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Saturday, 21 December, 2024
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नहीं देख रहे हैं कोई भी स्वास्थ्य विभाग की फाइल, हरियाणा में खट्टर और विज एक बार फिर आए आमने- सामने

जब से सीएमओ के मुख्य प्रधान सचिव ने विज को सूचित किए बिना विभाग के अधिकारियों की बैठक की तब से अनिल विज ने 5 अक्टूबर के बाद से स्वास्थ्य विभाग की किसी भी फाइल को मंजूरी नहीं दी है.

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गुरुग्राम: हरियाणा के मंत्री अनिल विज एक महीने से अधिक समय से राज्य स्वास्थ्य विभाग का काम काज नहीं देख रहे हैं.

दिप्रिंट को पता चला है कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा उनके विभाग के कामकाज में कथित तौर पर हस्तक्षेप किए जाने से परेशान विज ने 5 अक्टूबर के बाद से स्वास्थ्य विभाग से संबंधित किसी भी फाइल को मंजूरी नहीं दी है. विज ने ये एक्शन उसी दिन से लिया है जिस दिन से सीएमओ के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने पंचकुला में विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी.

पता चला है कि इस बैठक की जानकारी विज को नहीं दी गई थी. इसके बाद, वह 10 नवंबर को चंडीगढ़ में आयोजित आयुष के एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए, जबकि उनके पास ही आयुष विभाग का कार्यभार भी है और इस कार्यक्रम की मेजबानी हरियाणा ही कर रहा था. इस कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद थे.

इसके विपरीत, विज गृह विभाग में काफी सक्रिय हैं. विज के पास गृह विभाग का भी कार्यभार है. पिछले महीने, उन्होंने 372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया, जिन्होंने एक वर्ष से अधिक समय से उन्हें सौंपे गए मामलों में जांच पूरी नहीं की थी.

दिप्रिंट द्वारा संपर्क किए जाने पर विज ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हालांकि, घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि मंत्री अपने विभाग में सीएमओ के “हस्तक्षेप” से परेशान हैं और उन्होंने सरकार को यह बता दिया है कि इस मुद्दे का समाधान होने तक वह स्वास्थ्य विभाग के काम में शामिल नहीं होंगे.

शनिवार को विज के करीबी एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “मंत्री ने 5 अक्टूबर के बाद से स्वास्थ्य विभाग से संबंधित किसी भी फाइल को मंजूरी नहीं दी है. उन्होंने कुछ भाजपा विधायकों से कहा, जिन्होंने स्वास्थ्य विभाग के संबंध में अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कार्यों के लिए अक्टूबर के पहले पखवाड़े में उनसे संपर्क किया था कि वह अब इस विभाग की देखभाल नहीं कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए सीएमओ से संपर्क करना चाहिए. ”

सूत्र ने कहा: “हालांकि, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित काम के लिए अब बहुत कम लोग उनके पास आते हैं अब यह कोई दबी छुपी बात भी नहीं रह गई है. मंत्री पहले ही इस मामले को केंद्र में भाजपा के शीर्ष नेताओं तक पहुंचा चुके हैं.

5 अक्टूबर को खुल्लर की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनकी पत्नी, वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर और वर्तमान में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. सोनिया खुल्लर ने भाग लिया. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक राजनारायण कौशिक भी उपस्थित थे.

दिप्रिंट ने टेलीफोन कॉल और टेक्स्ट संदेश के माध्यम से खुल्लर तक पहुंचने का प्रयास किया. यदि वह जवाब देते हैं तो यह लेख अपडेट किया जाएगा.

हालांकि, सीएमओ में तैनात एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कामकाज में मुद्दों के कारण खुल्लर को समीक्षा बैठक आयोजित करने के लिए कहा गया था.

कार्यकारी ने कहा, “खुल्लर ने खुद समीक्षा बैठक नहीं बुलाई, बल्कि सीएम साहब ने उनसे कहा था क्योंकि स्वास्थ्य विभाग में कुछ मामले लंबित थे. हमारी राजनीतिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है. मंत्रियों की नियुक्ति सीएम की सिफारिश पर की जाती है और उनके विभागों में फेरबदल भी उनकी सिफारिश पर किया जाता है. सीएमओ में अधिकारी सीएम की ओर से काम करते हैं. ”

उन्होंने कहा, “इसलिए, अगर मुख्यमंत्री चाहते हैं कि उनका कोई अधिकारी किसी भी विभाग के कामकाज की समीक्षा करे तो ये सीएमओ द्वारा हस्तक्षेप का मामला नहीं माना जाएगा.”

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

संपर्क करने पर, भाजपा के राज्य प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि इस मामले का पार्टी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है और यदि कोई मुद्दा है, तो वह सीएम और उनके मंत्री के बीच का है.

शर्मा ने कहा, “भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने हाल ही में विज से मुलाकात की. लेकिन उनकी बैठक में यह मुद्दा नहीं उठा. पार्टी के राज्य प्रमुख ने मंत्री से शिष्टाचार भेंट की क्योंकि उन्हें हाल ही में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. ”

भाजपा ने पिछले महीने ओपी धनखड़ के स्थान पर सैनी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था, जो तीन साल से अधिक समय से इस पद पर थे.

विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसी मामले को लेकर पहली बार आमने-सामने नहीं है. दिसंबर 2020 में, विज से आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) छीन लिया गया था, जो गृह विभाग का ही एक हिस्सा था. ऐसा तब हुआ जब विज ने सीआईडी पर इस बात के लिए दबाव डाला कि खुफिया सूचनाएं अकेले सीएम के साथ नहीं बल्कि उनके साथ साझा की जाएं.

फिर, इस साल जनवरी में, विज ने दो प्रमुख विभाग – तकनीकी शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी – खो दिए क्योंकि दोनों को उच्च शिक्षा में विलय कर दिया गया था, जो मंत्री मूलचंद शर्मा के पास था.

गृह, स्वास्थ्य और आयुष विभागों के अलावा, विज के पास वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग भी है.


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कौन हैं राजेश खुल्लर

राजेश खुल्लर हरियाणा कैडर के 1988 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. खट्टर के पहले कार्यकाल के दौरान, खुल्लर उनके कार्यालय में प्रमुख सचिव थे. हालांकि, सितंबर 2020 में, खुल्लर को तीन साल की अवधि के लिए वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था.

इसके बाद – इस साल 31 अगस्त को अपनी रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले – वह अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तीय आयुक्त, राजस्व, आपदा प्रबंधन और समेकन के रूप में हरियाणा सरकार में फिर से शामिल हो गए.

फिर, उनकी रिटायरमेंट के एक दिन बाद, खट्टर ने उन्हें 1982 बैच के एक अन्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, जो मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे, दीपिंदर सिंह ढेसी के स्थान पर अपने कार्यालय में मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया.

ढेसी को बाद में शहरी विकास का प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया और उन्हें फ़रीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत के महानगरीय अधिकारियों के समग्र अधीक्षण और मार्गदर्शन का काम सौंपा गया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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