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Saturday, 16 November, 2024
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आठवीं बार बिहार के सीएम बने नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम पद की शपथ लेकर तेजस्वी ने छुए पैर

नीतीश ने कहा कि 2014 में आने वाले, 2024 में रहेंगे तब ना. हम रहें या न रहें वे 2024 में नहीं रहेंगे. पीएम पोस्ट के सवाल पर बोले कि मैं ऐसे पद के लिए उम्मीदवार नहीं हूं.

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नई दिल्लीः नीतीश कुमार ने 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. उनके साथ ही राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. तेजस्वी ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. राजभवन में फागू चौहान ने उन्हें शपथ दिलाई. ग्रहण लेने के बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पैर छुए लेकिन आगे बढ़कर नीतीश कुमार ने उनसे हाथ मिलाया.

बेटे तेजस्वी के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए राबड़ी देवी भी राजभवन पहुंचीं. रावड़ी ने कहा, ‘बिहार की जनता के लिए बहुत अच्छा हुआ है. मैं जनता को धन्यवाद देती हूं. सब बहुत खुश हैं.’

शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा- मैं पुरानी जगह जाकर खुश हूं. उन्होंने किसी पार्टी विशेष का नाम लिए बिना भाजपा पर कटाक्ष किया.

उन्होंने कहा, ‘अटल बिहारी वाजपेयी को नहीं भुला पाऊंगा.’

नीतीश ने कहा कि 2014 में आने वाले, 2024 में रहेंगे तब ना. हम रहें या न रहें वे 2024 में नहीं रहेंगे. मैं विपक्ष को 2024 के लिए एकजुट होने की अपील करता हूं. हालांकि, पीएम पोस्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं ऐसे पद के लिए उम्मीदवार नहीं हूं.

बेटे तेजस्वी के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए राबड़ी देवी भी राजभवन पहुंचीं. रावड़ी ने कहा, बिहार की जनता के लिए बहुत अच्छा हुआ है. मैं जनता को धन्यवाद देती हूं. सब बहुत खुश हैं.

शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बात की बिना नाम लिए उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष किया. नीतीश ने कहा कि 2014 में आने वाले, 2024 में रहेंगे तब ना. हम रहें या न रहें वे 2024 में नहीं रहेंगे. मैं विपक्ष को 2024 के लिए एकजुट होने की अपील करता हूं. हालांकि, पीएम पोस्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं ऐसे पद के लिए उम्मीदवार नहीं हूं.

उन्होंने आगे कहा, ‘इन लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा. विपक्ष कभी खत्म नहीं हो सकता है. हम काम करने वाले लोग हैं. 2020 में साजिश के चलते कम सीटें मिली. आप हमारी पार्टी के लोगों से पूछ लीजिए की क्या सबकी स्थिति हुई. मैं मुख्यमंत्री(2020 में) बनना नहीं चाहता था. लेकिन मुझे दवाब दिया गया कि आप संभालिए. बाद के दिनों में जो कुछ भी हो रहा था, सब देख रहे थे. हमारी पार्टी के लोगों के कहने हम अलग हुए.’

आठवीं बार बने मुख्यमंत्री

वामपंथी पार्टियों ने भी सरकार को बाहर से समर्थन देने का वादा किया है. नीतीश कुमार ने सबसे पहले साल 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन वह सरकार सिर्फ एक हफ्ते के लिए ही चली थी. इसके बाद वह साल 2005 में दोबारा मुख्यमंत्री बने. इस बार उनके पास पूरा बहुमत था. उनके नेतृत्व में एनडीए को भारी जीत मिली थी.

साल 2015 में नीतीश कुमार ने ग्रैंड अलायंस के साथ सीएम पद की शपथ ली. इस ग्रैंड अलायंस में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस शामिल थे. लेकिन मतभेद के कारण 2017 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. हालांकि, 24 घंटे के अंदर ही उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर फिर से सरकार बना ली.

वहीं बीजेपी मुख्यालय के बाहर बीजेपी नेता नीतीश कुमार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने ट्वीट किया, ‘अच्छा सिला दिया हम लोगों के प्यार का’ ये तो बड़ी गलत बात है. जब भी मिले कभी आभास नहीं हुआ कि वे छोड़ कर जाएंगे. लोकसभा के चुनाव में 40 सीट भाजपा जीतेगी.’

वहीं बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद महागठबंधन ने विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है. चूंकि विजय कुमार सिन्हा बीजेपी के हैं इसलिए महागठबंधन ने इन्हें हटाने की मांग की है.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि 2017 में नीतीश RJD से अलग हुए तो उन्होंने कहा कि RJD हमारे दल को तोड़ रही है, फिर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वे अलग हुए. कल भी यही कहा कि भाजपा JDU को तोड़ रही है. इससे समझ आता है कि ये सोची समझी साजिश है.


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