहा है.

नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की जिसके बाद मणिपुर में अपनी सरकार को स्थिर रखने के लिये भाजपा ने एक बार फिर क्षेत्रीय दल का समर्थन हासिल कर लिया.

मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार एनपीपी के चार, भाजपा के तीन बागी विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद मुश्किल में घिर गई थी.

भाजपा के संकट मोचक और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हेमंत बिस्व सरमा एनपीपी के प्रतिनिधिमंडल को शाह से मिलवाने लेकर गए. एनईडीए में भाजपा और पूर्वोत्तर के उसके सहयोगी दल शामिल हैं.

एनपीपी प्रमुख कॉनराड संगमा, पड़ोसी मेघालय के मुख्यमंत्री और मणिपुर के डिप्टी सीएम वाई. जॉयकुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. जॉयकुमार सिंह का इस साल अप्रैल में उनका पोर्टफोलियो छीन लिया गया था.

असम के कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा, जो भाजपा के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक हैं, ने बैठक के बारे में ट्वीट किया है.

 

भाजपा के संकट मोचक और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हेमंत बिस्व सरमा एनपीपी के प्रतिनिधिमंडल को शाह से मिलवाने लेकर गए. एनईडीए में भाजपा और पूर्वोत्तर के उसके सहयोगी दल शामिल हैं.

बैठक के बाद सरमा ने ट्वीट किया, ‘कोनराड संगमा और मणिपुर के उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह के नेतृत्व में एनपीपी के प्रतिनिधिमंडल ने आज नयी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. मणिपुर के विकास के लिये भाजपा और एनपीपी मिलकर काम करते रहेंगे.’

एनपीपी और अन्य असंतुष्ट विधायक बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं.

पार्टी के पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी और महासचिव राम माधव ने इम्फाल में जोर देकर कहा कि राज्य सरकार स्थिर रहेगी.

राम माधव ने इम्फाल हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘यह मुझसे जान लीजिए, हम 2022 तक स्थिर हैं (जब राज्य में अगले विधानसभा चुनाव होने हैं).’

बीरेन सिंह ने भी इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की बात कहते हुए कहा कि यह एक ‘पारिवारिक मामला’ है, और उम्मीद जताई कि राजनीतिक संकट जल्द सुलझ जाएगा.

भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद क्षेत्रीय संगठन एनपीपी और अन्य के साथ मिलकर राज्य में गठबंधन सरकार बनाई थी.

इसी तरह के एक और ट्वीट में सर्मा ने बीजेपी के प्रेसीडेंट जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात करने की बात कही थी. जिसमें मणिपुर के विकास के लिए एनपीपी का सपोर्ट जारी रखने की बात कही गई है.

(दिप्रिंट की नीलम पाण्डेय और भाषा के इनपुट्स के साथ)

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