नाशिक (महाराष्ट्र) : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को येओला के लोगों से माफी मांगी, जो कि निष्कासित असंतुष्ट नेता छगन भुजबल का विधानसभा क्षेत्र है.
पहले एनसीपी प्रमुख के सहयोगी रहे, भुजबल उन 8 एनसीपी के बागी नेताओं में से हैं जो शरद पवार के भतीजे और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की एनडीए सरकार में शामिल हुए हैं. येओला में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा, “यह रैली किसी पर आरोप लगाने के लिए नहीं है. मैं यहां आप लोगों से माफी मांगने के लिए आया हूं.”
एनसीपी प्रमुख ने रैली में कहा, “मुझे गलत फैसले के लिए पछतावा है (इस विधानसभा क्षेत्र से भुजबल को उतारना). आपने में मुझ पर भरोसा किया और मेरी पार्टी को वोट दिया लेकिन मेरा फैसला गलत साबित हुआ. इसलिए, यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं आप लोगों से माफी मांगू. अगली बार, जब यहां आऊंगा तो वादा करता हूं कि मैं यह गलती नहीं दोहराऊंगा.”
एनसीपी प्रमुख ने कहा, “कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने एक रैली में एनसीपी और कांग्रेस पर उंगली उठाई थी. मैं उन्हें बताना चाहता हूं, अगर हम कुछ भी गलत करते हैं तो हमारे खिलाफ कार्रवाई करें. अगर हम कुछ गलत करते हैं, तो हम सजा भुगतने के लिए तैयार हैं. हालांकि, यह लोकसभा की लड़ाई है और हम, विपक्ष इस लड़ाई के लिए तैयार हैं.”
अजीत पवार के उन पर तंज कसने और उनकी उम्र को लेकर उन्हें राजनीति से रिटायर होने की सलाह देने को लेकर एनसीपी प्रमुख ने कहा हालांकि, वह किसी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी करने के खिलाफ थे, लेकिन अगर वह या उनके गुट के साथी नेता ऐसी ही टिप्पणी करते हैं, तो दूसरे लोग इसे पसंद नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि अजीत पवार के एनसीपी में तोड़-फोड़ कर एनडीए सरकार में शामिल होने से महाराष्ट्र में एक ताजा राजनीतिक भूचाल आ गया है, उनके साथ 8 एमएलए भी शामिल हुए हैं, जिनमें शीर्ष नेता भुजबल, प्रफुल्ल पटेल और हसन मुसरिफ शामिल हैं.
जब अजीत पवार ने शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री की शपथ ली तो उनके असंतुष्ट साथी भी मंत्री के तौर पर शपथ लिए.
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