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Thursday, 19 December, 2024
होमराजनीति‘कोई नेता नहीं, दृष्टि नहीं’: विपक्ष पर हमला बोलते हुए, NDA की बैठक में 38 दलों के शामिल होने का दावा

‘कोई नेता नहीं, दृष्टि नहीं’: विपक्ष पर हमला बोलते हुए, NDA की बैठक में 38 दलों के शामिल होने का दावा

यह बैठक मंगलवार को दिल्ली में होगी क्योंकि विपक्ष के 24 दल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से मुकाबला करने के लिए बेंगलुरु में एकत्र होंगे.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बेंगलुरु में विपक्षी की बैठक को ‘भानुमती का कुनबा’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि 38 दल मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में भाग लेंगे.

यह बैठक अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से मुकाबला करने के लिए बेंगलुरु में 24 विपक्षी दलों की बैठक आयोजित करने की पृष्ठभूमि में हुई है.

नड्डा ने कहा, पिछले नौ वर्षों में एनडीए का दायरा और पहुंच बढ़ी है. उन्होंने कहा, “देश ने तय कर लिया है कि 2024 में भाजपा ही जीतेगी. पीएम मोदी के नेतृत्व में सुशासन बढ़ा है, लोगों का झुकाव एनडीए की ओर हुआ है.”

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के तहत सरकार ने ग्रामीणों, दलितों, महिलाओं, किसानों, युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है. “प्रत्यक्ष स्थानांतरण एक हिट है. 28 करोड़ रुपये सीधे खातों में भेजे गए हैं.”

नड्डा ने कहा, “एनडीए का एजेंडा राष्ट्र निर्माण के पथ पर सभी को साथ लेकर चलने के लिए बिल्कुल स्पष्ट है. हमने किसी भी समय किसी को नहीं छोड़ा है.” हमने हमेशा मर्यादा बनाए रखी है और जो चले गए उनके साथ हमने दोस्ताना संबंध बनाए रखे हैं. चूंकि उस बड़े उद्देश्य के लिए हमारी व्यापक दृष्टि ‘सबका विकास, सबका साथ, सबका प्रयास’ है. अब, उन्हें उस बड़े उद्देश्य के लिए निर्णय लेना होगा कि वे (एनडीए में शामिल होने के लिए) कब आना चाहते हैं. ये हमारे हाथ में नहीं है. हम कभी किसी को निमंत्रण नहीं देते. हम तो सिर्फ एजेंडा बताते हैं. क्या आप इसके साथ खड़ा होना चाहते हैं या उसके साथ…”

बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, नड्डा ने विपक्ष की बैठक को ‘फोटो खींचने का अच्छा अवसर’ करार दिया.

उन्होंने कहा, “विपक्ष किसे अपना नेता बनाएगा यह उनका मुद्दा है, लेकिन विपक्षी गठबंधन भानुमती का कुनबा है (असंभावित साझेदार) उनके पास न तो नेता हैं, न ही दृष्टि, या कोई कार्रवाई करने की क्षमता. हम दूसरों की कमजोरी पर नहीं बल्कि अपनी ताकत पर चुनाव लड़ते हैं.”

उन्होंने कहा, “एनडीए गठबंधन सत्ता के लिए नहीं बल्कि सेवा और देश के लिए काम करने के लिए है. विपक्षी गठबंधन भानुमति का कुनबा है. कहीं की ईट, कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा. ना इनके पास नेता है, ना ही नियत, नीति और ना ही फैसला लेने की ताकत.”

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए विपक्ष और बीजेपी दोनों ही अपनी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं और ये बैठकें बड़ी रणनीति का हिस्सा हैं.

नड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि एनडीए का एजेंडा सभी को साथ लेकर चलना है. “हमारा अंतिम लक्ष्य विचारधारा है. हम पिछले नौ वर्षों में किए गए कार्यों को आगे बढ़ाएंगे. मैं स्थायी नहीं हूं, पार्टी और विचारधारा स्थायी है.”

भाजपा उन कई दलों से बातचीत कर रही है, जिन्होंने पहले एनडीए गठबंधन छोड़ दिया था. इससे पहले दिन में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और शाम के समय नड्डा ने जानकारी दी की पासवान ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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