नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शनिवार को फैसला किया कि अगले साल 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा. इसी बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह एक बार फिर से कमान संभालें, जिस पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इस बारे में वह विचार करेंगे.
बैठक में संबोधन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘जी 23’ समूह के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं तथा उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजनीतिक हालात, कृषि संकट और किसानों पर हमले तथा महंगाई पर तीन प्रस्ताव भी पारित किए गए.
बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संगठनात्मक चुनाव का पूरा कार्यक्रम सामने रखा.
संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर आगामी एक नवंबर से कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएगी, जो अगले साल 31 मार्च तक चलेगा. चौदह से 29 नवंबर के बीच महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा.
इसके बाद 15 अप्रैल तक सभी सदस्यों और चुनावों के दावेदारों की सूची जिला कांग्रेस कमेटियों की ओर से प्रकाशित की जाएगी. 16 अप्रैल से 31 मई के बीच ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों एवं बूथ समितियों के अध्यक्षों का चुनाव होगा.
कांग्रेस की ओर से संगठनात्मक चुनाव के घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, अगले साल 1 जून से 20 जुलाई के बीच जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों, कोषाध्यक्षों, उपाध्यक्षों और कार्यकारी समिति का चुनाव कराया जाएगा.
इसके साथ ही 2022 में 31 जुलाई से 20 अगस्त के बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, कोषाध्यक्षों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों का चुनाव संपन्न होगा.
इसके बाद 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच कांग्रेस के नये अध्यक्ष का चुनाव होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी समेत करीब 45 नेता शामिल हुए.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अस्वस्थ होने के कारण और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, ओमन चांडी और आरपीएन सिंह कुछ निजी कारणों से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके.
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य नेताओं ने इसका समर्थन किया.
सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर राहुल गांधी ने कहा, ‘आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं. इस पर विचार करूंगा. समय आने पर फैसला होगा.’
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.
बैठक में संबोधन के दौरान सोनिया ने जोर देकर कहा, ‘अगर आप मुझे बोलने की इजाजत दें तो मैं पूर्णकालिक और सक्रिय अध्यक्ष हूं…पिछले दो वर्षों में कई साथियों और खासकर युवा नेताओं ने नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उठाई है और पार्टी की नीतियों को लोगों तक लेकर गए हैं.’
उन्होंने ‘जी 23’ के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘मैंने सदा स्पष्टवादिता की सराहना की है. मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है. इसलिए हम सभी यहां खुली और ईमानदार चर्चा करते हैं. लेकिन इस चहारदीवारी से बाहर जो बात जाए वो सीडब्ल्यूसी का सामूहिक फैसला होना चाहिए.’ कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं की ओर से पार्टी के भीतर संवाद की मांग किए जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में यह बैठक हुई.
पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी. आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए.