नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सात गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में राज्यों को मिलने वाले जीएसटी मुआवजा और जेईई-नीट परीक्षाओं पर बात हुई.
जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है.
उन्होंने कहा, ‘जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया. इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया. गत 11 अगस्त को वित्त मामले की संसद की स्थायी समिति की बैठक में भारत सरकार के वित्त सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है.’
LIVE: Congress President Smt. Sonia Gandhi in discussion with 7 state CMs. https://t.co/uiXpcuqru3
— Congress (@INCIndia) August 26, 2020
जीएसटी परिषद की बैठक 27 अगस्त को होगी.
सोनिया ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है.
उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार एकतरफा उपकर लगाकर मुनाफा कमा रही है और राज्यों के साथ मुनाफा साझा नहीं किया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘केंद्र सरकार पिछले 4 महीने से जीएसटी मुआवजा नहीं दे रही है. भय के हालात बने हुए हैं.’
उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत, इसके लागू होने के बाद के 5 साल तक राज्यों को होने वाले किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है. राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है.
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नीट और जेईई परीक्षा
इस बैठक में ममता बनर्जी ने नीट, जेईई परीक्षाएं टलवाने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों से एक साथ उच्चतम न्यायालय का रूख करने का अनुरोध किया.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘परीक्षाएं सितंबर में हैं. छात्रों के जीवन को क्यों संकट में डाला जाए? हमने पीएम को इस बारे में लिखा लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.’
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी बैठक में मौजूद सभी मुख्यमंत्रियों से नीट और जेईई परीक्षाओं को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही.
सात मुख्यमंत्रियों के साथ हो रही सोनिया की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से बात करनी चाहिए.
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा, ‘अगर परीक्षाएं होती हैं तो देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ेंगे. जिसके लिए भारत सरकार जिम्मेदार होगी. हम मिलकर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ेंगे.’
गौरतलब है कि जेईई और नीट परीक्षा देने वाली अभ्यर्थी कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र लगातार इसे टालने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए वे कई दिनों से ट्विटर पर ट्रेंड भी चला रहे हैं. कई पार्टियों के नेताओं ने भी उनका समर्थन किया है. हालांकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और शिक्षा मंत्रालय ने साफ कह दिया है कि परीक्षाएं अपने तय समय पर ही आयोजित की जाएंगी.
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‘शिक्षा नीति धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका’
सोनिया ने पार्टी शासित चार राज्यों और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक में यह दावा भी किया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के प्रगतिशील, धर्मनरिपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका है.
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमें चिंतित होना चाहिए. यह प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए निश्चित तौर पर झटका है.’
सोनिया ने जीएसटी परिषद से ठीक एक दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ डिजिटल बैठक की.
बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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