मुंबई: निर्दलीय सांसद नवनीत राणा जेल से बाहर आकर एक बार फिर मुखर हो गई हैं. नवनीत ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. नवनीत ने उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा है कि उनमें हिम्मत है
‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने के विवाद को लेकर पिछले महीने मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गयी नवनीत राणा को हाल में जमानत मिली है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि मुंबई के लोग और भगवान राम नगर निकाय चुनावों में शिवसेना को सबक सिखाएंगे.
शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने मई 2020 को महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य के तौर पर शपथ ली थी. वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद नवंबर 2019 में मुख्यमंत्री बने थे. इससे पहले वह राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं थे.
महाराष्ट्र में अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मुंबई पुलिस ने 23 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था. दंपति ने घोषणा की थी कि वे यहां मुख्यमंत्री ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए थे.
मुंबई की एक विशेष अदालत ने दंपति को चार मई को जमानत दी थी. वे पांच मई को जेल से बाहर आए, जिसके बाद नवनीत राणा को यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनके वकील ने बताया था कि राणा को उच्च रक्तचाप, शरीर में दर्द और स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत थी.
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रविवार को पत्रकारों से बातचीत में नवनीत राणा ने कहा, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे जी को एक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव करने और लोगों द्वारा सीधे निर्वाचित होने की चुनौती देती हूं. मैं उनके खिलाफ लडूंगी. मैं ईमानदारी के साथ कठिन मेहनत करूंगी और चुनाव जीतूंगी तथा उन्हें (मुख्यमंत्री) लोगों की ताकत का पता चल जाएगा.’’
सांसद ने कहा, ‘‘मैंने क्या अपराध किया था कि मुझे 14 दिनों तक जेल में रहना पड़ा? आप मुझे 14 साल के लिए जेल में डाल सकते हो लेकिन मैं भगवान राम और हनुमान का नाम लेना बंद नहीं करूंगी. मुंबईवासी और भगवान राम निकाय चुनावों में शिवसेना को सबक सिखाएंगे.’’
नवनीत राणा ने यह भी कहा कि वह मुंबई में प्रचार करेंगी और शिवसेना के ‘‘भ्रष्ट शासन’’ को खत्म करने के लिए ‘राम भक्तों’ का समर्थन करेंगी.
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