नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक आकर्षक वैश्विक बाजार के रूप में उभरा है और देश अब विश्व में सौर ऊर्जा उत्पादक शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है.
मोदी ने मध्यप्रदेश के रीवा में 750 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य देश में स्वच्छ और किफायती ऊर्जा के केन्द्र में रूप में उभर कर सामने आएगा.
उन्होंने कहा,‘ सौर ऊर्जा भरोसेमंद (sure),शुद्ध (pure) और सुरक्षित (secure) है.’
पीएम ने आगे कहा, ‘Sure इसलिए क्योंकि ऊर्जा के दूसरे स्रोत खत्म हो सकते हैं, लेकिन सूर्य सदा पूरे विश्व में चमकता रहेगा. Pure इसलिए, क्योंकि ये पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करता है. Secure इसलिए क्योंकि ये हमारी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करता है.’
रीवा, सफेद बाघ और दिल्ली मेट्रो
पीएम ने कहा उद्घाटन के दौरान यह भी कहा कि आज रीवा में वाकई इतिहास रच दिया है. रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर का नाम भी जुड़ गया है.
पीएम ने यह भी कहा रीवा का ये सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को, इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा. इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, बल्कि दिल्ली मेट्रो को भी बिजली उपलब्ध कराएगा.
पीएम ने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट के तैयार होते ही मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों, किसानों, आदिवासियों को होगा.
रीवा परियोजना में 250-250 मेगावॉट की तीन सौर उत्पादक इकाइयां हैं और यह सौर पार्क के अंदर 500 हेक्टेयर की जमीन पर स्थापित हैं.
आज रीवा में वाकई इतिहास रच दिया है।
रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है।
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सौर पार्क को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा विकसित किया गया था. आरयूएमएसएल मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी है.
आरयूएमएसएल को सौर पार्क के विकास के लिये 138 करोड़ रुपये की केंद्रीय वितीय सहायता प्रदान की गयी. पार्क के विकास के बाद रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड ने पार्क के अंदर 250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयों का निर्माण करने के लिए नीलामी के माध्यम से महिंद्रा रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड, एसीएमई जयपुर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड और ऑरिन्सन क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया था.
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बयान के अनुसार इस परियोजना से उत्पादित बिजली की दर 15 वर्षों तक 0.05 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि के साथ पहले साल 2.97 रुपये प्रति यूनिट होगी. इस आधार पर 25 साल की अवधि के लिए 3.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी.
परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.
परियोजना से उत्पादित बिजली में से 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को आपूर्ति की जाएगी. इस लिहाज से पहली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना है जिससे राज्य के बाहर किसी संस्थागत ग्राहक को बिजली मिलेगी.
रीवा परियोजना 1,00,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता के साथ 2022 तक 1,75,000 मेगावाट की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को बताता है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)