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Thursday, 25 April, 2024
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NCP प्रमुख शरद पवार बोले- शैक्षणिक डिग्री नहीं, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा जरूरी

एनसीपी प्रमुख शरद पवार इससे पहले अडाणी को लेकर दिए अपने बयान को लेकर चर्चा में थे और अब शैक्षणिक डिग्री वाली बात को लेकर चर्चा में हैं.

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नई दिल्ली: एनसीपी प्रमुख शरद पवार बीतें कुछ दिनों से अपने बयानों को लेकर चर्चा में है अडाणी पर अपने बयान के बाद पवार ने राजनीति में चल रहे डिग्री विवाद पर अपने विचार साझा किए हैं. शरद पवार ने अपने हाल के बयान में कहा है कि जब हम बेरोजगारी और महंगाई का सामना कर रहे हैं तब किसी की शैक्षणिक डिग्री राजनीतिक मुद्दा होनी चाहिए?.

उन्होंने कहा, ‘जब हम बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और महंगाई का सामना कर रहे हैं तो क्या देश में किसी की शैक्षणिक डिग्री राजनीतिक मुद्दा होनी चाहिए? आज धर्म और जाति के नाम पर लोगों में भेद पैदा किया जा रहा है. महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद हो गई हैं. इन मुद्दों पर चर्चा जरूरी है.’

31 मार्च को, गुजरात उच्च न्यायालय ने मुख्य सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेश को खारिज कर दिया और फैसला सुनाया कि प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है.

न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पीएमओ, गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश देने वाले सीआईसी के आदेश को रद्द कर दिया.
पीठ सीआईसी के आदेश को चुनौती देने वाली गुजरात विश्वविद्यालय की अपील पर सुनवाई कर रही थी.

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उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिन्होंने प्रधानमंत्री की डिग्री के प्रमाण पत्र का ब्योरा मांगा था.

दिल्ली के सीएम ने ट्विटर पर कहा, ‘क्या देश को यह जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके पीएम ने कितनी पढ़ाई की है? उन्होंने अदालत में अपनी डिग्री दिखाने का जोरदार विरोध किया. क्यों? जुर्माना? यह क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे पीएम देश के लिए बहुत खतरनाक हैं.

दिल्ली के सीएम पीएम मोदी की “शैक्षणिक योग्यता” पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर लगातार हमले कर रहे हैं.


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